एन. चंद्रबाबू नायडू : आयु, जीवनी, करियर, राजनीतिक और व्यक्तिगत जीवन

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एन. चंद्रबाबू नायडू

नाम :नारा चंद्रबाबू नायडू
जन्म तिथि :20 April 1950
(Age 74 Yr. )

व्यक्तिगत जीवन

शिक्षा एम.ए. (अर्थशास्त्र)
धर्म/संप्रदाय सनातन
राष्ट्रीयता भारतीय
व्यवसाय राजनीतिज्ञ
स्थान नारावरिपल्ले, मद्रास राज्य, भारत,

शारीरिक संरचना

ऊंचाई 5 फीट 11 इंच
वज़न 75 किग्रा (लगभग)
आँखों का रंग गहरा भूरा
बालों का रंग ग्रे

पारिवारिक विवरण

अभिभावक

पिता: एन. खर्जुरा नायडू
माता: अमनम्मा नायडू

वैवाहिक स्थिति विवाहित
जीवनसाथी

नारा भुवनेश्वरी

बच्चे/शिशु

पुत्र: नारा लोकेश

भाई-बहन

भाई: राममूर्ति नायडू
बहनें: 2

नारा चंद्रबाबू नायडू (CBN) एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं, जो वर्तमान में आंध्र प्रदेश के 13वें मुख्यमंत्री हैं। वह तेलुगु राज्यों के इतिहास में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले नेता हैं और तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं।

1978 में, उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से आंध्र प्रदेश विधान सभा चुनाव जीता और 1980-1982 तक मंत्री रहे। बाद में, उन्होंने अपने श्वसुर एन. टी. रामाराव द्वारा स्थापित TDP जॉइन की। 1989 से 1995 तक वह TDP के विधायक रहे और 1995 में मुख्यमंत्री बने।

अपने पिछले कार्यकालों में, नायडू को आर्थिक सुधारों और IT-आधारित विकास के समर्थक के रूप में पहचाना गया। उनके प्रयासों से हैदराबाद में HITEC सिटी की स्थापना हुई। राष्ट्रीय राजनीति में, उन्होंने 1996 में यूनाइटेड फ्रंट के संयोजक के रूप में और 1999 में NDA के सहयोगी के रूप में भूमिका निभाई। 2014 में, आंध्र प्रदेश के विभाजन के बाद, वह फिर से मुख्यमंत्री बने।

2019 विधानसभा चुनाव में TDP को भारी हार मिली, और पार्टी को 175 में से केवल 23 सीटें मिलीं। सितंबर 2023 में, नायडू को स्किल डेवलपमेंट मामले में CID ने गिरफ्तार किया, लेकिन नवंबर 2023 में उन्हें जमानत मिल गई।

2024 विधानसभा चुनाव में, TDP ने भारी जीत दर्ज की, YSRCP को सत्ता से हटाया, और नायडू चौथी बार मुख्यमंत्री बने।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

नायडू का जन्म 20 अप्रैल 1950 को एक तेलुगु कृषक परिवार में हुआ था। उनके पिता नारा खर्जूरा नायडू और माता अमानम्मा थीं। उनका जन्म नरवरिपल्ले, तिरुपति जिला (वर्तमान आंध्र प्रदेश) में हुआ। नायडू के एक छोटे भाई नारा राममूर्ति नायडू और दो छोटी बहनें हैं। उन्हें विटिलिगो, एक स्वप्रतिरक्षित रोग (autoimmune disease) है, जिससे त्वचा पर सफेद चकत्ते हो जाते हैं।

उनके गांव में कोई स्कूल नहीं था, इसलिए उन्होंने शेषपुरम के प्राथमिक विद्यालय में पांचवीं कक्षा तक पढ़ाई की और फिर चंद्रगिरि सरकारी हाई स्कूल से 10वीं कक्षा पूरी की। 1972 में, उन्होंने श्री वेंकटेश्वर आर्ट्स कॉलेज, तिरुपति से बी.ए. की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद, उन्होंने श्री वेंकटेश्वर विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर (M.A.) किया।

