करण जौहर

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करण जौहर

नाम :करण धर्मा काम जौहर
उपनाम :केजेओ
जन्म तिथि :25 May 1972
(Age 50 Yr. )

व्यक्तिगत जीवन

शिक्षा फ्रेंच में एम. ए
धर्म/संप्रदाय सनातन
व्यवसाय अभिनेता, फ़िल्म निर्देशक, पटकथा लेखक, फ़िल्म निर्माता, फिल्म अभिनेता, टेलीविज़न प्रस्तोता, लेखक
स्थान बॉम्बे, महाराष्ट्र, भारत,

शारीरिक संरचना

ऊंचाई लगभग 5.8 फ़ीट
वज़न लगभग 60 किग्रा
आँखों का रंग गहरा भूरा
बालों का रंग काला

पारिवारिक विवरण

अभिभावक

पिता : स्वर्गीय यश जौहर
माता : हीरू जौहर

भाई-बहन

चचेरे भाई: आदित्य चोपड़ा, उदय चोपड़ा

पसंद

स्थान न्यूयॉर्क
भोजन पारसी खाना
गीत डफली वाले डफली बजा
अभिनेत्री मेरिल स्ट्रीप, करीना कपूर, काजोल और रानी मुखर्जी
अभिनेता ऋतिक रोशन, शाहरुख खान, ऋषि कपूर

करण जौहर (जन्म: 25 मई, 1972) हिन्दी एक प्रसिद्ध भारतीय फ़िल्म निर्देशक, निर्माता, चलचित्र लेखक, कॉस्ट्यूम डिज़ाइनर, अभिनेता और टीवी होस्ट हैं। वह हिरू जौहर और यश जौहर के पुत्र हैं। वह धर्मा प्रोडक्शन्स कम्पनी के मुखिया भी हैं। वह भारत और विश्व के सबसे ज़्यादा कमाई करने वाले फ़िल्मो का उत्पादन करने के लिये प्रसिद्ध है। इनमे से चार फ़िल्मे, जिनमे शाहरुख़ ख़ान अभिनेता के पात्र मे मौजूद है, विदेशी फिल्म उद्योग मे भारत के सबसे ज़्यादा कमाने वाले उत्पादन मे से हैं। इन फिल्मों की कामयाबी के कारण, करण जोहर को भारतीय सिनेमा का पश्चिम अनुभूति में बदलाव लाने का श्रेय दिया गया है। आदित्य चोपड़ा द्वारा निर्देशित 'दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे' नामक फ़िल्म मे अभिनेता के पात्र मे करण जोहर ने फिल्मों से शुरुआत की थी। उन्होंने बाद मे बेहद सफल रोमानी कॉमेडी, कुछ कुछ होता है के साथ अपने निर्देशन जीविका की शुरुआत की। इस फ़िल्म से उसे सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के लिये और सर्वश्रेष्ठ पटकथा के लिये फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया। उनकी दूसरी फिल्में परिवारिक नाटक, कभी ख़ुशी कभी ग़म (२००१) और रोमांटिक नाटक, कभी अलविदा ना कहना (२००६) थीं। कभी अलविदा ना कहना (2006) व्यभिचार के विषय के साथ जुड़ी हुई एक फ़िल्म थी। दोनों ही फ़िल्मों ने भारत और विदेशों में प्रमुख वित्तीय सफलताएं प्राप्त कीं। इस प्रकार जौहर ने बॉलीवुड के सबसे सफल फ़िल्म निर्माताओं के तालिका में ख़ुद को स्थापित कर लिया। उनकी चौथी फ़िल्म माइ नेम इज़ ख़ान (२०१०) को सकारात्मक समीक्षा मिली और उस फ़िल्म ने दुनिया भर मे २०० करोड़ रुपये कमाए। इन सब के कारण्, वह ख़ुद को भारतीय सिनेमा में सबसे सफल निर्देशक और निर्माता के रूप में स्थापित किया है। यही सूचना के कारण उन्होने अपनी पहली फ़िल्म कुछ कुछ होता है बनाई। करण जौहर एक कुशल निर्देशक के रूप मे जाने जाते हैं। इन्होनें ख़ुद की जीवनी पर आधारित किताब में गे(समलैंगिक) होना स्वीकार किया

प्रारम्भिक जीवनी

करण जौहर का जन्म भारत के मुम्बई शहर मे हुआ था। वह बॉलीवुड फ़िल्म निर्माता यश जौहर, धर्मा प्रोडक्शंस के संस्थापक और हिरू जौहर के पुत्र है। वे ग्रीनलौन्स हाइ स्कूल मे पढ़े। वे एच.आर. कॉलेज ऑफ़ कॉमर्स एन्ड इकोनोमिक्स भी गए थे। फ़्रेन्च में उन्होने अपनी मास्टर्स डिग्री पाई। बचपन के समय, वे वाणिज्यिक भारतीय सिनेमा से प्रभावित थे। वे राज कपूर, यश चोपड़ा और सूरज बड़जात्या से प्रेरित हैं। थोडे समय के लिए जौहर अंकज्योतिषी को मानते थे। उनकी सारी फ़िल्मों का नाम 'क' शब्द से शुरु होती थी। लगे रहो मुन्नाभाई (२००६) देखने के बाद (जो अंकज्योतिषी की आलोचना करती है) उन्होने यह अभ्यास छोड दिया।

