मेनका गांधी
मेनका गांधी
(Age 66 Yr. )
व्यक्तिगत जीवन
धर्म/संप्रदाय | सनातन |
व्यवसाय | राजनेता और पशु अधिकार कार्यकर्ता |
स्थान | नई दिल्ली, भारत, |
पारिवारिक विवरण
अभिभावक | पिता - स्वर्गीय लेफ्टिनेंट कर्नल तरलोचन सिंह आनंद |
वैवाहिक स्थिति | Married |
जीवनसाथी | दिवंगत संजय गांधी |
बच्चे/शिशु | बेटा- वरुण गांधी |
भाई-बहन | बहन- अंबिका शुक्ला |
पसंद
भोजन | शाकाहारी भोजन |
मेनका गांधी (२६ अगस्त १९५६ --) भारत की प्रसिद्ध राजनेत्री एवं पशु-अधिकारवादी हैं। पूर्व में वे पत्रकार भी रह चुकी हैं। किन्तु भारत की प्रथम महिला प्रधान मंत्री इन्दिरा गांधी के छोटे पुत्र स्व॰ संजय गांधी की पत्नी के रूप में वे अधिक विख्यात हैं। उन्होने अनेकों पुस्तकों की रचना की है तथा उनके लेख विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रायः आते रहते हैं।
प्रारम्भिक जीवन
मेनका गांधी का जन्म दिल्ली में हुआ था। उनकी शिक्षा लारेंस स्कूल, सनवर तथा तदोपरान्त लेडी श्रीराम कालेज, नयी दिल्ली में हुई। उन्होने तत्कालीन प्रधान मंत्री श्रीमती इन्दिरा गांधी के छोटे बेटे संजय के साथ विवाह किया। एक आकस्मिक दुर्घटना में संजय गांधी के देहान्त के बाद वे सन 1982 में राजनीति में आयीं, लेकिन उन्होंने अपना पहला चुनाव अमेठी संसदीय सीट से अपने ज्येठ राजीव गांधी के खिलाफ निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में लड़ा और करारी हार का सामना करना पड़ा।
मेनका गांधी जी 1988 में जनता दल में शामिल हो गयी और उन्होंने दूसरा चुनाव 1989 में पीलीभीत संसदीय सीट से लड़कर जनता दल के प्रत्याशी के रूप जीत दर्ज की लेकिन उन्हें 1991 के संसदीय चुनावों में हार का सामना करना पड़ा। 1996 में फिर पीलीभीत संसदीय सीट से जनता दल के प्रत्याशी के रूप कामयाब हुई।
1998, 1999, में भारतीय जनता पार्टी के समर्थन से वे निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में पीलीभीत संसदीय सीट से कामयाब होकर संसद पहुंचने में सफल रही।
2004 में वे भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गयीं और 2004 में पीलीभीत से तो 2009 में आंवला से 2014 में फिर पीलीभीत से तो 2019 में सुल्तानपुर संसदीय सीट से भाजपा प्रत्याशी के रूप में संसद पहुंचने में कामयाब हुई।
मेनका गांधी जी वर्तमान में सुल्तानपुर जिले की सांसद है, और जिले के पिछड़ेपन को लगातार दूर करती जा रही है जिले को हाइटेक बनाने का काम लगातार कर रही है, इनके सुपुत्र माननीय वरुण गांधी (वर्तमान सांसद पीलीभीत और पूर्व सांसद सुल्तानपुर) ने भी लगातार वहीं प्रयास किया था, मेनका गांधी जी को सुल्तानपुर की जनता प्यार से माँ कहकर भी बुलाती है, यह इनके करिश्माई कामों की वज़ह से ही हो सका है,.
पर्यावरणवादी मेनका
श्रीमती मेनका गांधी एक जानी-मानी पर्यावरणवादी कार्यकर्ता हैं। भारत में पशु-अधिकारों के प्रश्न को मुख्यधारा में लाने का श्रेय मेनका गांधी को ही जाता है। सन 1992 में उन्होने पीपल फार अनिमल्स नामक एक गैर्-सरकारी संगठन आरम्भ किया जो पूरे भारत में (पशु) आश्रय चलाता है।