देव आनन्द
देव आनन्द
(Age 88 Yr. )
व्यक्तिगत जीवन
शिक्षा | अंग्रेजी में कला स्नातक |
धर्म/संप्रदाय | सनातन |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
व्यवसाय | अभिनेता, निर्देशक, निर्माता |
स्थान | शकरगढ़, पंजाब, ब्रिटिश भारत, |
शारीरिक संरचना
ऊंचाई | लगभग 5.8 फ़ीट |
वज़न | लगभग 70 किग्रा |
आँखों का रंग | काला |
बालों का रंग | काला |
पारिवारिक विवरण
अभिभावक | पिता : पिशोरी लाल आनंद |
वैवाहिक स्थिति | Married |
जीवनसाथी | कल्पना कार्तिक (वि. 1954-2011) |
बच्चे/शिशु | बेटा : सुनील आनंद |
भाई-बहन | भाई : मनमोहन आनंद (वकील), चेतन आनंद (फिल्म निर्माता), विजय आनंद (फिल्म निर्माता) |
पसंद
रंग | पीला, भूरा, काला |
अभिनेत्री | स्नेहप्रभा प्रधान |
अभिनेता | अशोक कुमार, चार्ली चैपलिन |
देव आनंद एक भारतीय अभिनेता, लेखक, निर्देशक और निर्माता थे जो हिंदी सिनेमा में अपने काम के लिए जाने जाते हैं । आनंद को भारतीय सिनेमा के इतिहास में सबसे महान और सबसे सफल अभिनेताओं में से एक माना जाता है। छह दशकों से अधिक लंबे करियर के दौरान, उन्होंने 100 से अधिक फिल्मों में काम किया । आनंद चार फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कारों के प्राप्तकर्ता हैं , जिनमें दो सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए शामिल हैं । भारत सरकार ने उन्हें 2001 में भारत के तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण और 2002 में दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया ।
व्यक्तिगत जीवन
धर्मदेव आनंद, जो की देव आनन्द के नाम से प्रसिद्ध थे, का जन्म २६ सितम्बर १९२३ में गुरदास पुर (जो अब नारोवाल जिला, पकिस्तान में है) में हुआ और उनका निधन ३ दिसम्बर २०११ रात १० बजे को लंदन में हृदयघात से हुआ। वे भारतीय सिनेमा के बहुत ही सफल कलाकार, निर्देशक और फ़िल्म निर्माता थे। उनके पिता किशोरीमल आनंद पेशे से वकील थे। उन्होंने गवर्नमेंट कॉलेज लाहौर से अंग्रेजी साहित्य में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। देव आनंद के भाई, चेतन आनंद और विजय आनंद भी भारतीय सिनेमा में सफल निर्देशक थे। उनकी बहन शील कांता कपूर प्रसिद्ध फ़िल्म निर्देशक शेखर कपूर की माँ है। भारतीय सरकार ने देव आनंद को भारतीय सिनेमा के योगदान के लिए २००१ में पद्म भूषण और २००२ में दादासाहेब फाल्के पुरस्कारों से सम्मानित किया।
फिल्मी सफर
