एन बीरेन सिंह : आयु, जीवनी, करियर, राजनीतिक और व्यक्तिगत जीवन

एन बीरेन सिंह
(Age 64 Yr. )
व्यक्तिगत जीवन
शिक्षा | कला स्नातक, पत्रकारिता में डिप्लोमा |
धर्म/संप्रदाय | सनामाही धर्म |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
व्यवसाय | राजनीतिज्ञ, पूर्व फुटबॉलर, पूर्व पत्रकार |
स्थान | लूंगसंंगम मामंग लेईकाई, इम्फाल पूर्व, मणिपुर, भारत, |
शारीरिक संरचना
ऊंचाई | 5 फीट 7 इंच |
आँखों का रंग | काला |
बालों का रंग | ग्रे |
पारिवारिक विवरण
अभिभावक | पिता : एन. खुंजाओ सिंह |
वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
जीवनसाथी | हेयैनु देवी |
बच्चे/शिशु | बेटा- 1 |
पसंद
खेल | फ़ुटबॉल |
Index
1. प्रारंभिक जीवन और शिक्षा |
2. व्यक्तिगत जीवन |
3. खेल और प्रारंभिक करियर |
4. राजनीतिक करियर |
5. मणिपुर के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यकाल |
6. विवाद |
7. पुरस्कार |
8. सामान्य प्रश्न |
नोंगथोम्बम बिरेन सिंह एक प्रमुख भारतीय राजनेता, पूर्व फुटबॉल खिलाड़ी और पत्रकार हैं, जिन्होंने 2017 से 2025 तक मणिपुर के 12वें मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया। वह भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सदस्य हैं। बिरेन सिंह ने 2002 से अब तक मणिपुर विधान सभा के हैंगांग विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया है।
सिर्फ राजनीति ही नहीं, बिरेन सिंह का धार्मिक क्षेत्र में भी योगदान अत्यधिक महत्वपूर्ण है। वह श्री श्री गोविंदाजी मंदिर बोर्ड के अध्यक्ष रहे हैं और 2021 में वह पहले मुख्यमंत्री बने, जो लैइनिंगथू मंदिर बोर्ड (LSTB) के अध्यक्ष भी बने। यह मंदिर बोर्ड सनामाही धर्म के प्रमुख मंदिरों का संचालन करता है और बिरेन सिंह का इस क्षेत्र में योगदान भी समाज के लिए अत्यधिक सराहनीय है।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
1 जनवरी 1961 को मणिपुर राज्य के इम्फाल जिले के लुवांगसांगबाम ममंग लेईकाई में नोंगथोम्बम बिरेन सिंह का जन्म हुआ। उनका जन्म एक साधारण परिवार में हुआ था, जहाँ उनके पिता एन. खुन्जाओ सिंह ने परिवार की जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया। बचपन से ही बिरेन सिंह का झुकाव खेल और पढ़ाई दोनों में था, और उन्होंने अपनी ज़िन्दगी के पहले दिन से ही संघर्षों का सामना करना शुरू कर दिया।
शिक्षा के क्षेत्र में, उन्होंने मणिपुर विश्वविद्यालय से अपनी बीए की डिग्री प्राप्त की। विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने खुद को एक अच्छे छात्र के रूप में स्थापित किया, जहाँ से उन्हें अपने जीवन के अहम दिशा-निर्देश मिले। उनके संघर्ष और शिक्षा के प्रति समर्पण ने उन्हें भविष्य में राजनीति और समाज सेवा की ओर अग्रसर किया।
व्यक्तिगत जीवन
बिरेन सिंह का व्यक्तिगत जीवन भी उतना ही साधारण और सजीव है जितनी उनकी सार्वजनिक छवि। उन्होंने हियाईनु देवी से विवाह किया है, और उनके इस रिश्ते से उन्हें तीन संतानें प्राप्त हुईं – एक बेटा और दो बेटियाँ।
खेल और प्रारंभिक करियर
