अनुजा चौहान
अनुजा चौहान
(Age 52 Yr. )
व्यक्तिगत जीवन
शिक्षा | अर्थशास्त्र में स्नातक की डिग्री, जनसंचार में स्नातकोत्तर डिप्लोमा |
धर्म/संप्रदाय | सनातन |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
व्यवसाय | भारतीय लेखक |
स्थान | मेरठ, उत्तर प्रदेश, भारत, |
शारीरिक संरचना
आँखों का रंग | काला |
बालों का रंग | काला |
पारिवारिक विवरण
वैवाहिक स्थिति | Married |
जीवनसाथी | निरेत अल्वा |
बच्चे/शिशु | बेटियाँ : नयनतारा वायलेट, निहारिका मार्गरेट |
भाई-बहन | बहन : नंदिनी बाजपेयी |
अनुजा चौहान लेखिका व उपन्यासकार हैं और विज्ञापन लिखने में उन्होंने खूब नाम कमाया है। १९९३ में उन्होंने दुनिया की चौथी सबसे बड़ी एडवरटाइजिंग कंपनी जेडब्ल्यूटी ज्वाइन किया था, जिससे उन्होंने इसी साल इस्तीफा दे दिया। पेप्सी कोका कोला के लिए ‘ये दिल मांगे मोर’, ‘मेरा नंबर कब आएगा’, ‘नथिंग ऑफिशियल एबाउट इट’, ओए बब्ली, माउंटेन ड्यू के लिए ‘डर के आगे जीत है’, कुरकुरे के लिए ‘टेढ़ा है पर मेरा है’ जैसे शानदार स्लोगन उनके ही दिए हुए हैं। अनुजा चौहान ने द जोया फैक्टर और बैटिल फॉर बिटोरा जैसी बेस्टसेलर किताबें भी लिखी हैं।
प्रारंभिक जीवन एवं शिक्षा
अनुजा चौहान मिरांडा हाउस, दिल्ली विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में स्नातक हैं। बाद में आर.एम.आई। टी. विश्वविद्यालय से मास मीडिया भी किया। मेरठ में जन्मी अनुजा के बचपन का अधिकांश हिस्सा उत्तर भारत के विभिन्न केंटोनमेंट शहरों में बीता। उनकी बड़ी बहन नंदिनी बाजपाई भी एक लेखिका हैं। उनके पिता भारतीय सेना में थे। चार बहनों में सबसे छोटी अनुजा के अपने तीन बच्चे हैं- नीहारिका मार्गेट्र, नयनतारा वायलेट और दैविक जॉन।
कैरियर
अनुजा रचनात्मक क्षेत्र में मुकाम हासिल करना चाहती थीं, इसलिए इकोनॉमिक्स के बाद मास कॉम किया। 1993 में उन्हें दुनिया की चौथी सबसे बड़ी एडवरटाइजिंग कंपनी जेडब्ल्यूटी ने काम पर रखा। उन्होंने भारतीय बाजार के लिए कई एड तैयार किए। पेप्सी कोला इंडिया के लिए ‘ये दिल मांगे मोर’, ‘मेरा नंबर कब आएगा’, ‘नथिंग ऑफिशियल एबाउट इट’, माउंटेन डयू के लिए ‘डर के आगे जीत है’, कुरकुरे के लिए ‘टेढ़ा है पर मेरा है’ आदि स्लोगन इनके ही दिए हुए हैं।
2003 में 33 साल की उम्र में वे सबसे कम उम्र की वाइस प्रेसीडेंट व एक्जीक्यूटिव क्रिएटिव डायरेक्टर बनीं। लेकिन अनुजा अभिव्यक्ति की पूरी आजादी चाहती थीं। 2006 में उन्होंने एक नॉवेल पर काम शुरू किया, जिसका नाम रखा ‘जोया फैक्टर’। हार्पर कॉलिंस द्वारा प्रकाशित इस किताब को बाजार में खूब सराहना मिली। 2008 व 2009 में उन्हें कई अवॉर्ड मिले। शाहरुख खान की रेड चिलीज एंटरटेनमेंट ने उनकी किताब के अधिकार खरीद लिए। अनुजा ने 2010 में एड करियर छोड़ लेखनी को समय देना शुरू कर दिया। उनकी दूसरी किताब ‘बैटल फॉर बिटोरा’ भी काफी चर्चित रही। उनकी उपलब्धियां सिर्फ विज्ञापन और लेखन तक सीमित नहीं हैं, वे अपने बच्चों के साथ पूरा समय बिताती हैं। उन्होंने अपनी ऊर्जा को सही जगह पर लगाना और कम महत्त्वपूर्ण चीजों को जाने देना सीख लिया है।
कृतियाँ
- द जोया फैक्टर. 2008. Harper Collins. ISBN 81-7223-748-0.
- बैटल फॉर बिटोरा: द स्टोरी ऑफ़ इंडिया'स मोस्ट पैशनेट लोक सभा काटेस्ट!. 2010, Harper Collins. ISBN 978-93-5029-002-6.
- ठोसे प्रिंसी ठाकुर गर्ल्स (जनवरी 2013) हार्पर कॉलिंस