दीपक रावत
दीपक रावत
(Age 46 Yr. )
व्यक्तिगत जीवन
शिक्षा | एम.फिल. प्राचीन इतिहास में |
जाति | क्षत्रिय |
धर्म/संप्रदाय | सनातन |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
व्यवसाय | लोक सेवा (IAS) |
स्थान | मसूरी , उत्तराखंड, भारत, |
भौतिक उपस्थिति
ऊंचाई | लगभग 5.8 फ़ीट |
वज़न | लगभग 65 किग्रा |
आँखों का रंग | काला |
बालों का रंग | काला |
पारिवारिक विवरण
वैवाहिक स्थिति | Married |
जीवनसाथी | विजेता सिंह (मजिस्ट्रेट) |
बच्चे/शिशु | बेटा : दिव्यांश |
दीपक रावत उत्तराखंड कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवक (आईऐएस) हैं। रावत वर्तमान में उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल में आयुक्त के पद पर कार्यरत हैं।
आजीविका
रावत 2007 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। उन्होंने जिलाधिकारी के रूप में विभिन्न पदों पर कार्य किया है और रावत इन पदों में रहते हुए अनेक विभागों में छापे मारने के लिए जाने जाते हैं।[6][7]
रावत ने कहा है कि एक सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी, अनिल कुमार रतूड़ी ने उन्हें सिविल सेवाओं में करियर बनाने के लिए प्रेरित किया था। रावत ने अपने तीसरे प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा पास की थी। रावत 2011 में बागेश्वर के जिलाधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया था, फिर 2012 में उनका स्थानांतरण कुमाऊं विकास मंडल के प्रबंध निदेशक के रूप में किया गया था। बाद में उनका स्थानांतरण नैनीताल (2014-2017) और हरिद्वार (2017-2019) के जिलाधिकारी के रूप में किया गया था।
उन्हें 2021 में हरिद्वार कुंभ मेला अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया था। वर्तमान में रावत कुमाऊं मंडल, उत्तराखंड के आयुक्त के पद पर कार्यरत हैं।
यूट्यूब पर रावत के काम से संबंधित अनेक वीडियो होने के कारण वह पूरे देश में जाने जाते हैं हैं।
इतिहास
रावत का जन्म 24 सितंबर 1977 को हुआ था, उनका बचपन का सपना कबाड़ी वाला बनने का था। वह मसूरी, उत्तराखंड में पले-बढ़े हैं और उनके पिता एक किसान थे। रावत ने इंजीनियरिंग में स्नातक की पढ़ाई पूरी की और बाद में सिविल सेवा परीक्षा पास करके आईऐएस अधिकारी बने।
शिक्षा
रावत ने मसूरी के सेंट जॉर्ज कॉलेज, बार्लोगंज में पढ़ाई की है।
पुरस्कार और सम्मान
जिला पोषण उद्देश्य के अधिकारी के रूप में अपने काम के लिए रावत को 2019 में राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था, यह पुरस्कार उन्हें केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के द्वारा दिया गया था। रावत ने भारत में सरकार द्वारा प्रायोजित बाल-देखभाल और मातृ-देखभाल केंद्र, आंगनवाड़ी को यह पुरस्कार समर्पित किया है।
विवाद और आलोचना
सुप्रीम कोर्ट की चेतावनी
रंजन गोगोई के नेतृत्व में भारत के सर्वोच्च न्यायालय की एक पीठ ने 2018 में रावत को एक चेतावनी जारी की थी। सर्वोच्च न्यायालय ने रावत को अदालत के आदेशों का पालन करने और उनका उल्लंघन करने वाले किसी भी कार्य को ना करने की चेतावनी दी थी।
हत्या का प्रयास
हरिद्वार में कलेक्टर के रूप में रावत के कार्यकाल के दौरान एक पुजारी द्वारा रावत के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया था। पुजारी का आरोप था कि रावत ने अपने सहायक के साथ मिलकर बंद कमरे में उसके साथ मारपीट की थी। यह घटना भूमि उपयोग को लेकर सरकार और एक आश्रम के बीच विवाद के संदर्भ में हुई थी। रावत ने आरोपों से इनकार किया और दावा किया कि यह उन्हें बदनाम करने की एक बड़ी साजिश का हिस्सा है। बाद में साक्ष्य की कमी के कारण मामले को रफा-दफा कर दिया गया था।