हरदीप सिंह पुरी : आयु, जीवनी, करियर, राजनीतिक और व्यक्तिगत जीवन
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हरदीप सिंह पुरी
(Age 73 Yr. )
व्यक्तिगत जीवन
शिक्षा | मास्टर ऑफ आर्ट्स |
धर्म/संप्रदाय | सिख धर्म |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
व्यवसाय | राजनीतिज्ञ एवं पूर्व आईएफएस अधिकारी |
स्थान | दिल्ली, भारत, |
शारीरिक संरचना
ऊंचाई | 5 फीट 7 इंच |
आँखों का रंग | काला |
बालों का रंग | ग्रे |
पारिवारिक विवरण
अभिभावक | पिता- भगत सिंह पुरी (आईएफएस अधिकारी) |
वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
जीवनसाथी | लक्ष्मी पुरी सिंह |
बच्चे/शिशु | बेटी- 2 |
भाई-बहन | भाई- प्रदीप पुरी (1979 बैच के आईएएस अधिकारी) |
हरदीप सिंह पुरी एक प्रमुख भारतीय राजनीतिज्ञ और पूर्व कूटनीतिज्ञ हैं, जो 2021 से भारत के 33वें पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री के रूप में कार्य कर रहे हैं।
वह 1974 बैच के भारतीय विदेश सेवा अधिकारी हैं और 2009 से 2013 तक संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि के रूप में कार्य कर चुके हैं। उनके पास अंतरराष्ट्रीय कूटनीति का गहरा अनुभव है।
2014 में, हरदीप पुरी ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) जॉइन की थी और नवंबर 2020 में वह उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के सदस्य बने। इससे पहले, मई 2019 में, उन्होंने आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय तथा नागरिक उड्डयन मंत्रालय में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में जिम्मेदारियां संभाली थीं, साथ ही वह वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय में राज्य मंत्री भी रहे।
पुरी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के आतंकवाद-रोधी समिति के अध्यक्ष के रूप में जनवरी 2011 से फरवरी 2013 तक भी कार्य किया। इसके बाद, उन्होंने 2013 में अंतरराष्ट्रीय शांति संस्थान (International Peace Institute) में वरिष्ठ सलाहकार के रूप में योगदान दिया।
वर्तमान में, वह 2022 में स्मार्ट सॉल्यूशंस चैलेंज और इन्क्लूसिव सिटीज अवार्ड्स प्रस्तुत कर रहे हैं, जो उनकी नेतृत्व क्षमता और वैश्विक दृष्टिकोण को दर्शाता है।
उनकी यात्रा न केवल भारतीय राजनीति में, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी प्रेरणादायक रही है!
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
हरदीप सिंह पुरी का जन्म 15 फरवरी 1952 को दिल्ली में हुआ था। उनके पिता, भगत सिंह पुरी, एक सिविल सर्वेंट थे, और उनकी मां श्रीमती कुंदन पुरी एक गृहिणी थीं। पृष्ठभूमि के हिसाब से उनका परिवार उच्च शिक्षा और कड़ी मेहनत के महत्व को मानता था।
हरदीप सिंह पुरी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली के फ्रैंक एंथनी पब्लिक स्कूल, लाजपत नगर से प्राप्त की। लेकिन जब उनके पिता के पोस्टिंग के कारण परिवार विभिन्न देशों में रहने लगा, जहां अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा उपलब्ध नहीं थी, तब हरदीप को भारत के बोर्डिंग स्कूलों में अपनी पढ़ाई पूरी करनी पड़ी। इस दौरान, उन्होंने भारतीय शिक्षा पद्धति और विविधता को नजदीक से देखा, जिससे उनके दृष्टिकोण में एक अलग ही परिपक्वता आई।
उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित हिन्दू कॉलेज से इतिहास में स्नातक (B.A.) की डिग्री प्राप्त की और फिर उसी कॉलेज से इतिहास में मास्टर (M.A.) की डिग्री हासिल की। शिक्षा के प्रति उनके समर्पण और इतिहास के प्रति गहरी रुचि ने उन्हें शैक्षिक क्षेत्र में भी पहचान दिलाई।
1973-74 में, हरदीप सिंह पुरी ने दिल्ली के सेंट स्टीफन कॉलेज में इतिहास के लेक्चरर के रूप में भी कार्य किया। इस समय उनके पास विद्यार्थियों को इतिहास के गहरे और विस्तृत पहलुओं को समझाने का अनुभव था, जो बाद में उनके कूटनीतिक और राजनीतिक करियर में मददगार साबित हुआ।
उनकी शिक्षा और प्रारंभिक जीवन ने उन्हें न केवल एक विद्वान बल्कि एक मजबूत और जागरूक व्यक्ति बनाया, जो अपने फैसलों में स्पष्ट और दूरदर्शी था।
कैरियर
सिविल सेवा
हरदीप सिंह पुरी ने 1974 में भारतीय विदेश सेवा (IFS) जॉइन की और इसके बाद भारत सरकार के विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। वह 1994 से 1997 और फिर 1999 से 2002 तक विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव रहे। 1997 से 1999 तक, उन्होंने रक्षा मंत्रालय में भी संयुक्त सचिव के रूप में कार्य किया। इसके बाद, वह 2009 से 2013 तक विदेश मंत्रालय में आर्थिक संबंधों के सचिव के रूप में नियुक्त हुए।
पुरी को ब्राजील में भारत के राजदूत के रूप में कार्य करने का अवसर भी मिला, और उन्होंने जापान, श्रीलंका, और यूनाइटेड किंगडम में भी महत्वपूर्ण कूटनीतिक पदों पर काम किया। विशेष रूप से, उन्होंने 1988 से 1991 तक यूएनडीपी/यूएनसीटीएडी मल्टीलेटरल ट्रेड नेगोशियेशन प्रोजेक्ट के कोऑर्डिनेटर के रूप में विकासशील देशों को उरुग्वे राउंड मल्टीलेटरल ट्रेड नेगोशियेशंस में सहायता प्रदान की।
संयुक्त राष्ट्र
हरदीप सिंह पुरी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के आतंकवाद-रोधी समिति (Counter-Terrorism Committee) के अध्यक्ष के रूप में जनवरी 2011 से फरवरी 2013 तक कार्य किया। इसके अलावा, उन्होंने अगस्त 2011 और नवंबर 2012 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष के रूप में भी कार्यभार संभाला। उनके नेतृत्व में, भारत ने वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष को प्रोत्साहित किया और संयुक्त राष्ट्र के मंच पर महत्वपूर्ण कदम उठाए।
राजनीति
पुरी ने 2013 में इंटरनेशनल पीस इंस्टीट्यूट में वरिष्ठ सलाहकार के रूप में भी कार्य किया। जनवरी 2014 में, उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (BJP) जॉइन की, और पार्टी की राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर अपनी प्रशंसा व्यक्त की।
वह 2018 से उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के सदस्य हैं। 2017 में, जब वेंकैया नायडू भारत के उपराष्ट्रपति बने, तो पुरी को आवास और शहरी मामलों का मंत्री नियुक्त किया गया। मई 2019 में, उन्होंने अमृतसर से बीजेपी उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा, लेकिन कांग्रेस के गुर्जीत सिंह औजला से हार गए।
मई 2019 में, पुरी को नागरिक उड्डयन मंत्रालय में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय में राज्य मंत्री का पद सौंपा गया।
