सोनू निगम
सोनू निगम
(Age 49 Yr. )
व्यक्तिगत जीवन
शिक्षा | स्नातक |
धर्म/संप्रदाय | सनातन |
व्यवसाय | पार्श्व गायक, संगीत निर्देशक, अभिनेता, डबिंग कलाकार |
स्थान | फरीदाबाद, हरियाणा, भारत, |
शरीरिक संरचना
ऊंचाई | लगभग 5.7 फ़ीट |
वज़न | लगभग 60 किग्रा |
आँखों का रंग | गहरा भूरा |
बालों का रंग | काला |
पारिवारिक विवरण
अभिभावक | पिता - अगम कुमार निगम (गायक) |
वैवाहिक स्थिति | Married |
जीवनसाथी | मधुरिमा निगम |
बच्चे/शिशु | बेटा: नेवान |
भाई-बहन | बहनें: मीनल और नीकिता (छोटी) |
पसंद
स्थान | ग्रीस, मिस्र, न्यूजीलैंड |
भोजन | पनीर माखनवाला, पनीर कोफ्ता, गुलाब जामुन, बटर चिकन और तंदूरी चिकन |
गायक | मंगेशकर, माइकल बोल्टन, क्लिफ रिचर्ड, मारिया केरी, मोहम्मद रफ़ी, लता मंगेशकर, माइकल जैक्सन, व्हिटनी ह्यूस्टन, जॉर्ज माइकल |
अभिनेत्री | माधुरी दीक्षित, मर्लिन मुनरो |
अभिनेता | शाहरुख खान, आमिर खान |
सोनू निगम (जन्म: ३० जुलाई १९७३, फरीदाबाद, हरियाणा, भारत) हिन्दी फिल्मों के एक प्रसिद्ध गायक हैँ। वे हिन्दी के अलावा कन्नड़, ओड़िआ, तमिल, असमिया, पंजाबी, बंगाली, मराठी और गंगा-जमुनामाता मंदिर अर्जुनी मोरगाव (३६गढी एल्बम और फिल्मों) में भी गा चुके हैं। इन्होने बहुत से इन्डि-पॉप एलबम बनाए हैं और कुछ हिंदी फिल्मों में काम किया है।राज्य महामार्ग २७५ (महाराष्ट्र) |
प्रारम्भिक जीवन
सोनू निगम चार साल की उम्र से गाते आ रहे हैं। उन्होंने सबसे पहले अपने पिताजी के साथ मंच पर मोहम्मद रफ़ी का गीत 'क्या हुआ तेरा वादा' गाया था। तभी से शादियों और पार्टियों में वे अपने पिताजी के साथ गाने लगे। कुछ और बड़े होने पर वे संगीत प्रतियोगिताओं में भाग लेने लगे। १९ वर्ष कि आयु में गायन को अपना व्यवसाय बनाने के लिए वे अपने पिताजी के साथ मुम्बई आ गए। उन्होंने शास्त्रीय गायक उस्ताद ग़ुलाम मुस्तफ़ा ख़ान से शिक्षा ली।
पार्श्व गायन
शुरु के कुछ साल सोनू को अपना नाम बनाने के लिए संघर्ष करना पड़ा। उन्होंने मुख्य रूप से टी-सीरीज़ की रफ़ी की यादें नामक एल्बमों के लिए मोहम्मद रफ़ी के गाने गाना शुरु किया। टी-सीरीज़ के मालिक गुलशन कुमार ने उन्हें ज़्यादा लोगों तक पहुँचने का अवसर दिया। पार्श्व गायक के रूप में सोनू ने अपना पहला गीत फ़िल्म 'जनम' के लिए गाया, जो कि कभी औपचारिक तौर पर रिलीज़ नहीं हुआ। सोनू ने अपना पहला गाना दूरदर्शन के धारावाहिक तलाश (1992) के लिए गाया इसके बाद फिल्म आजा मेरी जान (1993) के गाने ओ आसमान वाले जमी पर से बॉलीवुड में कदम रखा तभी उन्होंने रेडियो पर विज्ञापन बनाना शुरु किया। उनको बड़ी सफलता तब मिली जब उनका गाया हुआ गाना "अच्छा सिला दिया तुने मेरे प्यार का" १ जनवरी १९९३ मे रिलीज हुआ । फिर १९९५ में टी सिरीज ने 'बेवफा सनम' फिल्म मे ये गाना अनुराधा पौडवाल के साथ फिर से रिलीज किया । बाद मे १९९५ में ज़ी टी. वी. के प्रसिद्ध कार्यक्रम सा रे गा मा का उन्होंने संचालन शुरु किया। कुछ ही दिनों में यह कार्यक्रम बहुत प्रचलित हो गया। उनकी अगली सफलता १९९७ में 'बॉर्डर' फ़िल्म के गीत 'संदेसे आते हैं' के रूप में आई। १९९९ में उनकी पहली सोलो एल्बम 'दीवाना' आई, जिसमें उन्होंने प्रेम-गीतों में अपना जौहर दिखाया और आज भी यह एल्बम भारत की सबसे सफल एल्बमों में से एक है। मोहम्मद रफ़ी की परछाईं कहलाना उन्होंने तब छोड़ दिया जब उसी साल उन्होंने नदीम-श्रवण द्वारा संगीत-निर्देशित 'परदेस' फ़िल्म का गीत 'यह दिल दीवाना' गाया। तब से, उन्होंने अपनी अलग पहचान बनाई है और आने वाली पीढ़ियों के लिए मिसाल बन गए हैं। तब से अब तक, सोनू भारतीय संगीत जगत में एक प्रमुख हस्ती बन चुके हैं। उन्होंने कई फ़िल्मों में पार्श्वगायन किया है और कई पुरस्कार भी जीते हैं। हर तरह के गीत गाने के साथ-साथ उन्होंने अनेक भाषाओं में गाने गाए हैं, जैसे कि कन्नडा, आसामीज़, बंगाली, उड़िया, पंजाबी, तमिल, तेलगु, अंग्रेज़ी, भोजपुरी, उर्दू, नेपाली, छत्तीसगढ़ी, मलयालम और मराठी।