देव आनंद काम की तलाश में मुंबई आये और उन्होंने मिलट्री सेंसर ऑफिस में १६० रुपये प्रति माह के वेतन पर काम की शुरुआत की! शीघ्र ही उन्हें प्रभात टाकीज़ की एक फ़िल्म हम एक हैं में काम करने का मौका मिला! और पूना में शूटिंग के वक़्त उनकी दोस्ती अपने ज़माने के सुपर स्टार गुरु दत्त से हो गयी! कुछ समय बाद अशोक कुमार के द्वारा उन्हें एक फ़िल्म में बड़ा ब्रेक मिला! उन्हें बॉम्बे टाकीज़ प्रोडक्शन की फ़िल्म ज़िद्दी में मुख्य भूमिका प्राप्त हुई और इस फ़िल्म में उनकी सहकारा थीं कामिनी कौशल, ये फ़िल्म १९४८ में रिलीज़ हुई और सफल भी हुई! १९४९ में देव आनंद ने अपनी एक फ़िल्म कम्पनी बनाई, जिसका नाम नवकेतन रखा गया, इस तरह अब वो फ़िल्म निर्माता बन गए! देव आनंद साहब ने अपने मित्र गुरुदत्त को निर्देशक के रूप में चयन किया और एक फ़िल्म का निर्माण किया, जिसका नाम था बाज़ी, ये फ़िल्म १९५१ में प्रदर्शित हुई और काफी सफ़ल हुई।
इसके बाद देव साहब नें कुछ भूमिकाएं निभाई जो कुछ नकरात्मक शेड लिए थीं! जब राज कपूर की आवारा पर्दर्शित हुई, तभी देव आनंद की राही और आंधियां भी प्रदर्शित हुईं! इसके बाद आई टेक्सी ड्राईवर, जो हिट साबित हुई! इस फ़िल्म में इनके साथ थीं कल्पना कार्तिक, जिन्होंने देव साहब के साथ विवाह किया और १९५६ में इन्हें एक पुत्र हुआ, जिसका नाम सुनील आनंद रखा गया।
इसके बाद उनकी कुछ फ़िल्में आयीं जैसे, मुनीम जी, सी आई डी और पेइंग गेस्ट, उसके बाद तो हर नौजवान उनके स्टाइल का दीवाना हो गया और उनका स्टाइल अपनाने की कोशिश करता।१९५५ में उन्होंने उस ज़माने के एक और सुपर स्टार दिलीप कुमार के साथ काम किया और फ़िल्म का नाम था इंसानियत. १९५८ में उनको फ़िल्म काला पानी के लिए बेहतरीन कलाकार के पुरस्कार से नवाज़ा गया।
इसके बाद उनके जीवन में सुरैय्या आईं, जिनके साथ उन्होंने ६ फ़िल्मो में काम किया! एक बार देव आनंद ने शूटिंग के दौरान सुरैया को पानी में डूबने से बचाया तब से वो उन्हें प्यार करने लगीं, लेकिन सुरैया की दादी धार्मिक कारणों से इनके रिश्ते के खिलाफ थीं। सुरैय्या आजीवन कुंवारी ही रहीं। देव आनंद ने अभी कुछ ही समय पहले स्वीकार किया, की वो उनसे प्यार करते थे, यदि उनकी शादी सुरैया के साथ हो गयी होती तो उनका जीवन शायद कुछ और ही होता।
१९६५ में उनकी पहली रंगीन फ़िल्म प्रदर्शित हुई, जिसका नाम था गाइड, ये एक मशहूर लेखक आर के नारायण के उपन्यास आधारित थी, जिसका निर्माण उनके छोटे भाई विजय आनंद ने किया था, इस फ़िल्म में देव आनंद के साथ थीं वहीदा रहमान! ये फ़िल्म देव साहब ही बेहतरीन फ़िल्मों में से एक है, जिसके बारे में कहा जाता है की अब दुबारा गाइड कभी नहीं बन सकती, ऐसी फ़िल्म सिर्फ एक बार ही बनती है।
उसके बाद उन्होंने विजय आनंद के साथ मिल कर एक और फ़िल्म का निर्माण किया, जिसका नाम था ज्वेल थीफ, इसमें उनके साथ थीं, वैजयंती माला, तनूजा, अंजू महिन्द्रू और हेलेन! इसके बाद उनकी अगली फ़िल्म थी जॉनी मेरा नाम, जो उस समय सफलतम फ़िल्मों में से एक थी।
१९७० में बतौर निर्देशक उनकी पहली फ़िल्म आई प्रेम पुजारी, जो सफल नहीं हुई, लेकिन अगले ही वर्ष उनके द्वारा निर्देशित फ़िल्म हरे राम हरे कृष्णा ने सफलता का स्वाद चखा इस फ़िल्म में उनकी खोज ज़ीनत अमान ने "जेनिस" नाम की लड़की का किरदार निभाया, जो माता पिता के तनाव से तंग आ कर हिप्पियों के समूह में शामिल हो जाती है।
