मुकुल रॉय : आयु, जीवनी, करियर, राजनीतिक और व्यक्तिगत जीवन

मुकुल रॉय
(Age 70 Yr. )
व्यक्तिगत जीवन
शिक्षा | कलकत्ता विश्वविद्यालय से बीएससी (भाग I) 2006 में मदुरै कामराज विश्वविद्यालय से लोक प्रशासन में एम.ए. की डिग्री |
धर्म/संप्रदाय | सनातन |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
व्यवसाय | राजनीतिज्ञ |
स्थान | कांचरापारा, पश्चिम बंगाल, भारत, |
शारीरिक संरचना
ऊंचाई | 5 फीट 7 इंच |
वज़न | 70 किग्रा (लगभग) |
आँखों का रंग | काला |
बालों का रंग | ग्रे |
पारिवारिक विवरण
अभिभावक | पिता: स्वर्गीय जुगल नाथ रॉय |
वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
जीवनसाथी | कृष्णा रॉय |
बच्चे/शिशु | बेटा- 1 |
मुकुल रॉय एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं, जो पश्चिम बंगाल से हैं। उन्होंने द्वितीय यूपीए सरकार के दौरान शिपिंग मंत्रालय में राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया और बाद में रेलवे मंत्रालय में भी कार्य किया। तृणमूल कांग्रेस के गठन से पहले, वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य थे।
2017 से 2021 तक, रॉय ने तृणमूल कांग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (BJP) जॉइन की। हालांकि, 2021 में, वे BJP छोड़कर तृणमूल कांग्रेस (TMC) में शामिल हो गए।
प्रारंभिक जीवन
मुकुल रॉय का जन्म 17 अप्रैल 1954 को कांचरापारा, पश्चिम बंगाल, भारत में हुआ था। वे एक प्रतिष्ठित परिवार से आते हैं, जहाँ उनके पिता का नाम था स्वर्गीय जुगल नाथ रॉय, और उनकी माता का नाम था स्वर्गीय श्रीमती रेखा रॉय।
शैक्षिक योग्यताएँ
मुकुल रॉय ने अपनी बैचलर ऑफ साइंस (BSc) की डिग्री कलकत्ता विश्वविद्यालय से प्राप्त की। इसके बाद, उन्होंने मदुरै कम्मराज विश्वविद्यालय से लोक प्रशासन में MA की डिग्री 2006 में प्राप्त की।
राजनीतिक करियर
मुकुल रॉय ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत युथ कांग्रेस के नेता के रूप में की और ममता बनर्जी से नज़दीकी संबंध बनाए, जो खुद भी युथ कांग्रेस से जुड़ी हुई थीं।
ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस:
मुकुल रॉय ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस (TMC) के संस्थापक सदस्य थे, जो जनवरी 1998 में ममता बनर्जी द्वारा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से अलग होकर बनाई गई थी। जल्दी ही, उन्होंने दिल्ली में पार्टी के प्रमुख चेहरों में से एक के रूप में पहचान बनाई और 2006 में पार्टी के महासचिव के रूप में नियुक्त हुए।
2001 पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में, उन्होंने जगतदल निर्वाचन क्षेत्र से TMC उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा, जहाँ उन्हें 56,741 वोट मिले, लेकिन वे हार गए।
अप्रैल 2006 में, रॉय को राज्यसभा के लिए चुना गया और 28 मई 2009 से 20 मार्च 2012 तक वे राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस के नेता थे। UPA II सरकार में उन्हें पहले शिपिंग मंत्रालय में राज्य मंत्री और फिर ममता बनर्जी के इस्तीफे के बाद रेलवे मंत्रालय में राज्य मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया।
रेलवे मंत्रालय में विवाद:
11 जुलाई 2011 को जब प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने रॉय को असम में गुवाहाटी-पुरी एक्सप्रेस के पटरी से उतरने की घटना स्थल पर जाने का निर्देश दिया, तो उन्होंने इसका विरोध किया। इसके बाद उन्हें 12 जुलाई 2011 को रेलवे मंत्रालय से हटा दिया गया।