बिरेन सिंह का करियर खेल से शुरू हुआ था। फुटबॉल में उनका प्रदर्शन इतना शानदार था कि उन्हें बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) में भर्ती किया गया, जहां उन्होंने BSF टीम के लिए घरेलू प्रतियोगिताओं में खेला। 1981 में, वह दुरंड कप के विजेता टीम का हिस्सा बने। इसके अलावा, उन्होंने मणिपुर का प्रतिनिधित्व संतोष ट्रॉफी में भी किया, जहाँ उनके खेल ने उन्हें और भी पहचान दिलाई।
लेकिन बिरेन सिंह ने अपने खेल करियर को एक मोड़ देते हुए BSF से इस्तीफा दे दिया और पत्रकारिता की दिशा में कदम रखा। हालांकि, उनके पास पत्रकारिता की कोई औपचारिक ट्रेनिंग या अनुभव नहीं था, फिर भी उन्होंने 1992 में मैती भाषा में नाहारोलगी थोउदंग नामक अखबार की शुरुआत की। वह इस अखबार के संपादक के रूप में 2001 तक कार्यरत रहे। उनका यह कदम यह दर्शाता है कि वह हमेशा नए क्षेत्रों में चुनौती लेने के लिए तैयार रहते थे, और पत्रकारिता के क्षेत्र में भी उन्होंने अपनी पहचान बनाई।
राजनीतिक करियर
लोकतांत्रिक क्रांतिकारी पीपुल्स पार्टी (DRPP)
2002 में, बिरेन सिंह ने मणिपुर विधान सभा के हैंगांग विधानसभा क्षेत्र से लोकतांत्रिक क्रांतिकारी पीपुल्स पार्टी (DRPP) के उम्मीदवार के रूप में चुनाव जीतकर अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की। इस चुनाव में उनकी जीत ने उन्हें राजनीति के क्षेत्र में एक नई पहचान दिलाई।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC)
इसके बाद, बिरेन सिंह ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) का दामन थामा। मई 2003 में उन्हें मणिपुर राज्य सरकार में विजिलेंस (निगरानी) राज्य मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया।
2007 में, उन्होंने फिर से अपनी विधानसभा सीट बरकरार रखी और इस बार भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा। इसके बाद उन्हें राज्य सरकार में सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण मंत्री और युवाओं के मामलों एवं खेल मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया। 2012 में उन्होंने तीसरी बार विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की और अपने क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया।
2015 में, बिरेन सिंह ने मणिपुर विधानसभा में पारित हुए एक नए विधेयक के बारे में यह बयान दिया कि यह विधेयक राज्य में किसी भी समुदाय को नुकसान नहीं पहुंचाएगा और यह आदिवासी लोगों के हितों की रक्षा करेगा।
2016 में, बिरेन सिंह ने मणिपुर विधान सभा और मणिपुर प्रदेश कांग्रेस समिति से इस्तीफा दे दिया। यह कदम तब उठाया गया, जब उन्होंने मणिपुर के तत्कालीन मुख्यमंत्री ओक्राम इबोबी सिंह के खिलाफ विद्रोह किया था।
भारतीय जनता पार्टी (BJP)
17 अक्टूबर 2016 को बिरेन सिंह ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) में औपचारिक रूप से शामिल हुए। इसके बाद उन्होंने मणिपुर प्रदेश भाजपा के चुनाव प्रबंधन समिति के सह-संयोजक और प्रवक्ता के रूप में कार्य किया। 2017 के मणिपुर विधानसभा चुनाव में, उन्होंने हैंगांग विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीतकर एक नई सफलता हासिल की और मणिपुर में भाजपा की सरकार के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
मणिपुर के मुख्यमंत्री के रूप में कार्यकाल