जीवनी

करण जौहर ने धर्म प्रोडक्शंस के बैनर तले कई फ़िल्मों का निर्माण किया है। फ़्रेंच कोर्स ख़त्म करने के बाद करण पेरिस से जन संचार में एक डिग्री प्राप्त करना चाहते थे लेकिन उनके मित्र आदित्य चोपड़ा ने उनकी फ़िल्म दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे के लिए मदद पूछा और जौहर ने हाँ कहा। इसके बाद उनकी पूरी ज़िन्दगी ही बदल गई। जब करण स्विट्सरलैंड मे दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे पर काम कर रहे थे, तब शाहरुख खान ने करण को सुझाव दिया कि वह अपनी ख़ुद की फ़िल्म का निर्देशन करें। इसी सुझाव के कारण, करण जौहर ने कुछ कुछ होता है को बनाया। इस फ़िल्म ने १९९८ के फ़िल्मफ़ेयर अवार्ड मे ८ पुरस्कार जीते। इन में से सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म और सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के पुरस्कार भी थे। जौहर की दूसरी निर्देशकीय प्रयास थी २००१ की परिवार नाटक, 'कभी ख़ुशी कभी ग़म'। यह फिल्म भी बहुत सफलता से चली और् इस फ़िल्म ने ५ फ़िल्मफेयर अवार्ड जीते। इन दोनो फ़िल्मों के बाद करण ने निर्देशन को थोडी देर के लिए छोड कर कई फ़िल्मों का उत्पादन और लेखन किया जैसे कि 'कल हो ना हो' और 'काल'। मई २००५ में निर्देशन से चार साल अंतराल लेने के बाद, निर्देशक के रूप मे तीसरी फ़िल्म बनाई - 'कभी अलविदा ना कहना'। यह फ़िल्म विदेशो में सबसे अधिक कमाई करने वाली फ़िल्म थी। नवम्बर २००९ मे जौहर ने 'माइ नेम इज़ ख़ान' की शूटिंग ख़तम की। इस फ़िल्म में शाहरुख़ ख़ान और काजोल ने अभिनय किया है। इस फ़िल्म को घनी सकारात्मक समीक्षाएं मिलीं और बॉक्स ऑफिस पर भी अच्छा प्रदर्शन किया। इस फ़िल्म के प्रिमीयर अबू धाबी और बर्लिन में भी हुए। उन्होंने अपने पिता की फ़िल्म, अग्निपथ का रीमेक भी बनाया और कहा जा रहा है कि वे 'दोस्ताना २' का भी उत्पादन करेंगे। वे 'कॉफ़ी विथ करण' नाम के शो के होस्ट है जिसमे वह बॉलीवुड और भारत की ग्लैमर की दुनिया से प्रसिद्ध हस्तियों का इंटरव्यू करते है। अब इस शो का चौथा सीज़न चल रहा है। एक बेहद समझदार डाइरेक्टर और एंकर ....

प्रमुख फ़िल्में

बतौर निर्माता

वर्षफ़िल्मटिप्पणी
2003कल हो ना हो 
2005काल 
2007कभी अलविदा ना कहना 
2008दोस्ताना 
2009क़ुर्बानi

बतौर निर्देशक[संपादित करें]

वर्षफ़िल्मटिप्पणी
1998कुछ कुछ होता है 
2001कभी खुशी कभी ग़म 
2006कभी अलविदा ना कहना 
2010माइ नेम इज़ ख़ान 
2012स्टुडेंट ऑफ़ द ईयर 
2013बॉम्बे टॉकीज़ 
2016ऐ दिल है मुश्किल 
2018लस्ट स्टोरीज़ 

बतौर अभिनेता[संपादित करें]

