संजय राउत : आयु, जीवनी, करियर, राजनीतिक और व्यक्तिगत जीवन

संजय राउत
(Age 63 Yr. )
व्यक्तिगत जीवन
शिक्षा | बैचलर ऑफ कॉमर्स |
जाति | सोमवंशी क्षत्रिय पठारे |
धर्म/संप्रदाय | सनातन |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
व्यवसाय | राजनीतिज्ञ, पत्रकार, लेखक, फिल्म निर्माता |
स्थान | अलीबाग, महाराष्ट्र, भारत, |
शारीरिक संरचना
ऊंचाई | 5 फीट 7 इंच |
आँखों का रंग | काला |
बालों का रंग | काला |
पारिवारिक विवरण
अभिभावक | पिता- राजाराम राऊत |
वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
जीवनसाथी | वर्षा राउत |
बच्चे/शिशु | पुत्री- पूर्वशी राऊत, विधिता राऊत |
भाई-बहन | भाई- सुनील राउत |
Index
1. प्रारंभिक जीवन और शिक्षा |
2. करियर |
3. राजनीतिक करियर |
4. भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (I.N.D.I.A.) में भूमिका |
5. विवाद |
6. राज्यसभा सदस्यता और संसदीय भूमिका |
7. सामान्य प्रश्न |
संजय राजाराम राऊत एक भारतीय राजनेता हैं, जो शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पार्टी से जुड़े हुए हैं। वे भारत की संसद के उच्च सदन, राज्यसभा में महाराष्ट्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। संजय राऊत मराठी समाचार पत्र सामना के कार्यकारी संपादक भी हैं, जिसे शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे द्वारा प्रकाशित किया जाता है।
संजय राऊत 2019 में रिलीज़ हुई ठाकरे फिल्म के लेखक भी हैं, जो शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे की जीवनी पर आधारित है।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
संजय राउत का जन्म 15 नवंबर 1961 को महाराष्ट्र के अलीबाग शहर में हुआ था। वह सोमवंशी क्षत्रिय पठारे जाति से संबंध रखते हैं। उनके पिता का नाम राजाराम राउत और माता का नाम सविता राजाराम राउत है। संजय राउत के छोटे भाई सुनील राउत भी शिवसेना से जुड़े एक सक्रिय राजनेता हैं।
संजय राउत ने अपनी उच्च शिक्षा मुंबई के वडाला स्थित डॉ. आंबेडकर कॉलेज ऑफ कॉमर्स एंड इकोनॉमिक्स से प्राप्त की, जहां से उन्होंने बैचलर ऑफ कॉमर्स (बी.कॉम) की डिग्री हासिल की।
करियर
संजय राउत ने अपने करियर की शुरुआत एक पत्रकार के रूप में की थी। उन्हें अंडरवर्ल्ड रिपोर्टिंग के क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल थी। अपने पत्रकारिता जीवन की शुरुआत उन्होंने लोकप्रभा पत्रिका से की। दाऊद इब्राहिम, छोटा राजन और मुंबई अंडरवर्ल्ड पर लिखी गई उनकी रिपोर्टों ने उन्हें एक प्रतिष्ठित और चर्चित पत्रकार के रूप में स्थापित किया। उनकी रिपोर्टिंग शैली और विषयों की गहराई के कारण, मुंबई के मीडिया जगत में उनका विशेष स्थान रहा।
राजनीतिक करियर
संजय राउत का राजनीतिक सफर 2004 में तब शुरू हुआ, जब वे महाराष्ट्र से राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए। इसके एक वर्ष बाद, 2005 में, उन्हें शिवसेना के नेता के रूप में नियुक्त किया गया।
अक्टूबर 2005 से मई 2009 तक, वे गृह मामलों की समिति के सदस्य और नागरिक उड्डयन मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति के सदस्य रहे।
2010 में, वे एक बार फिर महाराष्ट्र से राज्यसभा के लिए चुने गए। इसी वर्ष, उन्हें खाद्य, उपभोक्ता मामले और सार्वजनिक वितरण समिति और विद्युत मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति का सदस्य नियुक्त किया गया।
2016 में, उन्होंने अपना तीसरा कार्यकाल राज्यसभा में शुरू किया, जब वे फिर से महाराष्ट्र से निर्वाचित हुए।
5 जुलाई 2022 को संजय राउत को चौथी बार राज्यसभा के लिए चुना गया, जो उनके राजनीतिक अनुभव और प्रभाव का प्रतीक है।
भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (I.N.D.I.A.) में भूमिका
1 सितंबर 2023 को मुंबई में आयोजित सम्मेलन में संजय राउत को भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (I.N.D.I.A.) की समन्वय समिति का सदस्य नियुक्त किया गया। यह समिति देश की प्रमुख विपक्षी पार्टियों के गठबंधन की राष्ट्रीय कार्ययोजना, साझा अभियान मुद्दे और समान कार्यक्रम तय करने की ज़िम्मेदारी निभाती है।