2021 में, उन्हें मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय का केंद्रीय मंत्री बनाया गया, साथ ही वे आवास और शहरी मामलों के मंत्री भी बने। उनके मंत्रालय के तहत सेंट्रल vista प्रोजेक्ट का शुभारंभ हुआ, जो संसद भवन के पुनर्निर्माण का एक बड़ा हिस्सा है। हालांकि इस परियोजना को विपक्ष की ओर से आलोचनाओं का सामना करना पड़ा, लेकिन यह जारी रहा और 2024 तक इसके पूरा होने की उम्मीद है।
मार्च 2022 में, जब रूस ने यूक्रेन पर हमला किया, तो उन्हें यूक्रेन के पड़ोसी देश हंगरी के बुडापेस्ट में भेजा गया, जहां उन्होंने समन्वय प्रयासों में मदद की। वे एक विशेष राजनयिक मिशन के सदस्य थे, जिसमें चार मंत्रियों ने मिलकर ऑपरेशन गंगा के तहत 6711 भारतीय छात्रों को सफलतापूर्वक भारत वापस लाया।
व्यक्तिगत जीवन
हरदीप सिंह पुरी की शादी अम्बेसडर लक्ष्मी पुरी से हुई है, जो भारतीय विदेश सेवा की अधिकारी रह चुकी हैं और बाद में संयुक्त राष्ट्र (UN) के काडर से जुड़ीं। वह संयुक्त राष्ट्र की सहायक महासचिव (Assistant Secretary-General) और UN Women की उप-कार्यकारी निदेशक (Deputy Executive Director) रह चुकी हैं।
उनके दो बेटियाँ हैं। उनके भाई, प्रदीप पुरी, 1979 बैच के आईएएस अधिकारी हैं, जिन्होंने डीएनडी फ्लाईवे (DND Flyway) के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
पुरस्कार
हरदीप सिंह पुरी को उनके कूटनीतिक और राजनीतिक योगदान के लिए कई महत्वपूर्ण पुरस्कारों और सम्मानों से नवाजा गया है
पद्मश्री पुरस्कार (Padma Shri)
- भारत सरकार द्वारा दिया गया यह चौथा सर्वोच्च नागरिक सम्मान है, जो उन्हें सार्वजनिक सेवा के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए प्रदान किया गया।
संयुक्त राष्ट्र पुरस्कार (United Nations Award)
- संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के आतंकवाद-रोधी समिति के अध्यक्ष के रूप में उनके योगदान और वैश्विक सुरक्षा में उनके प्रभाव को ध्यान में रखते हुए उन्हें यह सम्मान प्राप्त हुआ।
सामान्य प्रश्न
प्रश्न: हरदीप सिंह पुरी कौन हैं?
उत्तर: हरदीप सिंह पुरी एक भारतीय राजनीतिज्ञ और पूर्व कूटनीतिज्ञ हैं, जो वर्तमान में भारत सरकार में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री के रूप में कार्यरत हैं। उन्होंने भारतीय विदेश सेवा (IFS) में भी कार्य किया और कई कूटनीतिक पदों पर भारत का प्रतिनिधित्व किया।
प्रश्न: हरदीप सिंह पुरी का जन्म कब हुआ था?
उत्तर: हरदीप सिंह पुरी का जन्म 15 फरवरी 1952 को दिल्ली में हुआ था।
प्रश्न: हरदीप सिंह पुरी ने किस देश में भारत के राजदूत के रूप में कार्य किया?
उत्तर: उन्होंने ब्राजील में भारत के राजदूत के रूप में कार्य किया। इसके अलावा, वह जापान, श्रीलंका और यूनाइटेड किंगडम में भी कूटनीतिक पदों पर कार्यरत रहे हैं।
प्रश्न: क्या हरदीप सिंह पुरी को कोई पुरस्कार मिला है?
उत्तर: हाँ, उन्हें 2020 में पद्मश्री पुरस्कार मिला है, जो भारत सरकार द्वारा सार्वजनिक सेवा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए दिया गया। इसके अलावा, उन्हें संयुक्त राष्ट्र और कूटनीतिक सेवाओं में भी कई सम्मान मिले हैं।
प्रश्न: हरदीप सिंह पुरी की शादी किससे हुई है?
उत्तर: हरदीप सिंह पुरी की शादी अम्बेसडर लक्ष्मी पुरी से हुई है, जो भारतीय विदेश सेवा की अधिकारी और संयुक्त राष्ट्र में सहायक महासचिव रही हैं। उनके दो बेटियाँ हैं।