मुनव्वर राना
मुनव्वर राना
(Age 70 Yr. )
व्यक्तिगत जीवन
धर्म/संप्रदाय | इसलाम |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
व्यवसाय | कवि |
स्थान | रायबरेली, उत्तर प्रदेश, भारत, |
शारीरिक संरचना
ऊंचाई | लगभग 5.6 फ़ीट |
वज़न | लगभग 90 किग्रा |
आँखों का रंग | गहरा भूरा |
बालों का रंग | स्लेटी |
पारिवारिक विवरण
अभिभावक | पिता : अनवर राणा |
वैवाहिक स्थिति | Married |
बच्चे/शिशु | बेटा : तबरेज़ राणा |
पसंद
स्थान | लखनऊ |
Index
1. कृतियाँ |
मुनव्वर राना (जन्म: 26 नवंबर 1952, रायबरेली, उत्तर प्रदेश) उर्दू भाषा के साहित्यकार हैं। इनके द्वारा रचित एक कविता शाहदाबा के लिये उन्हें सन् 2014 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वे लखनऊ में रहते हैं।
भारत-पाकिस्तान बंटवारे के समय उनके बहुत से नजदीकी रिश्तेदार और पारिवारिक सदस्य देश छोड़कर पाकिस्तान चले गए। लेकिन साम्प्रदायिक तनाव के बावजूद मुनव्वर राना के पिता ने अपने देश में रहने को ही अपना कर्तव्य माना। मुनव्वर राना की शुरुआती शिक्षा-दीक्षा कलकत्ता (नया नाम कोलकाता) में हुई। राना ने ग़ज़लों के अलावा संस्मरण भी लिखे हैं। उनके लेखन की लोकप्रियता का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनकी रचनाओं का ऊर्दू के अलावा अन्य भाषाओं में भी अनुवाद हुआ है।
कृतियाँ
मुनव्वर राना की अब तक एक दर्जन से ज्यादा पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं, जिनमें प्रमुख हैं :
- माँ
- ग़ज़ल गाँव
- पीपल छाँव
- बदन सराय
- नीम के फूल
- सब उसके लिए
- घर अकेला हो गया
- कहो ज़िल्ले इलाही से
- बग़ैर नक़्शे का मकान
- फिर कबीर
- नए मौसम के फूल
पुरस्कार एवं सम्मान
- अमीर ख़ुसरो अवार्ड 2006, इटावा
- कविता का कबीर सम्मान उपाधि 2006, इंदौर
- मीर तक़ी मीर अवार्ड 2005
- शहूद आलम आफकुई अवार्ड 2005, कोलकाता
- ग़ालिब अवार्ड 2005, उदयपुर
- डॉ॰ जाकिर हुसैन अवार्ड 2005, नई दिल्ली
- सरस्वती समाज अवार्ड 2004
- मौलाना अब्दुर रज्जाक़ मलीहाबादी अवार्ड 2001 (वेस्ट बंगाल उर्दू अकादमी )
- सलीम जाफरी अवार्ड 1997
- दिलकुश अवार्ड 1995
- रईस अमरोहवी अवार्ड 1993, रायबरेली
- भारती परिषद पुरस्कार, इलाहाबाद
- हुमायूँ कबीर अवार्ड, कोलकाता
- बज्मे सुखन अवार्ड, भुसावल
- इलाहाबाद प्रेस क्लब अवार्ड, प्रयाग
- हज़रत अलमास शाह अवार्ड
- सरस्वती समाज पुरस्कार 2004
- अदब अवार्ड 2004
- मीर अवार्ड
- मौलाना अबुल हसन नदवी अवार्ड
- उस्ताद बिस्मिल्लाह खान अवार्ड
- कबीर सम्मान