पी॰वी॰ सिंधु
पी॰वी॰ सिंधु
(Age 28 Yr. )
व्यक्तिगत जीवन
शिक्षा | एमबीए |
धर्म/संप्रदाय | सनातन |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
व्यवसाय | भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी |
स्थान | हैदराबाद, आंध्र प्रदेश (अब तेलंगाना में), भारत, |
शारीरिक संरचना
ऊंचाई | लगभग 5.10 फ़ीट |
वज़न | लगभग 65 किग्रा |
शारीरिक माप | 34-26-36 |
आँखों का रंग | काला |
बालों का रंग | काला |
पारिवारिक विवरण
अभिभावक | पिता : पी. वी. रमना |
भाई-बहन | बहन : दिव्याराम पुसरला (बड़ी) |
पसंद
भोजन | बिरयानी, आइसक्रीम, पास्ता, पिज़्ज़ा |
अभिनेत्री | दीपिका पादुकोन |
अभिनेता | महेश बाबू, प्रभास, रितिक रोशन, रणवीर सिंह |
Index
1. प्रारंभिक जीवन और प्रशिक्षण |
2. करियर |
3. चयनित विरोधियों के विरुद्ध अभिलेख |
4. उपलब्धियां |
5. सम्मान |
पुसर्ला वेंकट सिंधु एक विश्व वरीयता प्राप्त भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी हैं तथा भारत की ओर से ओलम्पिक खेलों में महिला एकल बैडमिंटन का रजत पदक व कांस्य पदक जीतने वाली वे पहली खिलाड़ी हैं। इससे पहले वे भारत की नैशनल चैम्पियन भी रह चुकी हैं। सिंधु ने नवंबर 2016 में चीन ऑपन का खिताब अपने नाम किया है। ओलिंपिक रजत पदक विजेता पीवी सिंधु ने BWF वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप के फाइनल में शानदार जीत दर्ज कर पहली बार इस खिताब को अपने नाम किया है। वह वर्ल्ड चैंपियनशिप जीतने वाली पहली भारतीय शटलर हैं। फाइनल मुकाबले में उन्होंने जापान की नोज़ोमी ओकुहारा को 21-7,21-7 से मात दी। 24 अगस्त 2019 को हुए सेमीफाइनल मैच में उन्होंने चीन की चेन युफ़ेई को 21-7, 21-14 से हराया। सिंधु ने सीधे सेटों में 39 मिनट के अंदर ही विपक्षी चीनी चुनौती को समाप्त कर दिया। टोक्यो ओलंपिक 2020 में पीवी सिंधु द्वारा चीन की हे बिंग को हराकर कांस्य पदक अपने नाम किया ।
प्रारंभिक जीवन और प्रशिक्षण
सिंधु पूर्व वालीबॉल खिलाड़ी पी.वी. रमण और पी. विजया के घर 5 जुलाई 1995 में पैदा हुई। रमण भी वालीबाल खेल में उल्लेखनीय कार्य हेतु वर्ष-2000 में भारत सरकार का प्रतिष्ठित अर्जुन पुरस्कार प्राप्त कर चुके हैं। उनके माता-पिता पेशेवर वॉलीबॉल खिलाड़ी थे, किन्तु सिंधु ने 2001 के ऑल इंग्लैंड ओपन बैडमिंटन चैंपियन बने पुलेला गोपीचंद से प्रभावित होकर बैडमिंटन को अपना करियर चुना और महज आठ साल की उम्र से बैडमिंटन खेलना शुरू कर दिया। सिंधु ने सबसे पहले सिकंदराबाद में इंडियन रेलवे सिग्नल इंजीनियरिंग और दूर संचार के बैडमिंटन कोर्ट में महबूब अली के मार्गदर्शन में बैडमिंट
करियर
