लता मंगेशकर
लता मंगेशकर
(Age 92 Yr. )
व्यक्तिगत जीवन
धर्म/संप्रदाय | सनातन |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
व्यवसाय | पार्श्वगायक, संगीत संगीतकार (कभी-कभी), फ़िल्म निर्माता (कभी-कभी) |
स्थान | इंदौर, इंदौर राज्य, ब्रिटिश भारत (वर्तमान मध्य प्रदेश, भारत), |
शारीरिक संरचना
ऊंचाई | लगभग 5.1 फ़ीट |
आँखों का रंग | काला |
बालों का रंग | स्लेटी |
पारिवारिक विवरण
अभिभावक | पिता : दीनानाथ मंगेशकर |
भाई-बहन | भाई : हृदयनाथ मंगेशकर |
पसंद
स्थान | लॉस एंजिल्स, लास वेगास |
गायक | के एल सहगल |
Index
1. बचपन |
2. पुरस्कार |
लता मंगेशकर भारत की सबसे लोकप्रिय और आदरणीय गायिका थी, जिनका छः दशकों का कार्यकाल उपलब्धियों से भरा पड़ा है। हालाँकि लता ने लगभग तीस से ज्यादा भाषाओं में फ़िल्मी और गैर-फ़िल्मी गाने गाये हैं लेकिन उनकी पहचान भारतीय सिनेमा में एक पार्श्वगायिका के रूप में रही है। अपनी बहन आशा भोंसले के साथ लता जी का फ़िल्मी गायन में सबसे बड़ा योगदान रहा है।
लता जी की जादुई आवाज़ के भारतीय उपमहाद्वीप के साथ-साथ पूरी दुनिया में दीवाने हैं। टाईम पत्रिका ने उन्हें भारतीय पार्श्वगायन की अपरिहार्य और एकछत्र साम्राज्ञी स्वीकार किया है। भारत सरकार ने उन्हें 'भारतरत्न' से सम्मानित किया था।
इनकी मृत्यु कोविड से जुड़े जटिलताओं से 6 फरवरी 2022 रविवार माघ शुक्ल पक्ष पंचमी तिथि वि स 2078 (पंचक) को मुम्बई के ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल में हुई। वे कुछ समय से बीमार थीं। उनकी महान गायकी और सुरमय आवाज के दीवाने पूरी दुनिया मे हैं। प्यार से सब उन्हें 'लता दीदी' कहकर पुकारते हैं। वर्ष 2001 में इन्हें भारत के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया ।
बचपन
लता का जन्म एक कर्हाडा ब्राह्मण दादा और गोमंतक मराठा दादी के परिवार में, मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में सबसे बड़ी बेटी के रूप में पंडित दीनानाथ मंगेशकर के मध्यवर्गीय परिवार में हुआ। उनके पिता रंगमंच एलजी के कलाकार और गायक थे। इनके परिवार से भाई हृदयनाथ मंगेशकर और बहनों उषा मंगेशकर, मीना मंगेशकर और आशा भोंसले सभी ने संगीत को ही अपनी आजीविका के लिये चुना।
हालाँकि लता का जन्म इंदौर में हुआ था लेकिन उनकी परवरिश महाराष्ट्र मे हुई। वह बचपन से ही गायक बनना चाहती थीं। बचपन में कुन्दन लाल सहगल की एक फ़िल्म चंडीदास देखकर उन्होने कहा था कि वो बड़ी होकर सहगल से शादी करेगी। पहली बार लता ने वसंत जोगलेकर द्वारा निर्देशित एक फ़िल्म कीर्ती हसाल के लिये गाया। उनके पिता नहीं चाहते थे कि लता फ़िल्मों के लिये गाये इसलिये इस गाने को फ़िल्म से निकाल दिया गया। लेकिन उसकी प्रतिभा से वसंत जोगलेकर काफी प्रभावित हुये।