1974 में, उन्होंने प्रोफेसर डॉ. डी. एल. नारायण के मार्गदर्शन में "प्रोफेसर एन. जी. रंगा के आर्थिक विचार" विषय पर पीएच.डी. का कार्य शुरू किया, लेकिन वह इसे पूरा नहीं कर सके।

राजनीतिक करियर

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस

नायडू ने अपनी राजनीति की शुरुआत श्री वेंकटेश्वर विश्वविद्यालय में छात्र नेता के रूप में की। 1975 में, उन्होंने भारतीय युवा कांग्रेस जॉइन की और पुलिचेरला में अध्यक्ष बने। आपातकाल (1975) के दौरान, उन्होंने संजय गांधी का समर्थन किया।

एन. जी. रंगा की मदद से, नायडू को 1978 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी से टिकट मिला और चंद्रगिरी विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने। बाद में, उन्हें आंध्र प्रदेश लघु उद्योग विकास निगम का निदेशक नियुक्त किया गया और फिर टी. अंजैया सरकार में मंत्री बने। 1980-1983 के बीच, उन्होंने सिनेमा, तकनीकी शिक्षा और लघु सिंचाई विभाग संभाले। वह 28 वर्ष की उम्र में विधायक और 30 वर्ष की उम्र में मंत्री बने।

सिनेमा मंत्री रहते हुए, नायडू की मुलाकात तेलुगु फिल्म स्टार एन. टी. रामाराव (NTR) से हुई। 1981 में, उन्होंने NTR की बेटी भुवनेश्वरी से शादी की।

तेलुगु देशम पार्टी (TDP)

1982 में, NTR ने TDP बनाई और 1983 में आंध्र प्रदेश चुनाव में जीत हासिल की। नायडू तब कांग्रेस में ही थे, लेकिन 1983 में चंद्रगिरी सीट से TDP उम्मीदवार के खिलाफ हार गए। बाद में, उन्होंने TDP जॉइन कर ली और पार्टी संगठन में अहम भूमिका निभाई। 1984 के नदेंडला भास्कर राव के तख्तापलट के दौरान, नायडू ने NTR का समर्थन किया। 1986 में, NTR ने उन्हें TDP का महासचिव नियुक्त किया।

विधायी करियर (1989–1994)

1989 में, नायडू ने कुप्पम विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और 5,000 वोटों से जीते। कांग्रेस की सरकार बनने के कारण, वह विपक्ष में रहे। NTR ने उन्हें TDP का समन्वयक बनाया। 1994 में, वह दोबारा कुप्पम से विधायक बने और वित्त और राजस्व मंत्री बने।

मुख्यमंत्री कार्यकाल

  • पहला कार्यकाल (1995–1999) – 1 सितंबर 1995 को, नायडू ने NTR के खिलाफ बगावत कर पार्टी और सरकार का नेतृत्व संभाला।
  • दूसरा कार्यकाल (1999–2004) – 1999 में, TDP ने 294 में से 180 सीटें जीतीं और लोकसभा में 29 सीटें लेकर NDA सरकार का समर्थन किया।
  • 2003 हत्या का प्रयास – 1 अक्टूबर 2003 को, तिरुपति के पास PWG नक्सलियों ने नायडू पर लैंडमाइन हमला किया, लेकिन वह मामूली चोटों के साथ बच गए।

राष्ट्रीय राजनीति में भूमिका

1996-2004 के दौरान, नायडू यूनाइटेड फ्रंट के संयोजक बने। 1999 में, TDP ने NDA सरकार को बाहर से समर्थन दिया, लेकिन कैबिनेट में शामिल नहीं हुए।

विपक्ष के नेता (2004–2014)

