एन आर नारायणमूर्ति

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एन आर नारायणमूर्ति

नाम :नागवार रामाराव नारायणमूर्ति
जन्म तिथि :20 August 1946
(Age 76 Yr. )

व्यक्तिगत जीवन

शिक्षा इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में एम.टेक
जाति ब्राह्मण
धर्म/संप्रदाय सनातन
राष्ट्रीयता India
व्यवसाय उद्यमी
स्थान सिडलघट्टा, मैसूर की रियासत, ब्रिटिश भारत,  India

शारीरिक संरचना

ऊंचाई 5.4 (फ़ीट में)
आँखों का रंग काला
बालों का रंग स्लेटी

पारिवारिक विवरण

अभिभावक

पिता - नागवारा रामाराव
माता - पद्मावथम्मा राव

वैवाहिक स्थिति Married
जीवनसाथी सुधा मूर्ति (लेखक और इन्फोसिस फाउंडेशन की सह-संस्थापक)
बच्चे/शिशु

बेटा - रोहन मूर्ति (भारत के मूर्ति शास्त्रीय पुस्तकालय के संस्थापक)
बेटी - अक्षता मूर्ति (वेंचर कैपिटलिस्ट)

नागवार रामाराव नारायणमूर्ति (जन्म: २० अगस्त १९४६) भारत की प्रसिद्ध सॉफ़्टवेयर कंपनी इन्फोसिस टेक्नोलॉजीज के संस्थापक और जानेमाने उद्योगपति हैं। उनका जन्म मैसूर में हुआ। आई आई टी में पढ़ने के लिए वे मैसूर से बैंगलौर आए, जहाँ १९६७ में इन्होंने मैसूर विश्वविद्यालय से बैचलर ऑफ इन्जीनियरिंग की उपाधि और १९६९ में आई आई टी कानपुर से मास्टर ऑफ टैक्नोलाजी (M.Tech) की उपाधि प्राप्त की। नारायणमूर्ति आर्थिक स्थिति सुदृढ़ न होने के कारण इंजीनियरिंग की पढ़ाई का खर्च उठाने में असमर्थ थे। उनके उन दिनों के सबसे प्रिय शिक्षक मैसूर विशवविद्यालय के डॉ॰ कृष्णमूर्ति ने नारायण मूर्ति की प्रतिभा को पहचान कर उनको हर तरह से मदद की। बाद में आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हो जाने पर नारायणमूर्ति ने डॉ॰ कृष्णमूर्ति के नाम पर एक छात्रवृत्ति प्रारंभ कर के इस कर्ज़ को चुकाया।

2013 में नारायणमूर्ति की इंफोसिस में फिर से हुई थी वापसी, तब उन्हे कार्यकारी चेयरमैन बनाया गया था |

2015 में सेबी ने नारायण मूर्ति को बनाया था अपने स्टार्टअप पैनल का अध्यक्ष

कार्य जीवन

अपने कार्यजीवन का आरंभ नारायणमूर्ति ने पाटनी कम्प्यूटर सिस्टम्स (PCS), पुणे से किया। बाद में अपने दोस्त शशिकांत शर्मा और प्रोफेसर कृष्णय्या के साथ १९७५ में पुणे में सिस्टम रिसर्च इंस्टीट्यूट की स्थापना की थी। १९८१ में नारायणमूर्ति ने इन्फ़ोसिस कम्पनी की स्थापना की। मुम्बई के एक अपार्टमेंट में शुरू हुयी इस कंपनी की प्रगति की कहानी आज दुनिया जानती है। सभी साथियों की कड़ी मेहनत रंग लाई और १९९१ में इन्फ़ोसिस पब्लिक लिमिटेड कम्पनी में परिवर्तित हुई। १९९९ में कम्पनी ने उत्कृष्टता और गुणवत्ता का प्रतीक SEI-CMM हासिल किया। १९९९ में कंपनी ने एक नया इतिहास रचा जब इसके शेयर अमरीकी शेयर बाजार NASDAQ में रजिस्टर हुए। नारायणमूर्ति १९८१ से लेकर २००२ तक इस कम्पनी के मुख्य कार्यकारी निदेशक रहे। २००२ में उन्होंने इसकी कमान अपने साथी नन्दन नीलेकनी को थमा दी, लेकिन फिर भी इन्फोसिस कम्पनी के साथ वे मार्गदर्शक के दौर पर जुड़े रहे। वे १९९२ से १९९४ तक नास्काम के भी अध्यक्ष रहे। सन २००५ में नारायण मूर्ति को विश्व का आठवां सबसे बेहतरीन प्रबंधक चुना गया।

आज एन आर नारायणमूर्ति अनेक लोगों के आदर्श हैं। चेन्नई के एक कारोबारी पट्टाभिरमण कहते हैं कि उन्होंने जो भी कुछ कमाया है वह मूर्ति की कंपनी इंफोसिस के शेयरों की बदौलत और उन्होंने अपनी सारी कमाई इंफोसिस को ही दान कर दी है। पट्टाभिरमण और उनकी पत्नी नारायणमूर्ति को भगवान की तरह पूजते हैं और उन्होंने अपने घर में मूर्ति का फोटो भी लगा रखा है। उन्हें पद्म श्री, पद्म विभूषण और ऑफीसर ऑफ द लेजियन ऑफ ऑनर- फ्रांस सरकार के सम्मानों से अलंकृत किया जा चुका है। इस सूची में शामिल अन्य नाम थे-बिल गेट्स, स्टीव जाब्स तथा वारेन वैफ़े। हालांकि नारायण मूर्ति अब अवकाश ग्रहण कर चुके हैं लेकिन वे इन्फ़ोसिस के मानद चेयरमैन बने रहेंगे।

Readers : 57 Publish Date : 2023-03-28 06:47:20