2012 में, वे रेलवे बजट को लेकर एक विवाद में घिर गए। ममता बनर्जी ने यात्री किराए में वृद्धि पर असंतोष व्यक्त किया और रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी से इस्तीफा मांगा। दिनेश त्रिवेदी के इस्तीफे के बाद, रॉय को रेलवे मंत्री नियुक्त किया गया और उन्होंने पूर्व मंत्री दिनेश त्रिवेदी द्वारा किए गए किराया वृद्धि को रद्द कर दिया, जिससे उन्हें आलोचना का सामना करना पड़ा।
तृणमूल कांग्रेस के UPA से बाहर निकलने के बाद, 51% FDI की अनुमति दिए जाने के कारण, रॉय का रेलवे मंत्री के रूप में कार्यकाल सितंबर 2012 में समाप्त हो गया।
"DU Gyan Uday Express":
मुकुल रॉय ने 2012 की गर्मी में दिल्ली विश्वविद्यालय के 1000 छात्रों को लेकर एक विशेष ट्रेन चलाई, जिसे "DU Gyan Uday Express" कहा गया। यह ट्रेन अहमदाबाद, मुंबई, गोवा और बैंगलोर जैसे स्थानों की यात्रा पर गई।
तृणमूल कांग्रेस से इस्तीफा और भाजपा में प्रवेश:
2015 में, मुकुल रॉय का नाम सारदा घोटाले और नरदा स्टिंग ऑपरेशन में आया, जिसके बाद उनका ममता बनर्जी से विवाद हो गया।
25 सितंबर 2017 को उन्होंने तृणमूल कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद, उन्हें भा.ज.पा. (BJP) के वरिष्ठ नेताओं से मिलने के कारण पार्टी से छह साल के लिए निलंबित कर दिया गया।
3 नवंबर 2017 को मुकुल रॉय ने औपचारिक रूप से भारतीय जनता पार्टी (BJP) जॉइन की। BJP में शामिल होने के बाद उन्होंने कहा कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तहत काम करने पर गर्व महसूस करते हैं। उन्होंने 2021 पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में सफलता प्राप्त की और जीत हासिल की।
तृणमूल कांग्रेस में पुनः प्रवेश:
11 जून 2021 को मुकुल रॉय ने अपने बेटे सुब्रांशु रॉय के साथ ममता बनर्जी की उपस्थिति में तृणमूल कांग्रेस में पुनः शामिल होने का निर्णय लिया।
25 जून 2021 को, वे पश्चिम बंगाल विधानसभा के स्पीकर द्वारा PAC (Public Accounts Committee) के सदस्य के रूप में चुने गए, और बाद में 14 जुलाई 2021 को PAC के अध्यक्ष बने।
भा.ज.पा. और तृणमूल कांग्रेस के बीच घमासान:
19 जनवरी 2022 को, उनके वकील ने विधानसभा स्पीकर को यह बताया कि मुकुल रॉय अभी भी भाजपा में हैं और उन्होंने तृणमूल कांग्रेस में फिर से शामिल नहीं हुआ है। इसके बाद, स्पीकर ने एंटी-डिफेक्शन कानून के तहत उनके विधायक के पद से अयोग्यता को खारिज कर दिया।
सामान्य प्रश्न
प्रश्न: मुकुल रॉय का जन्म कब और कहाँ हुआ था?
उत्तर: मुकुल रॉय का जन्म 17 अप्रैल 1954 को कांचरापारा, पश्चिम बंगाल, भारत में हुआ था।
प्रश्न: मुकुल रॉय ने किस विश्वविद्यालय से अपनी शिक्षा प्राप्त की थी?
उत्तर: मुकुल रॉय ने कलकत्ता विश्वविद्यालय से BSc (Part I) और मदुरै कम्मराज विश्वविद्यालय से लोक प्रशासन में MA की डिग्री प्राप्त की थी।
प्रश्न: मुकुल रॉय ने किस पार्टी से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी?
उत्तर: मुकुल रॉय ने युथ कांग्रेस से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी और बाद में ममता बनर्जी से जुड़े थे।
प्रश्न: मुकुल रॉय ने भारतीय राजनीति में किस पार्टी से जुड़कर महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया?
उत्तर: मुकुल रॉय तृणमूल कांग्रेस (TMC) के संस्थापक सदस्य रहे और बाद में भारतीय जनता पार्टी (BJP) से भी जुड़े थे।
प्रश्न: मुकुल रॉय ने कब और क्यों तृणमूल कांग्रेस छोड़ दी थी?
उत्तर: मुकुल रॉय ने 25 सितंबर 2017 को तृणमूल कांग्रेस छोड़ दी थी, और बाद में उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए निलंबित कर दिया गया था।