प्रेम भूषण जी महाराज
प्रेम भूषण जी महाराज
(Age 54 Yr. )
व्यक्तिगत जीवन
शिक्षा | स्नातक |
धर्म/संप्रदाय | सनातन |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
व्यवसाय | कथावाचक |
स्थान | प्रयाग राज, उत्तर प्रदेश, भारत, |
पारिवारिक विवरण
अभिभावक | माता : दुर्गावती माता |
श्री प्रेम भूषण जी महाराज की जीवन का जन्म 21 जनवरी 1969 को प्रयाग राज (इलाहाबाद) में उत्तर प्रदेश में हुआ। दुर्गावती जी के पुत्र वे अपने मामा के घर पर रहे और वहाँ से अपनी 12 वीं कक्षा की पढ़ाई पूरी की, आगे की पढ़ाई के लिए वे कानपुर आए। अपने छात्र जीवन में वे बहुत शांत और रचनाशील थे और सबसे प्रिय छात्र थे अपने कॉलेज के सभी शिक्षक, वह अपनी पढ़ाई में बहुत अच्छे थे, उन्होंने 1991 में कानपुर से स्नातक की पढ़ाई पूरी की।
संत श्री प्रेम भूषण जी महाराज एक जाने माने राम कथाकार (राम कथा के कथावाचक) हैं, और साथ ही साथ अवधी और हिंदी भजन गायक भी हैं।
1991 में उन्होंने अवध में आकर कई कत्थक और भजन गायकों से मुलाकात की और उनकी रुचि राम कथा में बढ़ने लगी।
उन्होंने 1993 में राम कथा का वर्णन करना शुरू किया, तब से उन्होंने कई प्रवाचन किए हैं, वे अपनी मीठी भजनों में रामभजनों के लिए बहुत प्रसिद्ध हैं। आवाज जिसमें केवल संगीत वाद्ययंत्र के रूप में हारमोनियम, करतल और तबला शामिल हैं।
प्रेम भूषण जी महाराज का बचपन
भारतीय संस्कॄति विश्व कि सबसे प्राचीन संस्कॄति है । भारत जननी समय समय पर अपनी गोद में अनेक लालों को जनम दिया करती है।
इसी माँ ने भारत वर्ष के उत्तर प्रदेश की तीर्थों के राजा महर्षि भरद्वाज जी की तपस्थली तीर्थराज प्रयाग में सन् 1969 की 21 जनवरी दिन मंगलवार को माता दुर्गावती देवी जी केगर्भ से श्री रामचरितमानस को पूज्यपाद् तुल्सीदास जी महाराज की भावान्जली में प्रस्तुत करने हेतु प्रेम मूर्ति पूज्य संत श्री प्रेमभूषण जी महाराज का जन्म हुआ ।
पूज्यश्री का बचपन ननिहाल में नितान्त अभावों में बीता । प्रारम्भिक शिक्षा ननिहाल में पूर्ण कर महाराज श्री स्नातक की पढाई करने कानपुर आ गये ।
स्नातक के बाद परास्नातक की पढाई भी कानपुर से ही पूर्ण की । स्वभाव से सरल , शालीनता से परिपूर्ण पूज्यश्री गुरुजनों के प्रिय रहे ।
रामार्चा मंदिर
पूज्यश्री श्री प्रेमभूषण जी महाराज द्वारा श्री अयोध्या धाम में श्री राम कथा गायन के 12 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में श्री राम वल्लभाकुंज में आयोजित श्री राम कथा में निर्णय लिया गया था कि एक भव्य श्री राम मंदिर का निर्माण किया जाए।
श्री प्रेमभूषण जी महाराज के संकल्प को पूर्ण करने हेतु संस्था " हम राम जी के राम जी हमारे हैं" ने कदम बढ़ाया। आज मंदिर निर्माण कार्य प्रगति पर है एवं शीघ्र ही अपने स्वरूप में हम सबके समक्ष उपस्थित होगा।