अंतरराष्ट्रीय सर्किट में, सिंधु कोलंबो में आयोजित 2009 सब जूनियर एशियाई बैडमिंटन चैंपियनशिप में कांस्य पदक विजेता रही हैं। उसके बाद उन्होने वर्ष-2010 में ईरान फज्र इंटरनेशनल बैडमिंटन चैलेंज के एकल वर्ग में रजत पदक जीता। वे इसी वर्ष मेक्सिको में आयोजित जूनियर विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप के क्वार्टर फाइनल तक पहुंची। 2010 के थॉमस और उबर कप के दौरान वे भारत की राष्ट्रीय टीम की सदस्य रही।
14 जून 2012 को, सिंधु इंडोनेशिया ओपन में जर्मनी के जुलियन शेंक से 21-14, 21-14 से हार गईं। 7 जुलाई 2012 को वे एशिया यूथ अंडर-19 चैम्पियनशिप के फाइनल में उन्होने जापानी खिलाड़ी नोजोमी ओकुहरा को 18-21, 21-17, 22-20 से हराया। उन्होने 2012 में चीन ओपन (बैडमिंटन) सुपर सीरीज टूर्नामेंट में लंदन ओलंपिक 2012 के स्वर्ण पदक विजेता चीन के ली जुएराऊ को 9-21, 21-16 से हराकर सेमी फाइनल में प्रवेश किया। वे चीन के ग्वांग्झू में आयोजित 2013 के विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप में एकल पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी है। इसमें उन्होने ऐतिहासिक कांस्य पदक हासिल किया था। भारत की उभरती हुई इस बैडमिंटन खिलाड़ी ने अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखते हुए 1 दिसम्बर 2013 को कनाडा की मिशेल ली को हराकर मकाउ ओपन ग्रां प्री गोल्ड का महिला सिंगल्स खिताब जीता है। शीर्ष वरीयता प्राप्त 18 वर्षीय सिंधु ने सिर्फ 37 मिनट चले खिताबी मुकाबले में मिशेल को सीधे गेम में 21-15, 21-15 से हराकर अपना दूसरा ग्रां प्री गोल्ड खिताब जीता। उन्होंने इससे पहले मई में मलेशिया ओपनजीता था। सिंधु ने शुरुआत से ही दबदबा बनाया और कनाडा की सातवीं वरीय खिलाड़ी को कोई मौका नहीं दिया। पी. वी. सिंधु ने 2013 दिसम्बर में भारत की 78वीं सीनियर नैशनल बैडमिंटन चैम्पियनशिप का महिला सिंगल खिताब जीता।
2016 रियो ओलम्पिक
सिंधु ने ब्राजील के रियो डि जेनेरियो में आयोजित किये गए 2016 ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व किया और महिला एकल स्पर्धा के फाइनल में पहुंचने वाली भारत की पहली महिला बनीं। सेमी फाइनल मुकाबले में सिंधु ने जापान की नोज़ोमी ओकुहारा को सीधे सेटों में 21-19 और 21-10 से हराया। फाइनल में उनका मुकाबला विश्व की प्रथम वरीयता प्राप्त खिलाड़ी स्पेन की कैरोलिना मैरिन से हुआ। पहली गेम 21-19 से सिंधु ने जीता लेकिन दूसरी गेम में मैरिन 21-12 से विजयी रही, जिसके कारण मैच तीसरी गेम तक चला। तीसरी गेम में उन्होंन {21-15} के स्कोर से मुकाबला किया किंतु अंत में उन्हें रजत पदक से संतोष करना पड़ा।
इन्टरनेट पर
गूगल की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया, 'महिला एकल बैडमिंटन के सेमीफाइनल में विश्व की नंबर छह खिलाड़ी नोज़ोमी ओकुहारा को हराने के बाद सिंधु सबसे अधिक खोजे जाने वाली भारतीय खिलाड़ी हैं। इसके बाद भारत के लिए पहला पदक जीतने वाली साक्षी मलिक का नंबर है।' 16 से 19 अगस्त 2016 में इंटरनेट पर सबसे अधिक ढूंढे जाने वाले भारतीय खिलाड़ियों में किदांबी श्रीकांत (बैडमिंटन), दीपा कर्माकर (जिमनैस्टिक), सानिया मिर्जा (टेनिस), साइना नेहवाल (बैडमिंटन), विनेश फोगट (कुश्ती), ललिता बाबर (3000 मीटर स्टीपलचेज), विकास कृष्ण यादव (मुक्केबाजी) और नरसिंह पंचम यादव (कुश्ती) शामिल हैं।
