हरिवंश राय बच्चन
हरिवंश राय बच्चन
(Age 95 Yr. )
व्यक्तिगत जीवन
शिक्षा | सेंट कैथरीन कॉलेज, कैम्ब्रिज से पीएच.डी. |
जाति | कायस्थ |
धर्म/संप्रदाय | नास्तिक |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
व्यवसाय | कवि |
स्थान | बाबूपट्टी , संयुक्त प्रांत आगरा और अवध , ब्रिटिश भारत (वर्तमान उत्तर प्रदेश , भारत), |
शारीरिक संरचना
ऊंचाई | 5 फीट 8 इंच |
आँखों का रंग | काला |
बालों का रंग | सफ़ेद |
पारिवारिक विवरण
अभिभावक | पिता- प्रताप नारायण श्रीवास्तव |
वैवाहिक स्थिति | Married |
जीवनसाथी | पहली पत्नी- श्यामा बच्चन (1926-1936) |
बच्चे/शिशु | बेटे- अमिताभ बच्चन (अभिनेता), अजिताभ बच्चन |
भाई-बहन | भाई- शालिग्राम श्रीवास्तव |
हरिवंश राय बच्चन हिंदी भाषा के एक कवि और लेखक थे। वे हिन्दी कविता के उत्तर छायावाद काल के प्रमुख कवियों में से एक थे । उनकी सबसे प्रसिद्ध कृति मधुशाला है। भारतीय फिल्म उद्योग के अभिनेता अमिताभ बच्चन उनके सुपुत्र हैं। उनका निधन 18 जनवरी 2003 के दिन, साँस की बीमारी के कारण, मुम्बई में हुआ था।
उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय में अंग्रेजी का अध्यापन किया। बाद में भारत सरकार के विदेश मंत्रालय में हिन्दी विशेषज्ञ रहे। अनन्तर राज्य सभा के मनोनीत सदस्य रहे। बच्चन जी की गिनती हिन्दी के सर्वाधिक लोकप्रिय कवियों में होती है।
जीवन
हरिवंश राय बच्चन जी का जन्म 27 नवम्बर 1907 को प्रयाग में एक कायस्थ परिवार में हुआ था। हरिवंश राय बच्चन के पूर्वज मूलरूप से अमोढ़ा (उत्तर प्रदेश) के निवासी थे। यह एक कायस्थ परिवार था। कुछ कायस्थ परिवार इस स्थान को छोड़ कर प्रयाग जा बसे थे। इनके पिता का नाम प्रताप नारायण श्रीवास्तव तथा माता का नाम सरस्वती देवी था। इनको बाल्यकाल में 'बच्चन' कहा जाता था जिसका शाब्दिक अर्थ 'बच्चा' या 'संतान' होता है। बाद में ये इसी नाम से प्रसिद्ध हुए। उन्होंने कायस्थ पाठशाला में पहले उर्दू और फिर हिंदी की शिक्षा प्राप्त की। उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से अंग्रेजी में एम॰ए॰ और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से अंग्रेजी साहित्य के विख्यात कवि डब्लू॰बी॰ यीट्स की कविताओं पर शोध कर पीएच.डी.(Ph.D) पूरी की थी । १९२६ में १९ वर्ष की उम्र में उनका विवाह श्यामा बच्चन से हुआ जो उस समय १४ वर्ष की थीं। सन १९३६ में टीबी के कारण श्यामा की मृत्यु हो गई। पाँच साल बाद १९४१ में बच्चन ने एक पंजाबन तेजी सूरी से विवाह किया जो रंगमंच तथा गायन से जुड़ी हुई थीं। इसी समय उन्होंने 'नीड़ का निर्माण फिर' जैसी कविताओं की रचना की। उनके पुत्र अमिताभ बच्चन एक प्रसिद्ध अभिनेता हैं।
मृत्यु
2002 के सर्दियों के महीने से उनका स्वस्थ्य बिगड़ने लगा। 2003 के जनवरी से उनको सांस लेने में दिक्कत होने लगी।कठिनाइयां बढ़ने के कारण उनकी मृत्यु 18 जनवरी 2003 में सांस की बीमारी के वजह से मुंबई में हो गयी।
प्रमुख कृतियाँ
कविता संग्रह
- तेरा हार (1929),
- मधुशाला (1935),
- मधुबाला (1936),
- मधुकलश (1937),
- आत्म परिचय (1937),
- निशा निमंत्रण (1938),
- एकांत संगीत (1939),
- आकुल अंतर (1943),
- सतरंगिनी (1945),
- हलाहल (1946),
- बंगाल का काल (1946),
- खादी के फूल (1948),
- सूत की माला (1948),
- मिलन यामिनी (1950),
- प्रणय पत्रिका (1955),
- धार के इधर-उधर (1957),
- आरती और अंगारे (1958),
- बुद्ध और नाचघर (1958),
- त्रिभंगिमा (1961),
- चार खेमे चौंसठ खूंटे (1962),
- दो चट्टानें (1965),
- बहुत दिन बीते (1967),
- कटती प्रतिमाओं की आवाज़ (1968),
- उभरते प्रतिमानों के रूप (1969),
- जाल समेटा (1973)नई से नई-पुरानी से पुरानी (1985)
काव्य संगह
- क्या भूलूँ क्या याद करूँ (1969),
- नीड़ का निर्माण फिर (1970),
- बसेरे से दूर (1977),
- दशद्वार से सोपान तक (1985)
- प्रवासी की डायरी
विविध
- बच्चन के साथ क्षण भर (1934),
- खय्याम की मधुशाला (1938),
- सोपान (1953),
- मैकबेथ (1957),
- जनगीता (1958),
- ओथेलो (1959),
- उमर खय्याम की रुबाइयाँ (1959),
- कवियों में सौम्य संत: पंत (1960),
- आज के लोकप्रिय हिन्दी कवि: सुमित्रानंदन पंत (1960),
- आधुनिक कवि (1961),
- नेहरू: राजनैतिक जीवनचरित (1961),
- नये पुराने झरोखे (1962),
- अभिनव सोपान (1964)
- चौंसठ रूसी कविताएँ (1964)
- नागर गीता (1966),
- बच्चन के लोकप्रिय गीत (1967)
- डब्लू बी यीट्स एंड अकल्टिज़म (1968)
- मरकत द्वीप का स्वर (1968)
- हैमलेट (1969)
- भाषा अपनी भाव पराये (1970)
- पंत के सौ पत्र (1970)
- प्रवास की डायरी (1971)
- किंग लियर (1972)
- टूटी छूटी कड़ियाँ (1973)
पुरस्कार/सम्मान
उनकी कृति दो चट्टानें को १९६८ में हिन्दी कविता के साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इसी वर्ष उन्हें सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार तथा एफ्रो एशियाई सम्मेलन के कमल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। बिड़ला फाउण्डेशन ने उनकी आत्मकथा के लिए उन्हें सरस्वती सम्मान दिया था। बच्चन को भारत सरकार द्वारा १९७६ में साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।
बच्चन जी से संबंधित पुस्तकें
हरिवंश राय बच्चन पर अनेक पुस्तकें लिखी गई हैं। इनमें उनपर हुए शोध, आलोचना एवं रचनावली शामिल हैं। बच्चन रचनावली (1983) के नौ खण्ड हैं। इसका संपादन अजितकुमार ने किया है। अन्य उल्लेखनीय पुस्तकें हैं- हरिवंशराय बच्चन (बिशन टण्डन) गुरुवर बच्चन से दूर (अजितकुमार)