वर्षफ़िल्मअभिनयटिप्पणी
1989इन्द्रधनुषश्रीकान्तटेलीविजन शृंखला
1995दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगेरॉकीसहायक निर्देशक भी
2003कल हो ना होकैफ़े में ग्राहक (श्रेय नहीं) 
2005होम डिलीवरीस्वयं (केमियो) 
2006अलगस्वयं (केमियो)"सबसे अलग" गाने में
2007सलाम-ए-इश्क़स्वयं (आवाज) 
ओम शांति ओमस्वयं (केमियो) 
2008सी कंपनीस्वयं/गेम शॉ के मेजबान (केमियो) 
फ़ैशनस्वयं (केमियो) 
2009लक बाय चांसस्वयं (केमियो) 
2014हंसी तो फंसीउपभोक्ता 
2015शमिताभस्वयं (केमियो) 
बॉम्बे वेलवेटकैज़ाद खमबत्ताकथा चित्र की शुरूआत
शानदारस्वयं (केमियो) 
2018वेलकम टू न्यू यॉर्ककरण/अर्जुन 
सिम्बागाने के नृत्य में (केमियो)"आँख मारे" गाने में
2019गुड न्यूज़स्वयं (केमियो)"चंडीगढ़ में" गाने में

उत्पादक

धर्मा प्रोडक्शन, उनके पिताजी द्वारा स्थापित की गयी कम्पनी, जौहर की उत्पादन कम्पनी है। वह अपने पिताजी के मरण के बाद उस कम्पनी का मुख्य उत्पादक बन गए थे। २००३ के साक्षत्कार में उन्होंने अपनी उत्पादन रणनीति बताते हुए कहा कि, "मै चाहता हूं कि मेरा उत्पादन घर दोड़ने के पहले चले। मुझे धारा रेखित करनी है और बुनियादी ढांचे बनाने हैं। मुझे सब तरह की फ़िल्में बनानी हैं क्योंकि मैं सब तरह की फ़िल्में देखा हूँ।" २००३ की फ़िल्म, कल हो ना हो के जौहर लेखक और निर्माता रहे। इस फ़िल्म में शाहरुख ख़ान, प्रीटी ज़िन्ता और सैफ अली ख़ान जैसे अभिनेता मुख्य कलाकार थे। आलोचको द्वारा यह फ़िल्म बहुत सराही गयी। विदेश में भी इसका बहुत नाम हुआ। इस फिल्म को ८ फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार मिले। जौहर की २००५ की फिल्म काल, सोहम शाह द्वारा निर्देशित की गयी थी। जौहर ने स्टेप मोम को नए सिरे से बनाया और उसका शीर्षक वी आर फ़ैमली रखा जिसमें काजोल, करीना कपूर और अर्जुन रामपाल जैसे अभिनेता थे। उसी साल उन्होंने, इमरान खान और सोनम कपूर की फ़िल्म, आई हेट लव स्टोरी का भी उत्पादन किया था। यह फ़िल्म बाक्स ऑफ़िस पर बहुत सफल हुई थी। टाईम्स ऑफ़ इंडिया के साथ एक साक्षात्कार में, करण ने बताया की "१९९० की सनसनिखेज फ़िल्म अग्नीपथ, जिसका निर्देशन उनके पिताजी ने किया, को दोबारा बनाना उनका इरादा रहा क्योंकि यह फ़िल्म व्यापारिक रूप से नही चल पाई थी और उनके पिताजी का दिल टूट गया था।" उनकी फ़िल्म, माई नेम इज़ ख़ान को बॉलीवूड मे आलोचिक और व्यापारिक सफलता प्राप्त हुई थी। २०१२ में उन्होंने करीना कपूर और इमरान खान की फ़िल्म एक मैं और एक तू का उत्पादन किया था। इस फ़िल्म को मध्यम सफलता प्राप्त हुई। इसका अनुकरण करते हुए उन्होंने स्टुडेंट ऑफ़ द ईयर का उत्पादन किया।

दूरदर्शन

२००४ मई करण, ख्याति पर निर्धारित गपशप प्रदर्शन, काफ़ी विद करण के यजमान बने जिसमें वह प्रसिद्ध बॉलीवुड के कलाकारों का साक्षत्कार लेते हैं। सबसे पहली अवधि का प्रसारण स्टार वर्ल्ड और स्टार टी वी पर १९ नवम्बर २००४ से होने लगा। इस योजना को बहुत सफलता प्राप्त हुई और यह अंग्रेज़ी का पहला मनोरंजन प्रदर्शन बना जिसको अधिक श्रेणी प्राप्त हुई। यह अवधि २५ एपिसोड तक चली। यह प्रदर्शन कुछ दिनो तक रुक गया था क्योंकि करण कभी अलविदा ना कहना की ज़िम्मेदारी में व्यस्त थे। काफ़ी विद करण अपनी दूसरी अवधि के लिए करवरी २००७ में फिर लोटा। तीसरी अवधि के लिए वह नवम्बर २०१० मई करण की चौथी फ़िल्म माइ नेम इज़ ख़ान के विमोचन के बाद लोटा। युवा लोगो को यह शो बहुत पसन्द है। करण का दूसरा दूरदर्शन प्रदर्शन २०१० का, लिफ़्ट करा दे है। इसमे १९ बॉलीवुड के सितारों को उनके चाहनेवालो से मिलाया जाता है।

Readers : 105 Publish Date : 2023-04-15 06:29:57