- उनके समग्र करियर रिकॉर्ड इसप्रकार है:
प्रसंग | 2010 | 2011 | 2012 | 2013 |
---|---|---|---|---|
कोरिया ओपन सुपर सीरीज प्रीमियर | राउंड 2 | |||
BWF विश्व जूनियर चैंपियनशिप | राउंड 3 | |||
चीन ओपन सुपर सीरीज प्रीमियर | योग्यता | सेमीफाइनल्स | ||
इंडोनेशिया ओपन सुपर सीरीज प्रीमियर | राउंड 2 | |||
इंडिया ओपन सुपर सीरीज | सेमीफाइनल्स | राउंड 1 | क्वार्टरफाइनल्स | सेमीफाइनल्स |
जापान ओपन सुपर सीरीज | राउंड 2 | |||
डच ओपेन | रजत पदक | |||
इंडिया ओपन ग्रां प्री गोल्ड | राउंड 2 | राउंड 2 | रजत पदक | |
मलेशिया ओपन ग्रां प्री गोल्ड | स्वर्ण पदक | |||
BWF विश्व चैम्पियनशिप | कांस्य पदक | |||
मकाऊ ओपन बैडमिंटन चैंपियनशिप | स्वर्ण पदक | |||
भारतीय नैशनल बैडमिंटन चैंपियनशिप | विजेता |
2020 टोक्यो ओलिंपिक
भारत की स्टार बैडमिंटन प्लेयर पीवी सिंधु ने इतिहास रच दिया है। वे ओलिंपिक में लगातार 2 मेडल जीतने वाली भारत की पहली महिला खिलाड़ी बन गईं। ओवरऑल सुशील कुमार के बाद वे भारत की दूसरी एथलीट हैं। सिंधु ने ब्रॉन्ज मेडल मैच में चीन की जियाओ बिंग हे को केवल 52 मिनट में 21-13, 21-15 से हराया। सिंधु ने इससे पहले 2016 रियो ओलिंपिक में सिल्वर मेडल जीता था। सुशील ने 2008 बीजिंग ओलिंपिक में ब्रॉन्ज और 2012 लंदन ओलिंपिक में सिल्वर मेडल जीता था। यह ओवरऑल ओलिंपिक बैडमिंटन में भारत को तीसरा मेडल है।
चयनित विरोधियों के विरुद्ध अभिलेख
निम्नलिखित सूची में ओलिम्पिक व वैश्विक-स्तर के खिलाड़ियाें के अतिरिक्त कुछ अन्य खिलाड़ी भी सम्मिलित हैं।
- ह्सुआन-यु वैंडी चैन 1-0
- अलीना सुल्ताना 1-0
- लिंडा ज़ैट्चिरि 2-0
- मिशैल ली 6-2
- चैन यु फ़ेई 6–5
- जियांग यांजियाओ 0-2
- ह बिंगजियाओ 9–10
- ली श्यूरुई 4–3
- वांग लिन 0-1
- वांग शिक्षिआन 4–6
- वांग यिहान 3–4
- टाइन बउन 0-1
- पानूगा रिऊ 1-0
- आंद्रा वाइटसाइड 1-0
- जूलियाना शैंक 0-2
- यिप पुई यिन 4-0
- लौरा सारोसी 1-0
- साइना नेहवाल 1–3
- ग्रैगोरिया मरिस्का तुंजुंग 6-0
- लिंडावेनी फ़ानेत्री 8–2
- क्सेनिया पोलिकार्पोवा 2-0
- जिअनीन सिसोग्निनि 3-0
- अकाने यामागुची 14–9
- अया ओहोरी 10-0
- ऐरिको हिरोसे 1-3
- मिनात्सु मितानी 3–2
- नोज़ोमी ओकुहारा 9–8
- सोनीया चीह 2-1
- याओ जिअ 0-2
- इवजीनिया कौसेत्सकाया 2-0
- कर्स्टी गिल्मौर 1-1
- जुआन गू 2-1
- सांद्रा ले ग्रांजे 1-0
- बाऐ यिऔन-जू 1–4
- सुंग जी-ह्युन 9–8
- कैरोलीना मारिन 6–9
- थिल्लिनी हैंदाहेवा 1-0
- ताई ज़ू-यिंग 5–17
- बुसानन औंगबैम्रुंगफन 10-1
- रत्चानोक इंतानौन 4–9
