डॉ. नरोत्तम मिश्रा : आयु, जीवनी, करियर, राजनीतिक और व्यक्तिगत जीवन

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डॉ. नरोत्तम मिश्रा

नाम :डॉ. नरोत्तम मिश्रा
जन्म तिथि :15 April 1960
(Age 64 Yr. )

व्यक्तिगत जीवन

शिक्षा एम.ए., और पीएच.डी.
जाति ब्राह्मण
धर्म/संप्रदाय सनातन
राष्ट्रीयता भारतीय
व्यवसाय राजनीतिज्ञ
स्थान ग्वालियर, मध्य प्रदेश, भारत,

शारीरिक संरचना

ऊंचाई 5 फीट 6 इंच
आँखों का रंग काला
बालों का रंग काला

पारिवारिक विवरण

अभिभावक

पिता: शिवदत्त मिश्रा

वैवाहिक स्थिति विवाहित
जीवनसाथी

गायत्री मिश्रा

बच्चे/शिशु

बेटा: सुकर्ण मिश्रा
बेटी: 1

भाई-बहन

भाई: आनंद मिश्रा

डॉ. नरोत्तम मिश्रा मध्य प्रदेश सरकार में पूर्व गृह मंत्री, विधि एवं विधायी कार्य मंत्री, कारागार मंत्री और संसदीय कार्य मंत्री रह चुके हैं।

वे भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता हैं और मध्य प्रदेश विधानसभा में दतिया विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते रहे हैं। उन्होंने लगातार तीन बार इस सीट से जीत दर्ज की, इससे पहले वे डबरा से भी तीन बार विधायक रह चुके हैं। हालांकि, 3 दिसंबर 2023 को हुए विधानसभा चुनाव में वे कांग्रेस प्रत्याशी भारती राजेंद्र से पराजित हो गए।

प्रारंभिक जीवन

डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने सन् 1998 में ग्वालियर की जीवाजी विश्वविद्यालय से एम.ए. और पीएच.डी. की उपाधि प्राप्त की। छात्र जीवन से ही वे नेतृत्वकारी भूमिका में सक्रिय रहे। सन् 1977-78 में वे जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर की छात्र संघ के सचिव रहे। इसके बाद, 1978-80 के दौरान वे मध्य प्रदेश भारतीय जनता युवा मोर्चा की राज्य कार्यकारिणी समिति के सदस्य बने।

राजनीतिक करियर

डॉ. नरोत्तम मिश्रा मध्य प्रदेश सरकार में पूर्व गृह मंत्री, विधि एवं विधायी कार्य मंत्री, कारागार मंत्री और संसदीय कार्य मंत्री के रूप में अपनी सेवाएँ दे चुके हैं। वे छह बार मध्य प्रदेश विधानसभा के सदस्य रह चुके हैं। उनका राजनीतिक सफर 1990 में शुरू हुआ, जब वे पहली बार 9वीं विधानसभा के लिए चुने गए। इसके बाद, 1998 और 2003 में उन्होंने ग्वालियर जिले की डबरा विधानसभा सीट से जीत दर्ज की। 2008, 2013 और 2018 में वे दतिया विधानसभा सीट से विधायक निर्वाचित हुए।

डॉ. मिश्रा ने विभिन्न समयावधियों में मंत्री पद संभाला:

  • 2005-2008
  • 2009-2018
  • 2020-2023

मंत्रिमंडल में योगदान

  • 1 जून 2005 को वे श्री बाबूलाल गौर की सरकार में राज्य मंत्री के रूप में शामिल हुए।
  • 4 दिसंबर 2005 को श्री शिवराज सिंह चौहान की सरकार में भी राज्य मंत्री बने और बाद में कैबिनेट मंत्री का दायित्व संभाला।
  • 28 अक्टूबर 2009 को दोबारा कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली।
  • 21 दिसंबर 2013 को फिर से कैबिनेट मंत्री बने।
  • वे स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, नगरीय विकास, जनसंपर्क, जल संसाधन, विधि एवं विधायी कार्य और संसदीय कार्य मंत्रालयों का कार्यभार संभाल चुके हैं।

लोकसभा चुनाव और विवाद

2009 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए। इसके तुरंत बाद, उन्हें शिवराज सिंह चौहान की सरकार में पुनः कैबिनेट मंत्री बनाया गया।

23 जून 2017 को चुनाव आयोग ने 2008 विधानसभा चुनाव में गलत चुनावी खर्च का विवरण देने और पेड न्यूज के आरोप में उन्हें अयोग्य ठहराया। डॉ. मिश्रा ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। 18 मई 2018 को दिल्ली हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग के आदेश को खारिज कर दिया और कहा कि "इस मामले में कोई ठोस सबूत नहीं है जिसे विधिक रूप से स्वीकार किया जा सके।"

गृह मंत्री के रूप में कार्यकाल

  • 20 अप्रैल 2020 को उन्होंने गृह मंत्री और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री के रूप में शपथ ली।
  • बाद में, कैबिनेट फेरबदल के दौरान, उन्हें गृह मंत्रालय के साथ-साथ विधि एवं विधायी कार्य, कारागार, और संसदीय कार्य मंत्रालयों की जिम्मेदारी दी गई।

विवादित बयान

10 अप्रैल 2022 को हुई एक हिंसा के बाद, सरकार द्वारा बुलडोजर की कार्रवाई को लेकर उन्होंने कहा था –
"जिस घर से पत्थर आएंगे, उसे पत्थरों का ढेर बना दिया जाएगा।"

सामान्य प्रश्न

प्रश्न: डॉ. नरोत्तम मिश्रा कौन हैं?
उत्तर: डॉ. नरोत्तम मिश्रा मध्य प्रदेश के वरिष्ठ राजनेता और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता हैं। वे पूर्व में गृह मंत्री, विधि एवं विधायी कार्य मंत्री, कारागार मंत्री और संसदीय कार्य मंत्री रह चुके हैं।

प्रश्न: डॉ. नरोत्तम मिश्रा कितनी बार विधायक रह चुके हैं?
उत्तर: वे छह बार मध्य प्रदेश विधानसभा के सदस्य रह चुके हैं। उन्होंने डबरा विधानसभा सीट से तीन बार (1990, 1998, 2003) और दतिया विधानसभा सीट से तीन बार (2008, 2013, 2018) जीत दर्ज की है।

प्रश्न: क्या डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने लोकसभा चुनाव लड़ा है?
उत्तर: हाँ, उन्होंने 2009 के लोकसभा चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद, वे दोबारा मध्य प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री बने।

प्रश्न: डॉ. नरोत्तम मिश्रा को 2017 में चुनाव आयोग ने क्यों अयोग्य ठहराया था?
उत्तर: 23 जून 2017 को चुनाव आयोग ने 2008 विधानसभा चुनाव में गलत चुनावी खर्च का विवरण देने और पेड न्यूज के आरोप में उन्हें अयोग्य ठहराया था। लेकिन बाद में 18 मई 2018 को दिल्ली हाईकोर्ट ने इस आदेश को रद्द कर दिया।

प्रश्न: 2022 में डॉ. नरोत्तम मिश्रा का "बुलडोजर" बयान क्या था?
उत्तर: 10 अप्रैल 2022 को हुई हिंसा के बाद, उन्होंने कहा था –
"जिस घर से पत्थर आएंगे, उसे पत्थरों का ढेर बना दिया जाएगा।"
यह बयान मध्य प्रदेश सरकार की बुलडोजर नीति के समर्थन में दिया गया था। 

Readers : 10 Publish Date : 2025-03-05 01:11:22