इसी वर्ष उनकी एक और फ़िल्म तेरे मेरे सपने प्रदर्शित हुई, जिसमें उनके साथ थीं मुमताज़, ये फ़िल्म ए.जे क्रोनिन के उपन्यास The Citadel पर आधारित थी, इस फ़िल्म को उनके भाई विजय आनंद द्वारा निर्देशित किया गया था। ज़ीनत अमान के बाद उनकी नयी खोज थी टीना मुनीम, जिनके साथ उन्होंने १९७८ में फ़िल्म देस परदेस का निर्माण किया, ये भी उनकी एक सफल फ़िल्म थी।
१९७७ में उन्होंने एक राजनितिक दल नेशनल पार्टी ऑफ़ इंडिया का निर्माण किया, जो की तत्कालीन प्रधान मंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी के खिलाफ था ! लेकिन ये राजनितिक दल ज्यादा समय तक नहीं रहा।
देव आनंद की फ़िल्में उनके संगीत के कारण भी प्रसिद्ध है, उनकी फ़िल्मों का संगीत आज भी लोगों को मंत्र मुग्ध करता है! उन्होंने जिन संगीतकारों, लेखकों और गायकों के साथ काम किया उनमे से कुछ इस प्रकार हैं, शंकर-जयकिशन, ओ पी नैयर, कल्याण जी- आनंद जी, सचिन देव बर्मन, राहुल देव बर्मन, लेखक: हसरत जयपुरी, मज़रूह सुल्तानपुरी, नीरज, शैलेन्द्र, आनंद बख्शी, गायक: मोह्हमद रफ़ी, महेंद्र कपूर, किशोर कुमार, मुकेश आदि।
सितम्बर २००७ में उनकी आत्मकथा रोमांसिंग विद लाइफ उनके जन्म दिवस के अवसर पर प्रदर्शित की गयी, जहाँ भारत के तात्कालिक प्रधान मंत्री श्री मनमोहन सिंह जी भी उपस्थित थे।
प्रमुख फिल्में
वर्ष | फ़िल्म | पात्र/चरित्र |
---|---|---|
2005 | मिस्टर प्राइम मिनिस्टर | जोनी मास्टर |
2003 | अमन के फरिश्ते | |
2003 | लव एट टाइम्स स्क्वैर | शान |
2001 | सेंसर | |
1996 | रिटर्न ऑफ ज्वैलथीफ | |
1994 | गैंगस्टर | |
1991 | सौ करोड़ | |
1990 | अव्वल नम्बर | |
1989 | सच्चे का बोलबाला | |
1989 | लश्कर | |
1985 | हम नौजवान | |
1984 | आनन्द और आनन्द | |
1982 | स्वामी दादा | |
1980 | मन पसन्द | |
1980 | लूटमार | |
1978 | देस परदेस | वीर साहनी |
1977 | साहेब बहादुर | |
1977 | डार्लिंग डार्लिंग | |
1977 | कलाबाज़ | विजय |
1976 | जानेमन | |
1976 | बुलेट | |
1975 | वारंट | |
1974 | अमीर गरीब | |
1974 | इश्क इश्क इश्क | |
1974 | प्रेम शस्त्र | |
1973 | शरीफ़ बदमाश | |
1973 | छुपा रुस्तम | |
1973 | जोशीला | |
1973 | बनारसी बाबू | |
1973 | हीरा पन्ना | |
1972 | यह गुलिस्ताँ हमारा | |
1971 | गैम्बलर | |
1971 | तेरे मेरे सपने | |
1971 | हरे रामा हरे कृष्णा | प्रशान्त जयसवाल |
1970 | जॉनी मेरा नाम | |
1970 | प्रेम पुजारी | |
1970 | द ईविल विद इन | |
1969 | महल | |
1968 | दुनिया | |
1968 | कहीं और चल | |
1967 | ज्वैलथीफ | विनय/प्रिन्स अमर |
1966 | प्यार मोहब्बत | |
1965 | गाइड | राजू |
1965 | तीन देवियाँ | |
