अनिरुद्धाचार्य जी महाराज

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अनिरुद्धाचार्य जी महाराज

नाम :अनिरुद्धाचार्य जी
उपनाम :अनिरुद्ध
जन्म तिथि :27 September 1989
(Age 33 Yr. )

व्यक्तिगत जीवन

धर्म/संप्रदाय सनातन
राष्ट्रीयता भारतीय
व्यवसाय कथावाचक, आध्यात्मिक गुरु
स्थान जबलपुर, मध्य प्रदेश, भारत,

शारीरिक संरचना

ऊंचाई लगभग 5.4 फ़ीट
वज़न लगभग 68 किग्रा
आँखों का रंग काला
बालों का रंग काला

पारिवारिक विवरण

अभिभावक

पिता : श्री अवधेशानंद गिरि

वैवाहिक स्थिति Married

परम पूज्य महाराज श्री अनिरुद्धचार्य जी का जन्म 27 सितम्बर 1989 को मध्यप्रदेश के जबलपुर में हुआ था महाराज जी के बारे में बताया जाता है की बालयकाल से ही अपने गांव के राधा कृष्ण जी के मन्दिर में रोज ठाकुर जी की पूजा में अपना पूरा ध्यान लगाते थे कहा जाता हैं विष्णु वराह भगवान की नगरी इनकी जन्म स्थान से महज 9 किलोमीटर की दूरी पर रिंवझा नामक जगह पर स्थित है इसी जगह इनका जन्म हुआ था।

इनका परिवार पारंपरिक गौ भक्त था इस वजह से गौ माता की सेवा करने में महाराज जी को बहुत आनंद मिलता है आज भी गौ सेवा इन्होंने जारी रखि है कहा जाता है महाराज जी को गौ माता के बछड़ों के साथ में खेलना बहुत पसंद आता था जब महाराज जी बाल्यावस्था में थे तब से गाय चराने जाते थे अपने साथ हनुमान चालीसा और गीता लेकर जाते थे जिसका यह रोज पाठ किया करते थे और अपने साथियों से भी इसका पाठ करवाते थे।

महाराज जी के कार्यों की चर्चा करें तो सबसे पहले यह एक बहुत अच्छे कथावाचक हैं यह अपने कथाओं के जरिए लोगों को समाज को अच्छी राह पर चलने की राह बताते हैं ताकि हमारे देश और समाज का अच्छा विकास हो और सब लोगों की भावना भगवान की भक्ति में लगे यह हमेशा अपनी कथाओं के जरिए लोगों को भक्ति के मार्ग पर चलने की सलाह देते हैं ताकि लोग भगवान भक्ति से अपने जीवन को अच्छे से जी सके।

अनिरुद्ध जी महाराज गरीब असहाय और जरूरतमंद लोगों का सहारा बने हैं यह अपनी संस्था में गरीब कन्याओं का विवाह कराते हैं ताकि गरीब लड़कियों की शादी आसानी से हो पाए और उनको भी अपने जीवन में खुशियां मिल पाय काफी अधिक मात्रा में लोग इनके आश्रम उनकी संस्था में हजारों रुपए दान करते हैं ताकि असहाय लोगों की मदद हो सके।

शिक्षा 

महाराज श्री अनिरुद्ध आचार्य जी की स्कूली शिक्षा दीक्षा कब की है आर्थिक स्थिति सही नहीं होने की वजह से इनकी स्कूली शिक्षा नहीं हो पाई।

महाराज अनिरुद्ध आचार्य जी बचपन से ही वृंदावन आकर संस्कृत भाषा में अध्ययन किया और इसके अलावा जितने भी हिंदू धर्म के ग्रंथ है उन सभी का अध्ययन इन्होंने किया।

स्वामी जी ने अपनी शिक्षा गुरु महाराज गिरिराज महाराज जी की शरण में ही पूर्ण की है।

स्वामी जी का मन काल से ही अध्यात्म की ओर लगा रहा है इसलिए इन्होंने वृंदावन आकर अपने गुरु की शरण में अनेक हिंदू धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन किया और अपने भविष्य की शुरुआत एक कथावाचक है और भक्ति भाव गायन के तौर पर शुरू की।

आज के समय में आधुनिक तकनीक यूट्यूब और बहुत सारे टीवी चैनलों के द्वारा भागवत कथा का प्रवचन करते हैं और जहां इन कथाओं का वाचन होता है वहां बहुत भारी मात्रा में भीड़ उमड़ती है।

