पोप फ्रांसिस: आयु, जीवनी, परिवार और व्यक्तिगत जीवन
पोप फ्रांसिस
(Age 87 Yr. )
व्यक्तिगत जीवन
शिक्षा | रासायनिक प्रौद्योगिकी में डिप्लोमा |
धर्म/संप्रदाय | रोमन कैथोलिक धर्म |
राष्ट्रीयता | अर्जेन्टीना (वेटिकन नागरिकता के साथ) |
व्यवसाय | रोमन कैथोलिक चर्च के पोप |
स्थान | ब्यूनस आयर्स, अर्जेन्टीना, |
शारीरिक संरचना
ऊंचाई | 5 फीट 7 इंच |
वज़न | 72 किग्रा (लगभग) |
आँखों का रंग | गहरा भूरा |
बालों का रंग | सफ़ेद (अर्ध-गंजा) |
पारिवारिक विवरण
अभिभावक | पिता - मारियो जोस बर्गोलियो |
वैवाहिक स्थिति | अविवाहित |
भाई-बहन | भाई - ओस्कर एड्रियन बर्गोलियो, अल्बर्टो बर्गोलियो |
पसंद
स्थान | ब्यूनस आयर्स |
अभिनेत्री | टीटा मेरेलो |
Index
1. प्रारंभिक जीवन |
2. करियर |
3. व्यक्तिगत जीवन |
4. स्वास्थ्य |
5. सामाजिक कार्य |
6. पुरस्कार |
7. सामान्य प्रश्न |
पोप फ्रांसिस, जिनका असली नाम जॉर्जियो मारीओ बर्गोलियो है, 13 मार्च 2013 को कैथोलिक चर्च के 266वें पोप बने। वे पहले लैटिन अमेरिकी पोप हैं और साथ ही पहले जीसुइट पोप भी। उनकी नेतृत्व शैली, सरलता, और समाज के लिए उनकी चिंता ने उन्हें विश्व स्तर पर एक लोकप्रिय और प्रेरणादायक व्यक्तित्व बना दिया है।
प्रारंभिक जीवन
पोप फ्रांसिस का जन्म 17 दिसंबर 1936 को अर्जेंटीना के ब्यूनस आयर्स में हुआ था। उनके माता-पिता इटालियन आप्रवासी थे। पिता का नाम मारियो जोस बर्गोलियो था और माता का नाम रेज़िना मारिया सिवोरी। उनका बचपन साधारण था, और उन्होंने स्थानीय स्कूलों में अपनी शिक्षा प्राप्त की।
फ्रांसिस के जीवन में एक महत्वपूर्ण मोड़ तब आया जब उन्होंने 17 साल की उम्र में जीसुइट ऑर्डर में शामिल होने का निर्णय लिया। इस दौरान उन्हें स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ा, जिसमें उनका एक फेफड़ा भी संक्रमित हुआ। फिर भी, उन्होंने दृढ़ संकल्प के साथ अपने जीवन के उद्देश्य को खोजा और प्रीस्ट बनने का फैसला किया।
करियर
पोप फ्रांसिस ने 1969 में पुरोहित के रूप में अपनी कार्यशाला शुरू की। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में सेवा की, जिसमें शिक्षा और सामाजिक कार्य शामिल हैं। 1992 में, उन्हें ब्यून्स आयर्स का सहायक बिशप बनाया गया, और बाद में 1998 में वे वहां के आर्कबिशप बने।
2001 में, उन्हें कार्डिनल का पद मिला। अपने कार्यकाल में, उन्होंने चर्च के भीतर सुधारों का नेतृत्व किया, जैसे कि यौन उत्पीड़न के मामलों में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाना। पोप बनने के बाद, उन्होंने अपने कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण सुधार किए। उन्होंने चर्च को आधुनिक बनाने, युवाओं को शामिल करने, और गरीबों के प्रति सहानुभूति बढ़ाने की दिशा में कई कदम उठाए।
उनकी पहली प्रेरणा थी कि चर्च को केवल आध्यात्मिक नहीं, बल्कि सामाजिक रूप से भी सक्रिय रहना चाहिए। उन्होंने न्याय, शांति, और पर्यावरण संरक्षण के मुद्दों पर कई इंटरफेथ संवाद आयोजित किए और समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश की। उनकी नेतृत्व शैली ने न केवल कैथोलिक चर्च को प्रभावित किया, बल्कि विश्व स्तर पर धार्मिक संवाद को भी प्रेरित किया।
व्यक्तिगत जीवन