मार्च 2017 में, बिरेन सिंह को भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया और 15 मार्च 2017 को मणिपुर के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली, वह राज्य के पहले भाजपा मुख्यमंत्री बने।
जनवरी 2018 में, उन्होंने मणिपुर पब्लिक स्कूल के नए शैक्षिक भवन की नींव रखी, जिसका बजट 10.80 करोड़ रुपये था। उसी वर्ष, उन्हें चैंपियन्स ऑफ चेंज पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
2018 में बिरेन सिंह ने मणिपुर में पहले राज्य-स्तरीय जिंजर फेस्टिवल की शुरुआत की, जिसने कृषि को बढ़ावा दिया, खासकर पहाड़ी क्षेत्रों में। COVID-19 महामारी के दौरान, मणिपुर को कोरोनावायरस मुक्त घोषित करने वाला तीसरा राज्य बना।
2020 में, 9 विधायकों ने बिरेन सिंह के खिलाफ विद्रोह किया, लेकिन उन्होंने भाजपा में शामिल होकर अपना पद बरकरार रखा। उनके नेतृत्व में लगभग 20,000 एकड़ अफीम की खेती नष्ट की गई।
2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को स्पष्ट बहुमत मिला और बिरेन सिंह ने मुख्यमंत्री पद पर बने रहे।
हालांकि, 2023-25 के दौरान मणिपुर में जातीय हिंसा भड़क उठी। 9 फरवरी 2025 को, हिंसा और विश्वास मत के खतरे के कारण बिरेन सिंह ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। वर्तमान में मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू है।
विवाद
जनवरी 2017 में, बिरेन सिंह के बेटे एन अजय को 2011 में होली के दौरान हुई ट्रैफिक संबंधी विवाद के बाद आईरोम रोजर की हत्या के मामले में पांच साल की सजा सुनाई गई।
2022 के मणिपुर चुनाव के दौरान, मणिपुर कांग्रेस के प्रवक्ता देवब्रत सिंह ने कहा, "बिरेन सिंह एक तानाशाह की तरह व्यवहार कर रहे हैं। उनके सभी आलोचकों को हाशिये पर डाल दिया गया है।"
21 नवम्बर 2018 को पत्रकार किशोरचंद्र वांगखेम को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया, क्योंकि उन्होंने मणिपुर के भाजपा मुख्यमंत्री बिरेन सिंह को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संचालित केंद्र सरकार का "पुतला" कहा था।
पुरस्कार
चैंपियन्स ऑफ चेंज पुरस्कार (2018)
- बिरेन सिंह को उनके असाधारण कार्य के लिए 2018 में चैंपियन्स ऑफ चेंज पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार उन्हें भारत के उपराष्ट्रपति श्री वेंकैया नायडू द्वारा प्रदान किया गया था।
सामान्य प्रश्न
प्रश्न: बिरेन सिंह का जन्म कब और कहाँ हुआ था?
उत्तर: बिरेन सिंह का जन्म 1 जनवरी 1961 को मणिपुर के इम्फाल जिले के लुवांगसांगबाम ममंग लेईकाई में हुआ था।
प्रश्न: बिरेन सिंह ने किस पार्टी से राजनीति की शुरुआत की थी?
उत्तर: बिरेन सिंह ने अपनी राजनीति की शुरुआत लोकतांत्रिक क्रांतिकारी पीपुल्स पार्टी (DRPP) से की थी।
प्रश्न: बिरेन सिंह कब मणिपुर के मुख्यमंत्री बने?
उत्तर: बिरेन सिंह 15 मार्च 2017 को मणिपुर के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली और वह राज्य के पहले भाजपा मुख्यमंत्री बने।
प्रश्न: बिरेन सिंह ने किस पुरस्कार को 2018 में प्राप्त किया?
उत्तर: बिरेन सिंह को 2018 में चैंपियन्स ऑफ चेंज पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
प्रश्न: बिरेन सिंह के बेटे पर क्या आरोप था?
उत्तर: जनवरी 2017 में बिरेन सिंह के बेटे एन अजय को आईरोम रोजर की हत्या के मामले में पांच साल की सजा सुनाई गई थी।