शिव नाडार

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शिव नाडार

नाम :शिव नाडार
उपनाम :मैगस (फारसी शब्द 'वेज़र्ड') एस
जन्म तिथि :14 July 1945
(Age 77 Yr. )

व्यक्तिगत जीवन

शिक्षा इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग
व्यवसाय उद्योगपति और एचसीएल टेक्नोलॉजीज के संस्थापक
स्थान मूलैपोळी गाँव, तूतीकोरीन जिला, तमिलनाडु, भारत,

शारीरिक संरचना

ऊंचाई लगभग 5.8 फ़ीट
वज़न लगभग 60 किग्रा
आँखों का रंग काला
बालों का रंग आधा गंजा

पारिवारिक विवरण

अभिभावक

पिता : शिवसुब्रमण्यम नादर
माता : वामसुन्दरी देवी

वैवाहिक स्थिति Married
जीवनसाथी किरण शिव नादर
बच्चे/शिशु

बेटी: रोशनी नादर मल्होत्रा

पसंद

अभिनेता रजनीकांत

शिव नाडार भारत के प्रमुख उद्यमी एवं समाजसेवी हैं। वे एचसीएल टेक्नॉलोजीज के अध्यक्ष एवं प्रमुख रणनीति अधिकारी हैं। सन् २०१० में उनकी व्यक्तिगत सम्पत्ति ४.2 बिलियन अमेरिकी डालर के तुल्य है। उनको सन २००८ में भारत सरकार द्वारा उद्योग एवं व्यापार के क्षेत्र में पद्मभूषण से सम्मानित किया था। पाँच देशों में, 100 से ज्यादा कार्यालय, 30 हजार से ज्यादा कर्मचारी-अधिकारी और दुनिया भर के कंप्यूटर व्यवसायियों, उपभोक्ताओं का विश्वास - शिव नाडार अगर सबकी अपेक्षाओं पर खरे उतरते हैं, तो इसके केंद्र में उनकी मेहनत, योजना और सूझबूझ ही है।

नादर ने अपना करियर पुणे में वॉलचंद ग्रुप कूपर इंजीनियरिंग के साथ शुरू किया. इसके बाद 1967 में उन्होंने सात साथियों के साथ मिलकर माइक्रोकॉप कंपनी बनाई और उसे बाद में टेलीडिजिटल कैलकुलेटर को बेच दिया | 2008 में उन्हें आईटी के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया. यही नहीं मद्रास यूनिवर्सिटी ने उन्हें डॉक्टरेट की उपाधि भी दी |

परिचय

अगस्त 1976 में एक गैरेज में उन्होंने एचसीएल इंटरप्राइजेज की स्थापना की, तो 1991 में वे एचसीएल टेक्नोलॉजी के साथ बाजार में एक नए रूप में हाजिर हुए। पिछले तीन दशक में भारत में तकनीकी कंपनियों की बाढ़-सी आ गई है, लेकिन एचसीएल को उत्कर्ष तक ले जाने के पीछे शिव नाडार का नेतृत्व ही प्रमुख है। नाडार की कंपनी में बड़े पद तक पहुंचना भी आसान नहीं होता। शिव ने एक बार कहा था, मैं नेतृत्व के अवसर नहीं देता, बल्कि उन लोगों पर निगाह रखता हूं, जो कमान संभाल सकते हैं।

कुछ साल पहले फो‌र्ब्स की सूची में शामिल धनी भारतीयों में से एक, नाडार 1976 तक दिल्‍ली  की डीसीएम कंपनी में काम करते थे। उन्होंने अपने साथ के छह लोगों को प्रेरणा दी, क्यों न एक कंपनी खोली जाए, जो ऑफिस इक्विपमेंट्स बनाए। बाकी स्‍टार्टअप्‍स की तरह ही इस काम के लिए फंड जुटाने की थी. तब तक शिव नादर माइक्रोकॉम्‍प के नाम से अपनी एक कंपनी बना चुके थे. शिव ने ये कंपनी बेची और इससे जो पैसा मिला उससे HCL शुरू करने में इन्‍वेस्‍ट किया. सभी फाउंडर्स ने मिलकर 20 लाख रुपए जुटाए और कंपनी शुरू कर दी |4फलत: 1976 में एचसीएल की नींव पड़ी। 1982 में जब आईबीएम ने एचसीएल को कंप्यूटर मुहैया कराना बंद कर दिया, तब नाडार और उनके साथियों ने पहला कंप्यूटर भी बना लिया। फिलहाल, हालत यह है कि एचसीएल की 80 फीसदी आमदनी कंप्यूटर और ऑफिस इक्विपमेंट्स से ही होती है। फरवरी 1987 में चर्चित पत्रिका 'टाइम' ने लिखा था, पूरी दुनिया नाडार की सोच और भविष्य के लिए तैयार किए गए नेटवर्क को देखकर आश्चर्यचकित और मुग्ध है। दरअसल, नाडार का साम्राज्य अर्थशास्त्र और शासन को नई परिभाषा देने वाला है। वैसे, तकरीबन तीन दशक पहले जब नाडार ने कंपनी स्थापित की थी, तो यह एक दांव की तरह ही था। तमिलनाडु में पहले नौकरी छोड़ना और बाद में दिल्ली में क्लॉथ मिल की जमी-जमाई जॉब को भी ठोकर मार देना..ऐसा साहस नाडार ही कर सकते थे, लेकिन वे न सिर्फ कामयाब हुए, बल्कि उन्होंने साथियों और निवेशकों का भरोसा भी जीता। मधुरभाषी नाडार बताते हैं, पिछले तीन-चार दशक में मैंने देखा है कि आईटी इंडस्ट्री का काफी विकास हुआ है। खासकर, हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर, सर्विसेज, सॉल्यूशंस, नेटवर्किग, कम्युनिकेशन, इंटरनेट और आईटी इन्फ्रॉस्ट्रक्चर की दिशा में काफी संभावनाएं बढ़ी हैं। मैंने समय रहते अवसर पहचान लिया और इसीलिए कामयाब भी हुआ।

2021 में HCL Technologies के संस्थापक शिव नादर ने कंपनी के प्रबंध निदेशक (एमडी) के पद से इस्तीफा दे दिया है | अब वह कंपनी के बोर्ड के स्ट्रैटिजिक एडवाइजर और मानद चेयरमैन है |

जानिए उद्योगपति शिव नादर के बारे में 10 बातें |

Readers : 117 Publish Date : 2023-04-08 04:24:18