पोप फ्रांसिस का व्यक्तिगत जीवन काफी साधारण और विनम्र है। वह अक्सर अपने प्रवचनों में गरीबों, वंचितों और समाज के कमजोर वर्ग के लोगों की मदद करने पर जोर देते हैं। उनकी जीवनशैली में भव्यता की कोई जगह नहीं है; वह साधारण कपड़े पहनते हैं और अपने कमरे में बहुत कम सामान रखते हैं।
उनकी दोस्ती और संवाद की शैली भी उनकी व्यक्तिगत विशेषता है। वे लोगों से मिलना पसंद करते हैं और सीधे संवाद स्थापित करने में विश्वास रखते हैं।
स्वास्थ्य
पोप फ्रांसिस ने अपने जीवन में स्वास्थ्य से जुड़ी कई चुनौतियों का सामना किया है। 2021 में, उन्हें अपने घुटनों में दर्द की समस्या का सामना करना पड़ा, जो उनकी उम्र के कारण बढ़ी। इस समस्या के चलते उन्हें चलने में कठिनाई होती थी, लेकिन उन्होंने हमेशा अपनी सक्रियता बनाए रखी।
उसी वर्ष, उन्हें आंतों की सर्जरी भी करानी पड़ी। हालांकि यह एक गंभीर प्रक्रिया थी, लेकिन पोप ने जल्दी ही अपने कर्तव्यों को फिर से संभाल लिया। उनके स्वास्थ्य को लेकर चिंता करने के बावजूद, उन्होंने सार्वजनिक कार्यक्रमों में भाग लेना जारी रखा।
पोप फ्रांसिस साधारण और संतुलित आहार को प्राथमिकता देते हैं, जो उन्हें सक्रिय रहने में मदद करता है। उनका जीवन और स्वास्थ्य का यह दृष्टिकोण यह दर्शाता है कि वे व्यक्तिगत कठिनाइयों के बावजूद अपनी जिम्मेदारियों को निभाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
सामाजिक कार्य
पोप फ्रांसिस ने अपने पोप बनने के बाद सामाजिक न्याय, पर्यावरण संरक्षण, और मानवाधिकारों के लिए कई महत्वपूर्ण पहल की हैं। उन्होंने जलवायु परिवर्तन पर ध्यान केंद्रित किया और इसे एक महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दा मानते हुए सभी देशों से इसके खिलाफ कार्रवाई करने की अपील की।
उन्होंने विभिन्न धार्मिक समुदायों के बीच संवाद को बढ़ावा देने का भी प्रयास किया है। उनके द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में विभिन्न धर्मों के नेताओं को आमंत्रित किया जाता है, ताकि आपसी समझ और सहयोग बढ़ सके।
पुरस्कार
- 2015: फ्रायडम अवार्ड - मानवाधिकारों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के लिए।
- 2016: चार्ल्स महान पुरस्कार - यूरोप में शांति और एकता के लिए।
- 2019: सेंट एगिडियो पुरस्कार - शांति और सामाजिक न्याय के लिए उनके प्रयासों के लिए।
- 2020: गोल्डन आर्क पुरस्कार - मानवता की सेवा में उत्कृष्टता के लिए।
- 2021: यूनाइटेड नेशंस शांति पुरस्कार - वैश्विक शांति के लिए उनके प्रयासों की मान्यता में।
सामान्य प्रश्न
प्रश्न: पोप फ्रांसिस का असली नाम क्या है?
उत्तर: उनका असली नाम जॉर्जियो मारीओ बर्गोलियो है।
प्रश्न: पोप बनने से पहले वे किस पद पर थे?
उत्तर: वे ब्यून्स आयर्स के आर्कबिशप और कार्डिनल थे।
प्रश्न: पोप फ्रांसिस की खासियत क्या है?
उत्तर: उनकी सरलता, सेवा भावना और सामाजिक न्याय के प्रति प्रतिबद्धता उन्हें खास बनाती है।
प्रश्न: क्या पोप फ्रांसिस ने कोई महत्वपूर्ण पहल की है?
उत्तर: हां, उन्होंने पर्यावरण संरक्षण, गरीबों की मदद, और विभिन्न धर्मों के बीच संवाद को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की हैं।
प्रश्न: पोप फ्रांसिस के जन्मदिन की तारीख क्या है?
उत्तर: उनका जन्म 17 दिसंबर 1936 को हुआ था।