- नैस्लिहान यिगिट 1-0
- बेइवेन झांग 5-4
- वू थी ट्रंग 1-0
उपलब्धियां
व्यक्तिगत उपलब्धियां (6)
क्र. सं. | साल | मुकाबला | फाइनल में विरोधी | स्कोर |
---|---|---|---|---|
1 | 2011 | इंडोनेशिया इंटरनेशनल | फ्रांसिस्का रत्नासरी | 21-16, 21-11 |
2 | 2013 | मलेशिया मास्टर्स | गू जुआन | 21–17, 17–21, 21–19 |
3 | 2013 | मकाउ ओपन | मिशेल ली | 21–15, 21–12 |
4 | 2014 | मकाउ ओपन | किम ह्यो-मिन | 21–12, 21–17 |
5 | 2015 | मकाउ ओपन | मिनात्सु मितानी | 21–9, 21-23, 21-14 |
6 | 2016 | मलेशिया मास्टर्स | किर्स्टी गिलमौर | 21-15, 21-9 |
ग्रैंड प्रिक्स गोल्ड
इंटरनेशनल चैलेंज
व्यक्तिगत उपविजेता (5)
क्र. सं. | साल | मुकाबला | फाइनल में विरोधी | स्कोरScore |
---|---|---|---|---|
1 | 2011 | डच ओपन | याओ जीए | 16–21, 17–21 |
2 | 2012 | सईद मोदी इंटरनेशनल | लिंडावेनी फनेत्री | 15-21, 21-18, 18-21 |
3 | 2014 | सईद मोदी इंटरनेशनल | साइना नेहवाल | 14-21, 17-21 |
4 | 2015 | डेनमार्क ओपन | ली श्यूरुई | 19-21, 12-21 |
5 | 2016 | South Asian Games | जी.आर शिवानी | 11–21, 20–22 |
6 | 2016 | ओलम्पिक्स | कैरोलिना मारिन | 21–19, 12–21, 15–21 |
सुपर सीरीज प्रीमियर
ग्रैंड प्रिक्स गोल्ड
ग्रैंड प्रिक्स
सम्मान
राष्ट्रीय
- राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार ,भारत का सर्वोच्च खेल पुरस्कार ( 2016 )
- पद्म श्री, भारत का चौथा सर्वोच्च नागरिक सम्मान। (2015)
- अर्जुन पुरस्कार (2013)
अन्य
- एफआईसीसीआई 2014 का महत्वपूर्ण खिलाड़ी।
- एनडीटीवी इंडियन ऑफ़ द ईयर 2014.
- ₹10 लाख (US$14,600) भारतीय बैडमिंटन समिति की ओर से 2015 ने मकाउ ओपन बैडमिंटन चैंपियनशिप्स में जीतने के लिए।
- ₹5 लाख (US$7,300) 2016 मलेशिया मास्टर्स में जीत के लिए भारतीय बैडमिंटन समिति द्वारा।
2016 रियो समर ओलंपिक्स के लिए
- ₹1.01 लाख (US$1,500) सलमान खान की ओर से रियो में प्रतियोगी के तौर पर क्वालीफाई करने के लिए।
- ₹5 करोड़ (US$0.73 मिलियन), और जमीन, तेलंगाना सरकार की ओर से।
- ₹3 करोड़ (US$4,38,000), और ग्रुप ए कैडर की नौकरी और 1000 गज2 जमीन, आंध्र प्रदेश सरकार की और से।
- ₹2 करोड़ (US$2,92,000) दिल्ली सरकार की ओर से।
- ₹75 लाख (US$1,09,500) इनके एम्प्लॉयर भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन की ओर से साथ ही असिस्टेंट से डिप्टी स्पोर्ट्स मैनेजर पर प्रमोशन।
- ₹50 लाख (US$73,000) हरियाणा सरकार की ओर से
- ₹50 लाख (US$73,000) मध्य प्रदेश सरकार की ओर से।
- ₹50 लाख (US$73,000) युवा मामले और खेल मंत्रालय की ओर से।
- ₹50 लाख (US$73,000) भारतीय बैडमिंटन समिति की ओर से।
- ₹30 लाख (US$43,800)भारतीय ओलम्पिक समिति की ओर से
- ₹5 लाख (US$7,300) अखिल भारतीय फुटबॉल संघ की ओर से।
- बीएमडब्लयू कार हैदराबाद जिला बैडमिंटन समिति की और से।