भीड़ ज्यादा होने के कारण लोग समय से पहले ही भागवत कथा वाचन स्थल पर पहुंच जाते हैं ताकि वह भागवत कथा का आनंद ले सके। धीरेंद्र शास्त्री का जीवन परिचय

करियर

श्री अनिरुद्धाचार्य जी का मन बचपन से ही अध्यात्म की ओर रहा है। इसलिए वे वृंदावन आए और अपने गुरु की शरण में विभिन्न प्रकार के हिंदू धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन किया और एक कहानीकार और भक्ति गायक के रूप में अपना करियर शुरू किया। और आज के समय में Youtube और कई टीवी चैनलों के माध्यम से लोगों के सामने भागवत कथा का प्रचार करते है। और जहां उनकी कथा का पाठ किया जाता है, वहां लोगों की भारी भीड़ जमा हो जाती है। जिसके कारण लोगों को कथा पढ़ने के 5, 6 घंटे पहले भागवत कथा स्थल पर पहुंचना होता है, तभी वे कथा का आनंद ले पाते हैं।

सामाजिक कार्य 

अनिरुद्ध आचार्य जी महाराज का धार्मिक कामों में हमेशा से ही मन लगा है और धर्म के रास्ते पर चलने की वह हमेशा लोगों को प्रेरणा देते हैं ताकि लोग सही शिक्षा पाय गलत दीक्षा से भ्रमित ना हो इसी के साथ वह हमेशा गौ माता की रक्षा के लिए तत्पर रहते हैं।

भागवत कथा भजन

दुनिया में सभी धर्म के लोगों को अपने धर्म और सिद्धांत और उनकी विचार धाराओं की जानकारी होना आवश्यक होता है तभी अपने धर्म के प्रति लोग समर्पित रह पाएंगे।

इसी वजह से अनिरुद्ध महाराज हिंदू धर्म में निवास करने वाले लोगों को हमेशा धर्म के मार्ग पर ही चलने के लिए कहते हैं वे हिंदू धर्म का जो भी इतिहास और धार्मिक मान्यताएं है उनकी जानकारी लोगों तक पहुंचाते हैं।

हमारे हिंदू धर्म में लोग अपने धर्म से जुड़ी हुई सारी अच्छी बातों को अपने जीवन में सम्मिलित कर पाए इसी इसलिए महाराष्ट्र अपने कथा के माध्यम से ईश्वर के प्रति लोगों के समर्पण होने की प्रेरणा देते हैं इसीलिए उनका यह धार्मिक कार्य क्षेत्र काफी उद्देश्य कौन है।

रोचक जानकारी

  • संपूर्ण भारतवर्ष में श्री महाराज अनिरुद्ध आचार्य जी ने लगभग 500 से ज्यादा कथाएं की हैप्रत्येक धार्मिक कार्यक्रम में वृद्धि माताओं बहनों की सेवा भी इनके द्वारा की जाती है।
  • इनका एक ही लक्ष्य रहता है कि यह दुखी वृद्ध जनों की सेवा कर सके और समाज को अच्छा संदेश प्रदान कर सकें।
  • महाराज श्री जी ने 23 जनवरी 2016 को मध्यप्रदेश के इंदौर में श्री गौरी गोपाल सेवा संस्थान समिति के नियम रखी।
  • गौरी गोपाल आश्रम की मूवी महाराष्ट्री ने 16 मई 2019 को स्वयं ही रखी है।
  • लोगों की सेवा प्रतिदिन करने के साथ-साथ यह जानवरों और बंदरों की भी सेवा करते हैं।
  • महाराज जी वृद्ध माताओं कृपया दबाके उनकी सेवा करते हैं।
  • महाराज श्री मैं बहुत ही छोटी उम्र में देश के बहुत बड़े बड़े कथावाचक गुरु को पीछे छोड़ा है।
  • यह बहुत ही सुंदर रूप से अपनी कथा को सुनाते हैं इनकी कथा शैली बहुत ही सुंदर है।
  • इनकी कथाओं काफी विस्तार भारत में इन दिनों देखने को मिल रहा हैस्वामी अनिरुद्धाचार्य जी महाराज।
  • महाराज श्री की एक खास बात यह है कि भागवत कथा के साथ- साथ मोटीवेशनल बातें भी बताते हैं।
  • महाराज अनिरुद्ध आचार्य जी ने 29 सितंबर 2017 अपने जन्म दिवस के 2 दिन पश्चात अपना यूट्यूब चैनल शुरू किया था।
Readers : 71 Publish Date : 2023-06-13 06:19:29