वेंकी रामकृष्णन
वेंकी रामकृष्णन
(Age 71 Yr. )
व्यक्तिगत जीवन
शिक्षा | भौतिकी में डॉक्टरेट की डिग्री |
जाति | अय्यर ब्राह्मण |
धर्म/संप्रदाय | सनातन |
राष्ट्रीयता | अमेरिकन |
व्यवसाय | प्रोफेसर, भौतिक विज्ञानी, जैव रसायनज्ञ |
स्थान | चिदंबरम, तमिल नाडु, भारत, |
पारिवारिक विवरण
आँखों का रंग | गहरा भूरा |
बालों का रंग | स्लेटी |
पारिवारिक विवरण
अभिभावक | पिता : सी. वी. रामकृष्णन |
वैवाहिक स्थिति | Married |
जीवनसाथी | वेरा रोसेनबेरी |
बच्चे/शिशु | पुत्र : रमन रामकृष्णन |
भाई-बहन | बहन : ललिता रामकृष्णन |
वेंकटरामन "वेंकी" रामकृष्णन (जन्म: १९५२, तमिलनाडु) एक जीव वैज्ञानिक हैं। इनको २००९ के रसायन विज्ञान के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इन्हें यह पुरस्कार कोशिका के अंदर प्रोटीन का निर्माण करने वाले राइबोसोम की कार्यप्रणाली व संरचना के उत्कृष्ट अध्ययन के लिए दिया गया है। इनकी इस उपलब्धि से कारगर प्रतिजैविकों को विकसित करने में मदद मिलेगी। इसराइली महिला वैज्ञानिक अदा योनोथ और अमरीका के थॉमस स्टीज़ को भी संयुक्त रूप से इस सम्मान के लिए चुना गया।
तीनों वैज्ञानिकों ने त्रि-आयामी चित्रों के ज़रिए दुनिया को समझाया कि किस तरह राइबोसोम अलग-अलग रसायनों के साथ प्रतिक्रिया करते हैं, इसके लिए उन्होंने एक्स-रे क्रिस्टलोग्राफ़ी का सहारा लिया जो राइबोसोम्ज़ की हज़ारों गुना बड़ी छवि सामने लाता है। वर्तमान में श्री वेंकटरामन् रामकृष्णन् ब्रिटेन के प्रतिष्ठित कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से जुड़े हैं एवं विश्वविद्यालय की एमआरसी लेबोरेट्रीज़ ऑफ़ म्यलूकुलर बायोलोजी (पेशीय जीवविज्ञान की एमआरसी प्रयोगशाला) के स्ट्रकचरल स्टडीज़ (संरचनात्मक अध्ययन) विभाग के प्रमुख वैज्ञानिक हैं।
वेंकी के नाम से मशहूर वेंकटरामन सातवें भारतीय एवं तीसरे तमिल मूल के व्यक्ति हैं जिनको नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इनकी प्रारंभिक शिक्षा तमिलनाडु के चिदंबरम में हुई
आरंभिक जीवन
वेंकटरामन रामकृष्णन' तमिलनाडु के कड्डालोर जिले में स्तिथ चिदंबरम में पैदा हुए थे। उनके पिता सी॰वी॰ रामकृष्णन और माता राजलक्ष्मी भी वैज्ञानिक थे।
इनकी प्रारंभिक शिक्षा अन्नामलाई विश्वविद्यालय में हुई एवं उसके बाद इन्होंने १९७१ में बड़ौदा के महाराजा सायाजीराव विश्वविद्यालय से भौतिकी में स्नातक स्तर तक की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद ओहायो विश्वविद्यालय में शोध-कार्य करना प्रारंभ किया जहाँ से १९७६ में उन्हें पीएचडी की डिग्री प्राप्त हुई। इन्होंने कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में कुछ दिनों तक शिक्षण कार्य भी किया। यहीं इनमें जीवविज्ञान के प्रति रूचि जागृत हुई एवं अपने भौतिकी के ज्ञान का प्रयोग जीव विज्ञान में प्रारम्भ किया। इनके कई शोधपत्र नेचर पत्रिका में प्रकाशित हुए।
करियर
फ़िलहाल वह कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय, (इंग्लैण्ड) के मेडिकल रिसर्च काउंसिल के मोलीक्यूलर बायोलॉजी लैबोरेट्री में जीव वैज्ञानिक के रूप में काम कर रहे हैं। रामकृष्णन्, अमेरिका के राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी के सदस्य होने के साथ साथ कैम्ब्रिज में स्तिथ ट्रिनिटी कॉलेज एवं रॉयल सोसायटी के फैलो भी हैं।
निजी जीवन
रामकृष्णन ने वेरा रोसेनबेर्री के साथ विवाहित हैं। वेरा स्वयं एक लेखिका हैं। उनकी सौतेली बेटी तान्या कप्का औरिगन में डॉक्टर है और उनके बेटे रमन रामकृष्णन न्यूयॉर्क में आधारित वायलिन संगीतकार हैं।
भूमिका और शोधकार्य
वेंकटरामन रामकृष्णन ने 1977 में करीब 95 शोधपत्र प्रकाशित किए। वर्ष 2000 में वेंकटरामन ने प्रयोगशाला में राइबोसोम की तीस ईकाईयों का पता लगाया और प्रतिजैविकों के साथ इनके यौगिकों पर भी अनुसंधान किया। 26 अगस्त 1999 को इन्होंने राइबोसोम पर आधारित तीन शोधपत्र प्रकाशित किए। उनका यह शोधकार्य 21 सितबंर 2000 को नेचर पत्रिका में छपा। उनके हालिया शोध से राइबोसोम की परमाणु संरचना का पता लगता है। रामकृष्णन् का नाम हिस्टोन और क्रोमैटिन की संरचना कार्य के लिए भी जाना जाता है।