2004 में, TDP की भारी हार हुई, कांग्रेस ने 185 सीटें जीतीं और TDP सिर्फ 47 सीटों पर सिमट गई। 2009 में, चिरंजीवी की प्रजा राज्यम पार्टी के आने से TDP को फिर हार मिली।

तीसरा कार्यकाल (2014–2019)

2014 में, TDP ने BJP और जन सेना पार्टी के साथ गठबंधन कर 102 सीटें जीतीं। नायडू नए आंध्र प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री बने और अमरावती को राजधानी बनाने की योजना बनाई। उनके कार्यकाल में KIA, ISUZU, Pepsi जैसी कंपनियों ने निवेश किया।

2015 नकद-के-बदले-वोट घोटाला

2015 में, तेलंगाना विधान परिषद चुनाव में TDP नेताओं पर वोट खरीदने के आरोप लगे। TRS और YSRCP ने नायडू पर आरोप लगाए, लेकिन ACB और ED ने उन्हें आरोपी नहीं बनाया।

विशेष राज्य का दर्जा विवाद और BJP से अलगाव

2018 में, आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा न मिलने पर, TDP ने NDA से नाता तोड़ लिया। नायडू ने दिल्ली में धरना देकर केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया।

कांग्रेस से गठबंधन

2018 में, TDP ने कांग्रेस के साथ मिलकर तेलंगाना चुनाव लड़ा, लेकिन TRS (BRS) के सामने बुरी तरह हार गए। इससे नायडू की छवि को नुकसान हुआ।

2019 चुनाव और गिरफ़्तारी

2019 में, TDP को करारी हार मिली—YSRCP ने 151 सीटें जीतीं और TDP सिर्फ 23 सीटों पर सिमट गई।

सितंबर 2023 में, नायडू को ₹371 करोड़ के घोटाले के आरोप में CID ने गिरफ्तार किया। 52 दिन जेल में रहने के बाद, अक्टूबर 2023 में उन्हें जमानत मिल गई।

चौथा कार्यकाल (2024–वर्तमान)

2024 में, TDP ने BJP और जन सेना के साथ गठबंधन कर 164 सीटें जीतीं, और नायडू 12 जून 2024 को चौथी बार मुख्यमंत्री बने। उन्होंने अमरावती को एकमात्र राजधानी बनाने का संकल्प लिया।

वित्तीय स्थिति

2024 में, नायडू को भारत का सबसे अमीर मुख्यमंत्री घोषित किया गया, जिनकी संपत्ति ₹932 करोड़ आंकी गई।

व्यवसायिक करियर

हेरिटेज फूड्स लिमिटेड (HFL)

चंद्रबाबू नायडू ने 1992 में हेरिटेज फूड्स लिमिटेड (HFL) की स्थापना की, जो एक डेयरी कंपनी है। यह 1994 में सार्वजनिक हुई। 2021–22 में, कंपनी का वार्षिक कारोबार ₹26,429 करोड़ था।

प्रबंधन:

  • नारा भुवनेश्वरी (पत्नी) – उपाध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक
  • नारा ब्राह्मणी (बहू) – कार्यकारी निदेशक

हेरिटेज फूड्स की आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में सैकड़ों शाखाएँ हैं और यह कई अन्य राज्यों में भी सक्रिय है। इसके अलावा, कंपनी की नवीकरणीय ऊर्जा शाखा भी है, जो 11 स्थानों पर सौर और पवन ऊर्जा संयंत्र संचालित करती है। HFL, नायडू की संपत्ति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

गैर-राजनीतिक पहल

ग्लोबल फोरम फॉर सस्टेनेबल ट्रांसफॉर्मेशन (GFST)

चंद्रबाबू नायडू ने मार्च 2020 में हैदराबाद में GFST की स्थापना की। यह एक गैर-लाभकारी और गैर-राजनीतिक थिंक टैंक है, जो सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए काम करता है।