पिता की मृत्यु के बाद (जब लता सिर्फ़ तेरह साल की थीं), लता को पैसों की बहुत किल्लत झेलनी पड़ी और काफी संघर्ष करना पड़ा। उन्हें अभिनय बहुत पसंद नहीं था लेकिन पिता की असामयिक मृत्यु की कारण से पैसों के लिये उन्हें कुछ हिन्दी और मराठी फिल्मों में काम करना पड़ा। अभिनेत्री के रूप में उनकी पहली फिल्म पाहिली मंगलागौर (1942) रही, जिसमें उन्होंने स्नेहप्रभा प्रधान की छोटी बहन की भूमिका निभाई। बाद में उन्होंने कई फ़िल्मों में अभिनय किया जिनमें, माझे बाल, चिमुकला संसार (1943), गजभाऊ (1944), बड़ी माँ (1945), जीवन यात्रा (1946), माँद (1948), छत्रपति शिवाजी (1952) शामिल थी। बड़ी माँ में लता ने नूरजहाँ के साथ अभिनय किया और उसके छोटी बहन की भूमिका निभाई आशा भोंसले ने। उन्होंने खुद की भूमिका के लिये गाने भी गाये और आशा के लिये पार्श्वगायन किया। 1947 में वसंत जोगलेकर ने अपनी फ़िल्म आपकी सेवा में में लता को गाने का मौका दिया। इस फ़िल्म के गानों से लता की खूब चर्चा हुई। इसके बाद लता ने मज़बूर फ़िल्म के गानों "अंग्रेजी छोरा चला गया" और "दिल मेरा तोड़ा हाय मुझे कहीं का न छोड़ा तेरे प्यार ने" जैसे गानों से अपनी स्थिती सुदृढ की। हालाँकि इसके बावज़ूद लता को उस खास हिट की अभी भी तलाश थी।
1949 में लता को ऐसा मौका फ़िल्म "महल" के "आयेगा आनेवाला" गीत से मिला। इस गीत को उस समय की सबसे खूबसूरत और चर्चित अभिनेत्री मधुबाला पर फ़िल्माया गया था। यह फ़िल्म अत्यंत सफल रही थी और लता तथा मधुबाला दोनों के लिये बहुत शुभ साबित हुई। इसके बाद लता ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
विविध
- पिता दीनानाथ मंगेशकर शास्त्रीय गायक थे।
- उन्होने अपना पहला गाना मराठी फिल्म 'किती हसाल' (कितना हसोगे?) (1942) में गाया था।
- लता मंगेशकर को सबसे बड़ा ब्रेक फिल्म महल से मिला। उनका गाया "आयेगा आने वाला" सुपर डुपर हिट था।
- लता मंगेशकर अब तक 20 से अधिक भाषाओं में 30000 से अधिक गाने गा चुकी हैं।
- लता मंगेशकर ने 1980 के बाद से फ़िल्मो में गाना कम कर दिया और स्टेज शो पर अधिक ध्यान देने लगी।
- लता ही एकमात्र ऐसी जीवित व्यक्ति थीं जिनके नाम से पुरस्कार दिए जाते हैं।
- लता मंगेशकर ने आनंद घन बैनर तले फ़िल्मो का निर्माण भी किया है और संगीत भी दिया है।
- वे हमेशा अपने पैर से चप्पल उतार कर हि (नंगे पाँव) स्टूडियो, स्टेज आदि पर गाना रिकार्डिंग करती अथवा गाती थीं।
पुरस्कार
- फिल्म फेयर पुरस्कार (1958, 1962, 1965, 1969, 1993 और 1994)
- राष्ट्रीय पुरस्कार (1972, 1975 और 1990)
- महाराष्ट्र सरकार पुरस्कार (1966 और 1967)
- 1969 - पद्म भूषण
- 1974 - दुनिया में सबसे अधिक गीत गाने का गिनीज़ बुक रिकॉर्ड
- 1989 - दादा साहब फाल्के पुरस्कार
- 1993 - फिल्म फेयर का लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार
- 1996 - स्क्रीन का लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार
- 1997 - राजीव गांधी पुरस्कार
- 1999 - एन.टी.आर. पुरस्कार
- 1999 - पद्म विभूषण
- 1999 - ज़ी सिने का लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार
- 2000 - आई. आई. ए. एफ. का लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार
- 2001 - स्टारडस्ट का लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार
- 2001 - भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान “भारत रत्न”
- 2001 - नूरजहाँ पुरस्कार
- 2001 - बंजारा पुरस्कार
- 2001 - महाराष्ट्र पूरस्कार