विवाद
संजय राउत कई बार अपने बयानों और घटनाओं को लेकर विवादों में रहे हैं।
फेसबुक टिप्पणी विवाद (2012):
बाला साहेब ठाकरे के निधन के बाद मुंबई बंद को लेकर दो लड़कियों द्वारा फेसबुक पर की गई टिप्पणी और उसे लाइक करने के मामले में पुलिस द्वारा की गई गिरफ्तारी को संजय राउत ने उचित ठहराया। उन्होंने कहा, "हम पुलिस की कार्रवाई का समर्थन करते हैं, क्योंकि ऐसी टिप्पणियाँ कानून व्यवस्था की स्थिति को बिगाड़ सकती थीं।"
मुस्लिम वोटिंग अधिकार पर बयान (2015):
अप्रैल 2015 में, संजय राउत ने एक बयान में कहा कि "मुसलमानों को वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किए जाने से रोकने के लिए कुछ वर्षों के लिए उनके मतदान अधिकार समाप्त किए जाने चाहिए।" यह टिप्पणी शिवसेना के मुखपत्र सामना में प्रकाशित एक कॉलम में की गई थी। उन्होंने यह भी लिखा, "जब तक मुसलमानों को वोट बैंक की तरह इस्तेमाल किया जाता रहेगा, उनका कोई भविष्य नहीं है। यही कारण है कि बाल ठाकरे ने उनके वोटिंग अधिकार हटाने की मांग की थी।" इस बयान की व्यापक आलोचना हुई।
पात्रा चाल घोटाला (2022):
संजय राउत का नाम पात्रा चाल घोटाले में भी सामने आया, जिसमें प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उन्हें हिरासत में लिया। आरोपों के अनुसार, उन्हें इस घोटाले के मुख्य आरोपी प्रविण राउत से आर्थिक लाभ प्राप्त हुए, जो उनके करीबी, रिश्तेदार और कारोबारी सहयोगी बताए गए। प्रविण राउत पर लगभग 60,000 करोड़ रुपये के घोटाले में शामिल होने का आरोप है।
ईडी द्वारा पूछताछ का नोटिस (2022):
2022 में महाराष्ट्र में राजनीतिक अस्थिरता के दौरान, संजय राउत को प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से पूछताछ के लिए समन जारी किया गया था।
राज्यसभा सदस्यता और संसदीय भूमिका
राज्यसभा सदस्यता:
- 2004–2010: महाराष्ट्र से राज्यसभा सदस्य।
- 2004–2009: राज्यसभा में शिवसेना के नेता के रूप में कार्यभार।
- 2010–2016: राज्यसभा सदस्य (दूसरा कार्यकाल)।
- 2016–2022: राज्यसभा सदस्य (तीसरा कार्यकाल)।
- 2022–वर्तमान: राज्यसभा सदस्य (चौथा कार्यकाल), शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) का प्रतिनिधित्व करते हुए।
यह कार्यकाल जून 2022 में शिवसेना के विभाजन के बाद शुरू हुआ।
संसदीय समिति में नियुक्तियाँ:
- 2005–2009:
- गृह मामलों की समिति के सदस्य।
- नागरिक उड्डयन मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति के सदस्य।
- 2010:
- खाद्य, उपभोक्ता मामले और सार्वजनिक वितरण समिति के सदस्य।
- विद्युत मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति के सदस्य।
- 13 सितंबर 2021 से वर्तमान:
- विदेश मामलों की परामर्शदात्री समिति (Consultative Committee, Committee on External Affairs) के सदस्य।
सामान्य प्रश्न
प्रश्न: संजय राउत कौन हैं?
उत्तर: संजय राउत एक भारतीय राजनेता, पत्रकार और लेखक हैं, जो शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पार्टी से जुड़े हुए हैं। वे राज्यसभा में महाराष्ट्र का प्रतिनिधित्व करते हैं और मराठी समाचार पत्र सामना के कार्यकारी संपादक हैं।
प्रश्न: संजय राउत की शिक्षा कहाँ हुई थी?
उत्तर: संजय राउत ने वडाला, मुंबई स्थित डॉ. आंबेडकर कॉलेज ऑफ कॉमर्स एंड इकोनॉमिक्स से बी.कॉम (बैचलर ऑफ कॉमर्स) की डिग्री प्राप्त की।
प्रश्न: क्या संजय राउत किसी फिल्म से भी जुड़े हैं?
उत्तर: जी हाँ, संजय राउत ने 2019 में आई फिल्म ठाकरे की कहानी लिखी थी, जो शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे की जीवनी पर आधारित है।
प्रश्न: संजय राउत कितनी बार राज्यसभा सदस्य रह चुके हैं?
उत्तर: संजय राउत चार बार राज्यसभा के लिए चुने जा चुके हैं—2004, 2010, 2016 और 2022 में।
प्रश्न: क्या संजय राउत किसी विवाद में भी शामिल रहे हैं?
उत्तर: हाँ, संजय राउत विभिन्न विवादों में रहे हैं, जिनमें फेसबुक टिप्पणी विवाद (2012), मुस्लिम वोटिंग अधिकार पर बयान (2015), और पात्रा चाल घोटाले में ईडी की जांच (2022) शामिल हैं।