  • जून 2023 में, GFST ने हैदराबाद में ‘डीप टेक्नोलॉजीज’ पर सेमिनार आयोजित किया।
  • संगठन का एक प्रमुख प्रोजेक्ट "Vision India@2047" है, जो भारत की स्वतंत्रता के 100वें वर्ष के लिए एक योजना तैयार कर रहा है।
  • 15 अगस्त 2023 को विशाखापट्टनम में, नायडू ने GFST द्वारा तैयार किया गया "India@2047" विज़न डॉक्यूमेंट जारी किया।

NTR ट्रस्ट

NTR मेमोरियल ट्रस्ट की स्थापना 1997 में नायडू ने एक गैर-लाभकारी संगठन के रूप में की थी। यह शिक्षा, स्वास्थ्य और आजीविका से जुड़े कार्यों में सक्रिय है।

  • स्वास्थ्य सेवाएँ – हैदराबाद, विशाखापट्टनम और तिरुपति में ब्लड बैंक और थैलेसीमिया सेंटर संचालित करता है।
  • शिक्षा – हैदराबाद और कृष्णा जिले के चल्लापल्ली में स्कूल तथा महिला कॉलेज संचालित करता है।
  • प्रबंधन: नायडू की पत्नी नारा भुवनेश्वरी, प्रबंध न्यासी (Managing Trustee) हैं।

आलोचना

  • निजीकरण नीतियाँ – कांग्रेस और वामपंथी दलों ने उन्हें "वर्ल्ड बैंक नीतियों का प्रतीक" बताते हुए आलोचना की।
  • बिजली सुधारों का पूरे राज्य में विरोध हुआ।
  • कृषि क्षेत्र की अनदेखी के लिए आलोचना हुई, क्योंकि उनका ध्यान आईटी और कॉरपोरेट विकास पर अधिक था।
  • 2004 की हार के पीछे उनकी "गरीब विरोधी" छवि को कारण माना गया।
  • अमरावती को राजधानी बनाने की योजना विवादों में घिरी रही।

जन छवि

1995 से 2004 तक अपने साढ़े नौ साल के कार्यकाल के दौरान, चंद्रबाबू नायडू देश के सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्रियों में से एक रहे। उन्होंने राज्य स्तर पर उदारीकरण नीतियों का समर्थन किया। पश्चिमी मीडिया ने उन्हें "भारत ही नहीं, बल्कि पूरे विकासशील विश्व के सबसे होनहार स्थानीय नेताओं में से एक" बताया।

  • आंध्र प्रदेश वर्ल्ड बैंक से प्रत्यक्ष ऋण लेने वाला पहला भारतीय राज्य बना।
  • नायडू वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) के दावोस, स्विट्जरलैंड में होने वाले सम्मेलनों में नियमित रूप से भाग लेते थे।

हैदराबाद के विकास में भूमिका

नायडू को 1998 में HITEC सिटी और जीनोम वैली स्थापित करने का श्रेय दिया जाता है, जिसने हैदराबाद को सूचना प्रौद्योगिकी और जैव-प्रौद्योगिकी का हब बना दिया। उनके प्रयासों से:

  • राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा और इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस (ISB) जैसे प्रमुख प्रोजेक्ट्स साकार हुए।
  • 1997 में बिल गेट्स से मुलाकात और 2002 में उनके हैदराबाद दौरे से राज्य में Microsoft जैसी कंपनियों का निवेश बढ़ा।
  • 2000 में अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के दौरे ने भी नायडू की अंतरराष्ट्रीय छवि को मजबूत किया।

अमरावती और Ease of Doing Business

2014-2019 के कार्यकाल में, उन्होंने बिफ़र्केटेड आंध्र प्रदेश के लिए नई राजधानी "अमरावती" बनाने की योजना शुरू की। उनके शासन में, आंध्र प्रदेश Ease of Doing Business (EoDB) रैंकिंग में देश में पहले स्थान पर पहुंचा।

