ऐंड्रू कार्नेगी
ऐंड्रू कार्नेगी
(Age 83 Yr. )
व्यक्तिगत जीवन
व्यवसाय | उद्योगपति और परोपकारी |
स्थान | डनफर्मलाइन, मुरली, स्कॉटलैंड, |
शरीरिक संरचना
ऊंचाई | लगभग 5.8 फ़ीट |
वज़न | लगभग 60 किग्रा |
आँखों का रंग | हल्का नीला रंग |
बालों का रंग | सफ़ेद |
पारिवारिक विवरण
अभिभावक | पिता : विलियम कार्नेगी |
वैवाहिक स्थिति | Married |
जीवनसाथी | लुईस व्हाइटफ़ील्ड |
बच्चे/शिशु | मार्गरेट कार्नेगी मिलर |
भाई-बहन | भाई: थॉमस एम. कार्नेगी |
Index
1. जीवनी |
ऐंड्रू कारनेगी (सन् १८३५-१९१९ ई.) विश्वविश्रुत उद्योगपति थे। उनके स्वस्थापित ट्रस्टों ने मानवतावादी दृष्टि से अंग्रेजी भाषाभाषी विश्व की साहित्य, कला, संस्कृति, शिक्षा एवं समाजसेवा की दिशा में सेवा का उज्वल दृष्टांत उपस्थित किया है।
जीवनी
कारनेगी स्काटलैंड के डनफ़र्मलिन् नामक स्थान में उत्पन्न हुए तथा १३ वर्ष की उम्र के बाद अमरीका चले गए। वहाँ अमरीकी पेन्सेलवेनियन काटन मिल में बाबिन ब्वाय (तागा उठानेवाला) के रूप में काम करने लगे। कालांतर में वे पेनसेलवेनियन रेलवे बोर्ड के मंत्री और युद्ध विभाग के अधिकारी नियत हुए। सन् १८६४ ई. में उन्होंने उद्योग और व्यापार के क्षेत्र में प्रेवश किया। तेल के व्यापार से अपना औद्योगिक जीवन आरंभ कर सन् १८६५ में ये लोहे और कोयले की खानों के स्वामी हो गए; फिर १८८८ ई. तक होम स्टील मिल, कोयले एवं लोहे की खानों, ४२५ मील रेलवे लाइन और प्रपाती यातायात की एक लाइन खरीद ली। १९०१ ई. में यू.ए. स्टील कारपोरेशन में अपनी संस्थाओं के सम्मेल (merger) के पश्चात् उन्होंने अपना जीवन लोकसेवा के क्षेत्र में समर्पित कर दिया। वस्तुत: लोकसेवा का कार्य उन्होंने ३१ वर्ष की आयु से ही आरंभ कर दिया था।
"पिट्सबर्ग कारनेगी इंस्टीट्यूट' की स्थापना कारनेगी ने १९९५ ई. में स्थानीय लोगों की सुख सुविधा के लिए की। स्काटलैंड विश्वविद्यालय हितार्थ "स्काटलैंड कारनेगी ट्रस्ट' (सन् १९०१ ई.) तथा उदात्त मानव मूल्यों के आधार पर व्यापक पैमाने पर खोज, शोध एवं अनुसंधान के लिए "वाशिंगटन कारनेगी ट्रस्ट' की स्थापना सन् १९०२ ई. में उन्होंने की।
अमरीका निवासी होते हुए भी अपनी जन्मभूमि की सेवा से विमुख नहीं रहे और अपने जन्मस्थान डनफ़र्मलिन् के बच्चों के उन्नयन, विकास एवं संवृद्धि के लिए "कारनेगी डनफ़र्मलिन् ट्रस्ट' की स्थापना की। उनके द्वारा वीर कार्यों को प्रोत्साहन, प्रवर्धन एवं संरक्षण देने के लिए सन् १९०४ ई. में "कारनेगी हीरो ट्रस्ट" की स्थापना की गई। संयुक्त राज्य अमरीका, कनाडा तथा न्यू फ़ाउंडलैंड से शिक्षण प्रशिक्षण के विकास के लिए "कारनेगी फ़ाउंडेशन फ़ार द ऐडवांसमेंट ऑव टीचिंग" की स्थापना हुई। युद्ध की सदा के लिए समाप्ति के उद्देश्य से, उसके कारण और परिणाम पर अनुसंधान करने के लिए "कारनेगी एंडाउमेंट फ़ॉर इंटरनैशनल पीस" नामक ट्रस्ट की १९१० ई. में उनके द्वारा हुई स्थापना विशेष महत्व रखती है।
"न्यूयार्क कारनेगी कारपोरेशन" ने ३१ करोड़ ५० लाख डालर का महत्वपूर्ण अनुदान संयुक्त राज्य अमरीका, ब्रिटेन तथा उसके उपनिवेशों एवं साम्राज्यों के लोगों के लोगों के लिए दिया। अपने जीवन के अंतिम दिनों में एक करोड़ डालर से कारनेगी ने "कारनेगी यूनाइटेड किंगडम ट्रस्ट" की स्थापना की जिसका उद्देश्य परिवर्तित स्थितियों को ध्यान में रखते हुए ब्रिटेन, स्काटलैंड तथा आयरलैंड के विधानांतर्गत रार्ष्टीय महत्व के लोकोपयोगी कार्य करना है। सन् १९१७ ई. के रायल चार्टर के अंतर्गत इसका संचालन होता है।
कारनेगी के ट्रस्टों द्वारा संगीत, साहित्य, कला, नाटक, रंगमंच, शिक्षा, पुस्तकालय, संग्रहालय, मातृ-शिशु-रक्षा, बाल तथा युवा क्रीड़ाकेंद्र, युवामंगल, प्रौढ़ोत्थान, ग्रामपुनर्निर्माण एवं समाजसेवा आदि के क्षेत्रों में सतत सेवा का महत्वपूर्ण कार्य चल रहा है। अपने जीवनकाल में ४५ करोड़ डालर का दान इन महत्वपूर्ण ट्रस्टों को कारनेगी ने दिया था।