अखिलेश यादव
अखिलेश यादव
(Age 49 Yr. )
व्यक्तिगत जीवन
शिक्षा | स्नातकोत्तर |
जाति | अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) |
धर्म/संप्रदाय | सनातन |
व्यवसाय | राजनीतिज्ञ |
स्थान | जनपद इटावा, उत्तर प्रदेश, भारत, |
शारीरिक संरचना
ऊंचाई | 5.7 (फ़ीट में) |
आँखों का रंग | भूरा |
बालों का रंग | काला |
पारिवारिक विवरण
अभिभावक | पिता - मुलायम सिंह यादव |
वैवाहिक स्थिति | Married |
जीवनसाथी | डिंपल यादव |
बच्चे/शिशु | बेटा- अर्जुन यादव |
भाई-बहन | भाई - प्रतीक यादव (सौतेला भाई) |
अखिलेश यादव (जन्म: 1 जुलाई 1973) एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं जो उत्तर प्रदेश के सबसे युवा मुख्यमंत्री रह चुके हैं। इससे पूर्व वे लगातार तीन बार सांसद भी रह चुके हैं। समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के पुत्र अखिलेश ने 2012 के उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में अपनी पार्टी का नेतृत्व किया। उनकी पार्टी को राज्य में स्पष्ट बहुमत मिलने के बाद, 15 मार्च 2012 को उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की। 2022 विधान सभा चुनाव में करहल सीट से मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री प्रो.सत्यपाल सिंह बघेल को हराकर पहली बार विधायक बने और आजमगढ़ लोकसभा सदस्य से इस्तीफा दे दिया।
संक्षिप्त जीवनी
अखिलेश यादव का जन्म 1 जुलाई 1973 को इटावा जिले के सैफई गाँव में समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव की पहली पत्नी मालती देवी के यहाँ हुआ। अखिलेश शाकाहारी है। इनका विवाह डिम्पल यादव के साथ 24 नवंबर 1999 को हुआ था। अखिलेश तीन बच्चों के पिता हैं। इनकी पत्नी सांसद का चुनाव लडी हैं पर 2019 में हार गई हैं। वर्तमान में मैनपुरी से सांसद हैं।
शिक्षा
अखिलेश ने राजस्थान मिलिट्री स्कूल धौलपुर से शिक्षा प्राप्त की
राजनीति में भागीदारी
अखिलेश ने मई 2009 के लोकसभा उप-चुनाव में फिरोजाबाद सीट से अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी एस०पी०एस० बघेल को 67,301 मतों से हराकर सफलता प्राप्त की। इसके अतिरिक्त वे कन्नौज से भी जीते। बाद में उन्होंने फिरोजाबाद सीट से त्यागपत्र दे दिया और कन्नौज सीट अपने पास रखी।
मुख्यमन्त्री के रूप में
मार्च 2012 के विधान सभा चुनाव में 224 सीटें जीतकर मात्र 38 वर्ष की आयु में ही वे उत्तर प्रदेश के 33वें मुख्यमन्त्री बन गये। जुलाई 2012 में जब समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने उनके कार्य की आलोचना करते हुए व्यापक सुधार का सुझाव दिया तो जनता में यह सन्देश गया कि सरकार तो उनके पिता और दोनों चाचा चला रहे हैं, अखिलेश नहीं।
उनकी सरकार को दूसरा झटका तब लगा जब एक आईएएस अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल को निलम्बित करने पर चारों ओर से उनकी आलोचना हुई। जिसके परिणाम स्वरूप उन्हें नागपाल को बहाल करना पड़ा। 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों में 43 व्यक्तियों के मारे जाने व 93 के घायल होने पर कर्फ्यू लगाना पड़ा तथा सेना ने आकर स्थिति पर काबू किया। मुस्लिम व हिन्दू के बीच हुए इस भयंकर दंगे से उनकी सरकार की बड़ी किरकिरी हुई।
अखिलेश यादव ने अपने कार्यकाल मे आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे बनवाया, जो भारत का सबसे आधुनिक एक्सप्रेस वे है। यादव ने उ.प्र. में "यू.पी.100 पुलिस सेवा" और "108 एंबुलेन्स फ्री सेवा" शुरू की। उनके कार्यकाल में लखनऊ मैट्रो रेल, लखनऊ इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम, जनेश्वर मिश्र पार्क (एशिया का सबसे बड़ा पार्क), जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर, लखनऊ- बलिया समाजवादी पूर्वांचल एक्सप्रेसवे 2 । इन्होनें कार्यकाल में प्रदेश मे युवाओ को बड़ी मात्रा में लैपटाॅप वितरण किये गये। 2022 में करहल विधान सभा से चुनाव लड़े, जीत कर पहली बार विधान सभा पहुंचे, और वर्तमान में उत्तर प्रदेश विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष है।