कादर ख़ान
कादर ख़ान
(Age 81 Yr. )
व्यक्तिगत जीवन
शिक्षा | इंजीनियरिंग में मास्टर डिप्लोमा (एमआईई) |
धर्म/संप्रदाय | इसलाम |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
व्यवसाय | अभिनेता, लेखक, निर्देशक |
स्थान | काबुल, अफगानिस्तान, |
शारीरिक संरचना
ऊंचाई | लगभग 5.8 फ़ीट |
वज़न | लगभग 90 किग्रा |
आँखों का रंग | गहरा भूरा |
बालों का रंग | काला |
पारिवारिक विवरण
अभिभावक | पिता : अब्दुल रहमान खान |
वैवाहिक स्थिति | Married |
जीवनसाथी | अज़रा खान |
बच्चे/शिशु | बेटे : अब्दुल कुद्दूस (हवाई अड्डे पर एक सुरक्षा अधिकारी), सरफराज खान (अभिनेता), शाहनवाज खान (अभिनेता, निर्देशक) |
भाई-बहन | भाई : शम्स उर रहमान, फजल रहमान, हबीब उर रहमान (तीनों की मृत्यु हो चुकी है) |
पसंद
रंग | स्लेटी |
अभिनेता | अमिताभ बच्चन |
क़ादर ख़ान एक हिन्दी फ़िल्म हास्य अभिनेता होने के साथ साथ एक फ़िल्म निर्देशक भी थे। उन्होंने अबतक 300 से अधिक फ़िल्मो में काम किया है। उनकी पहली फ़िल्म दाग (1973) थी जिसमे उन्होंने अभियोगपक्ष के वकील की भूमिका निभाई थी। उन्होंने स्नातक की पढ़ाई इस्माइल यूसुफ कॉलेज से पूरी की। उन्होंने एक शिक्षक के रूप में भी कार्य किया। कादर खान की मृत्यु कनाडा में 31 दिसम्बर 2018 को शाम करीब 6 बजे हुई। इन्हें कनाडा के मिसीसॉगा शहर के कब्रिस्तान मेें ही दफनाया गया।
फिल्मी सफर
कादर खान के फ़िल्मी जीवन की शुरुआत तब हुई एक बार वे अपने कॉलेज में किसी भूमिका को निभाया तो वहां उपस्थित लोगो ने उनकी काफ़ी प्रशंसा की। जब अभिनेता दिलीप कुमार को ये पता चला तो उन्होंने खान को बुलाया और उन्हें रोल देखने कि इच्छा ज़ाहिर की तो खान ने अच्छे से तैयार कर उनके लिए प्रदर्शित किया। दिलीप कुमार उनके प्रदर्शन से काफी प्रभावित हुए और उन्होंने खान को सगीना महतो और बैराग फ़िल्मो में काम दे दिया।
पुरस्कार व नामांकन
अपने कला और आवाज से प्रभावित कर देने वाले खान ने कई पुरस्कार भी प्राप्त किए है।
- 2013 - साहित्य शिरोमणि पुरस्कार (हिन्दी फ़िल्म जगत और सिनेमा में योगदान के लिए)
श्रेणी | फ़िल्म | वर्ष | स्थिति |
---|---|---|---|
सर्वश्रेष्ठ संवाद लेखन | मेरी आवाज़ सुनो | 1982 | जीत |
सर्वश्रेष्ठ हस्य अभिनेता | बाप नम्बरी बेटा दस नम्बरी | 1991 | जीत |
सर्वश्रेष्ठ संवाद लेखन | अंगार | 1993 | जीत |
सर्वश्रेष्ठ हस्य अभिनेता | हिम्मतवाला | 1984 | नामित |
आज का दौर | 1986 | नामित | |
सिक्का | 1990 | नामित | |
हम | 1992 | नामित | |
आँखें | 1994 | नामित | |
मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी | 1995 | नामित | |
कुली नं॰ 1 | 1996 | नामित | |
साजन चले ससुराल | 1997 | नामित | |
दूल्हे राजा | 1997 | नामित |
प्रमुख फिल्में
वर्ष | फ़िल्म | चरित्र | टिप्पणी |
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1973 | |||
1977 | मुक्ति | हुसैन | संवाद भी |
1997 | मिस्टर एंड मिसेज़ खिलाड़ी |
मृत्यु
कादर ख़ान जीवन के अंतिम दिनों में सुप्रान्यूक्लियर पाल्सी नामक बीमारी से जूझ रहे थे, जो कि एक लाइलाज बीमारी है। साँस लेने में तकलीफ़ के कारण उन्हें 28 दिसंबर 2018 को कनाडा के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहाँ वे अपने बेटे-बहू के पास इलाज कराने के लिये लिये आये थे। 31 दिसंबर 2018 (पूर्वी समय मंडल के अनुसार) उनके पुत्र सरफराज खान ने उनकी मृत्यु की पुष्टि की। उनका अंतिम संस्कार कनाडा के मिसिसागुआ स्थित मेअडोवले कब्रिस्तान में हुआ।