पुरस्कार

चंद्रबाबू नायडू को कई प्रतिष्ठित पुरस्कार और सम्मान प्राप्त हुए हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • IT इंडियन ऑफ द मिलेनियम – इंडिया टुडे
  • बिजनेस पर्सन ऑफ द ईयर – द इकोनॉमिक टाइम्स
  • साउथ एशियन ऑफ द ईयर (1999) – टाइम एशिया
  • गोल्डन पीकॉक अवार्ड – सार्वजनिक सेवा और आर्थिक परिवर्तन में नेतृत्व के लिए (2017)
  • ग्लोबल एग्रीकल्चर पॉलिसी लीडरशिप अवार्ड – भारतीय खाद्य एवं कृषि परिषद (ICFA)
  • आदर्श मुख्यमंत्री पुरस्कार (2016) – भारतीय छात्र संसद, MIT स्कूल ऑफ गवर्नेंस द्वारा
  • ट्रांसफॉर्मेटिव चीफ मिनिस्टर अवार्ड (2017) – US-India बिजनेस काउंसिल (USIBC) द्वारा सिलिकॉन वैली में
  • नेशनल आईटी पैनल के अध्यक्ष – NDA सरकार के तहत
  • "हिडन सेवन" वर्किंग वंडर्स ऑफ द वर्ल्ड – प्रॉफिट (Oracle कॉरपोरेशन की मैगज़ीन) द्वारा (2001)
  • कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी और केलॉग स्कूल ऑफ मैनेजमेंट (USA) से मानद प्रोफेसरशिप ऑफर
  • राष्ट्रीय सूक्ष्म सिंचाई कार्यबल (National Task Force on Micro-irrigation) के अध्यक्ष (2003)
  • डिजिटल भुगतान प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार द्वारा गठित 13 सदस्यीय मुख्यमंत्री समिति के प्रमुख (2016)

सम्मान

  • 24 सितंबर 1998 को इलिनॉय (USA) के गवर्नर जिम एडगर ने "नायडू डे" घोषित किया।

फ़िल्मों में चित्रण

  • राणा दग्गुबाती ने उन्हें NTR: कथानायकुडु (2019) और NTR: महानायकुडु (2019) में चित्रित किया।
  • श्रीतेज ने राम गोपाल वर्मा की फिल्म लक्ष्मी'ज़ NTR (2019) में उनकी भूमिका निभाई।

सामान्य प्रश्न

प्रश्न: चंद्रबाबू नायडू को "आईटी इंडियन ऑफ द मिलेनियम" का खिताब कब मिला?
उत्तर: उन्हें यह खिताब इंडिया टुडे द्वारा दिया गया था।

प्रश्न: चंद्रबाबू नायडू को "नायडू डे" सम्मान कब और किसने दिया?
उत्तर: 24 सितंबर 1998 को इलिनॉय (USA) के गवर्नर जिम एडगर ने "नायडू डे" घोषित किया।

प्रश्न: चंद्रबाबू नायडू को कौन-सा अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है?
उत्तर: उन्हें गोल्डन पीकॉक अवार्ड (2017) और ट्रांसफॉर्मेटिव चीफ मिनिस्टर अवार्ड (2017) जैसे अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार मिले हैं।

प्रश्न: चंद्रबाबू नायडू पर कौन-कौन सी फ़िल्में बनी हैं?
उत्तर: वह NTR: कथानायकुडु (2019), NTR: महानायकुडु (2019) और लक्ष्मी'ज़ NTR (2019) फिल्मों में चित्रित किए गए हैं।

प्रश्न: उन्होंने डिजिटल भुगतान प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए क्या योगदान दिया?
उत्तर: 2016 में, भारत सरकार द्वारा गठित डिजिटल भुगतान प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए 13 सदस्यीय मुख्यमंत्री समिति के प्रमुख के रूप में कार्य किया।

Readers : 2 Publish Date : 2025-03-12 02:11:24