1964 | शराबी | |
1963 | तेरे घर के सामने | |
1963 | किनारे किनारे | |
1962 | असली नकली | |
1962 | बात एक रात की | |
1961 | जब प्यार किसी से होता है | |
1961 | हम दोनों | |
1961 | माया | |
1961 | रूप की रानी चोरों का राजा | |
1960 | जाली नोट | |
1960 | बम्बई का बाबू | |
1960 | एक के बाद एक | |
1960 | काला बाज़ार | |
1960 | मंज़िल | |
1960 | सरहद | |
1959 | लव मैरिज | |
1958 | काला पानी | करन मेहरा |
1958 | अमर दीप | |
1958 | सोलवाँ साल | |
1957 | बारिश | |
1957 | दुश्मन | |
1957 | नौ दो ग्यारह | |
1957 | पेइंग गेस्ट | |
1956 | सी आई डी | शेखर |
1956 | फंटूश | |
1956 | पॉकेटमार | |
1955 | मुनीम जी | |
1955 | फ़रार | |
1955 | हाउस नम्बर 44 | |
1955 | इन्सानियत | |
1955 | मिलाप | |
1954 | टैक्सी ड्राइवर | |
1954 | बादबाँ | |
1954 | कश्ती | |
1953 | अरमान | |
1953 | हमसफर | |
1953 | पतिता | |
1953 | राही | |
1952 | आँधियां | |
1952 | जाल | |
1952 | तमाशा | |
1952 | ज़लज़ला | |
1951 | आराम | श्याम |
1951 | बाज़ी | मदन |
1951 | दो सितारे | |
1951 | नादान | |
1951 | सनम | |
1951 | सज़ा | अशोक |
1951 | स्टेज | |
1950 | निराला | |
1950 | अफ़सर | |
1950 | बिरहा की रात | |
1950 | दिलरुबा | |
1950 | हिन्दुस्तान हमारा | |
1950 | खेल | |
1950 | मधुबाला | |
1950 | निली | |
1949 | जीत | विजय |
1949 | शाइर | |
1949 | शायर | |
1949 | उधार | |
1948 | हम भी इंसान हैं | |
1948 | विद्या | चन्द्र्शेखर |
1948 | ज़िद्दी | |
1947 | आगे बढ़ो | |
1947 | मोहन | |
1946 | हम एक हैं |
बतौर लेखक
वर्ष | फ़िल्म |
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1993 | प्यार का तराना |
1978 | देस परदेस |
बतौर निर्माता
वर्ष | फ़िल्म |
---|---|
1998 | मैं सोलह बरस की |
1993 | प्यार का तराना |
1978 | देस परदेस |
बतौर निर्देशक
वर्ष | फ़िल्म |
---|---|
2005 | मिस्टर प्राइम मिनिस्टर |
2003 | लव एट टाइम्स स्क्वैर |
2001 | सेंसर |
1998 | मैं सोलह बरस की |
1994 | गैंगस्टर |
1993 | प्यार का तराना |
1991 | सौ करोड़ |
1990 | अव्वल नम्बर |
1989 | सच्चे का बोलबाला |
1985 | हम नौजवान |
1984 | आनन्द और आनन्द |
1980 | लूटमार |
1978 | देस परदेस |
1974 | इश्क इश्क इश्क |
1973 | हीरा पन्ना |
1971 | हरे रामा हरे कृष्णा |
1970 | प्रेम पुजारी |
नामांकन और पुरस्कार
- 2010 - किशोर कुमार सम्मान - अभिनय के क्षेत्र में
- 1967 - फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार - गाइड
- 1959 - फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार - काला पानी
देव आनंद को सन २००१ में भारत सरकार ने कला क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया था। ये महाराष्ट्र से हैं।