नामांकन और पुरस्कार
वर्ष | श्रेणी | गीत | परिणाम | |
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फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार | ||||
2013 | सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक | अग्निपथ का "अभी मुझ में कहीं ... " | नामित | |
2010 | सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक | ऑल ईस वेल - ऑल ईस वेल | ||
2009 | सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक | "शुक्रं अल्लाह... "(सलीम मर्चेंट के साथ) - कुर्बान फ़िल्म | नामित | |
2008 | सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक | "इन लम्हों के... " - जोधा अकबर | नामित | |
2007 | सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक | "मैं अगर कहूँ..." - ओम शांति ओम | नामित | |
2006 | सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक | "कभी अलविदा ना कहना...." - कभी अलविदा ना कहना | नामित | |
2005 | सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक | "पीयू बोले...." - परिणीता | नामित | |
2005 | सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक | "धीरे जलना।।" - पहेली | नामित | |
2004 | सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक | "तुमसे मिलके दिल का" - मैं हूँ ना | नामित | |
2004 | सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक | "मैं हूँ ना..." - मैं हूँ ना | नामित | |
2004 | सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक | "दो पल..." - वीर-ज़ारा | नामित | |
2003 | सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक | "कल हो ना हो..." - कल हो ना हो | जीत | |
2003 | सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक | "साथिया..." - साथिया | जीत | |
ज़ी सिने पुरस्कार | ||||
2013 | सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक | "अभी मुझ में कहीं ... " - अग्निपथ | जीत | |
2007 | सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक | "मैं अगर कहूँ..." - ओम शांति ओम | नामित | |
स्टार स्क्रीन पुरस्कार | ||||
2006 | सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक | "बावरी पिया की.... " - बाबुल | नामित | |
2005 | सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक | "धीरे जलना।।" - पहेली | जीत | |
अप्सरा फ़िल्म एवं टेलीविज़न प्रोडूसर्स गिल्ड पुरस्कार | ||||
2003 | सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक | "कल हो ना हो..." - कल हो ना हो | नामित | |
Mirchi Music Awards | ||||
2013 | बर्ष के सर्वश्रेष्ठ गायक | "अभी मुझ में कहीं ... " - अग्निपथ | जीत | |
राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार | ||||
2004 | सर्वश्रेष्ठ गायक | '"कल हो ना हो..." - कल हो ना हो | जीत | |
आइफा पुरस्कार (अंतर्राष्ट्रीय भारतीय फ़िल्म अकादमी पुरस्कार) | ||||
2013 | सर्वश्रेष्ठ गायक | [["अभी मुझ में कहीं ... " - अग्निपथ | जीत | |
2009 | सर्वश्रेष्ठ गायक | "आल इज़ वेल" - थ्री इडीयट्स | नामित |
एल्बम और संगीत कार्यक्रम
सोनू निगम ने हिन्दी, उड़िया, पंजाबी और कन्नडा में पॉप-एल्बम निकाले हैं। हिन्दी में उनकी नवीनतम प्रस्तुति है 'क्लासिकली माइल्ड' जो कि एक अल्प-शास्त्रीय एल्बम है। उन्होंने हिन्दू एवं इस्लामिक धार्मिक एल्बमों के साथ-साथ, मोहम्मद रफ़ी के गानों के एल्बम भी निकाले हैं। २००८ में उन्होंने एक पंजाबी गाना 'पंजाबी प्लीज़' और 'रफ़ी रेसरेक्टेड' नामक मोहम्मद रफ़ी गीत संग्रह भी निकाला, जिसमें बर्मिंघम सिम्फ़नी ऑर्केस्ट्रा ने संगीत दिया है। उन्होंने अपनी एल्बम 'चन्दा की डोली' के कई गीत लिखे हैं और कई का संगीत-निर्देशन किया है। उनकी आखिरी एल्बम कन्नडा में 'नीने बारी नीने' है।