प्रवेश वर्मा : आयु, जीवनी, करियर, राजनीतिक और व्यक्तिगत जीवन

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प्रवेश वर्मा

नाम :प्रवेश साहिब सिंह वर्मा
जन्म तिथि :07 November 1977
(Age 47 Yr. )

व्यक्तिगत जीवन

शिक्षा बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर डिग्री
जाति जाट
धर्म/संप्रदाय सनातन
राष्ट्रीयता भारतीय
व्यवसाय राजनीतिक
स्थान मुंडका, दिल्ली, भारत,

शारीरिक संरचना

आँखों का रंग काला
बालों का रंग काला

पारिवारिक विवरण

अभिभावक

पिता: साहिब सिंह वर्मा
माता: साहिब कौर

वैवाहिक स्थिति विवाहित
जीवनसाथी

स्वाति सिंह वर्मा

भाई-बहन

भाई: सिद्धार्थ साहिब सिंह

परवेश साहिब सिंह वर्मा का जन्म 7 नवंबर 1977 को दिल्ली के मुंडका में हुआ था। वे एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं और 20 फरवरी 2025 से दिल्ली के उपमुख्यमंत्री पद पर कार्यरत हैं। वे नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र से दिल्ली विधानसभा के सदस्य हैं। इससे पहले वे पश्चिमी दिल्ली से लोकसभा सांसद (MP) रह चुके हैं। उन्होंने दो बार लोकसभा सदस्य के रूप में सेवा दी — 2014 से 2024 तक।

वर्ष 2014 में वे 16वीं लोकसभा के लिए चुने गए और 2019 में 17वीं लोकसभा के लिए फिर से निर्वाचित हुए। 2019 के चुनाव में उन्होंने दिल्ली के इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी जीत दर्ज की, जहाँ उन्होंने 5,78,486 मतों के अंतर से विजय हासिल की।

2025 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने नई दिल्ली से आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को हराया। चुनाव जीतने के बाद उन्होंने अपने पैतृक गाँव मुंडका का दौरा किया और वहां के प्रतिष्ठित दादा भैरव मंदिर में जाकर आशीर्वाद लिया, जिससे उन्होंने इस स्थल के सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व को उजागर किया।

इससे पहले, 2013 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने महरौली सीट से चुनाव लड़ा था और योगानंद शास्त्री को पराजित किया था। परवेश वर्मा दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के पुत्र हैं।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

परवेश वर्मा का जन्म 7 नवंबर 1977 को एक हिंदू जाट परिवार में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा और साहिब कौर के घर हुआ। उनके परिवार में एक भाई और तीन बहनें हैं।

उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा दिल्ली पब्लिक स्कूल, आर. के. पुरम से प्राप्त की और आगे की पढ़ाई किरोरी मल कॉलेज से की। इसके बाद उन्होंने फोर स्कूल ऑफ मैनेजमेंट से मास्टर ऑफ़ बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन (MBA) की डिग्री हासिल की।

उनके चाचा, आज़ाद सिंह वर्मा, उत्तर दिल्ली नगर निगम के महापौर रहे हैं और 2013 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर मुंडका विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था।

राजनीतिक करियर

प्रारंभिक राजनीतिक सक्रियता

परवेश वर्मा ने 2009 के आम चुनाव में पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई थी, लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया। हालांकि, उन्हें पार्टी नेताओं द्वारा यह आश्वासन दिया गया था कि उनके नाम पर विचार किया जाएगा। इसके स्थान पर जनकपुरी से विधायक जगदीश मुखी को उम्मीदवार बनाया गया। इस निर्णय के विरोध में 22 मार्च 2009 को द्वारका में एक महापंचायत का आयोजन हुआ, जिसमें भाजपा द्वारा परवेश को टिकट न देने की आलोचना की गई।

चुनावी पदार्पण

7 नवंबर 2013 को भाजपा ने परवेश वर्मा को महरौली विधानसभा सीट से उम्मीदवार घोषित किया। इस सीट से दक्षिण दिल्ली नगर निगम की महापौर सरिता चौधरी और वरिष्ठ भाजपा नेता शेर सिंह डागर (2008 में भाजपा प्रत्याशी) भी दावेदार थे। वर्मा की उम्मीदवारी का दोनों गुटों के समर्थकों ने विरोध किया। सरिता चौधरी के समर्थकों ने दिल्ली भाजपा मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन कर वर्मा को “बाहरी” करार दिया। इसके बावजूद, वर्मा की मां और पत्नी ने चुनाव क्षेत्र में उनके लिए प्रचार किया। वे 2013 विधानसभा चुनाव के लिए दिल्ली भाजपा चुनाव समिति के सदस्य भी बनाए गए। उन्होंने आम आदमी पार्टी (AAP) के उम्मीदवार नरेंद्र सिंह सिजवाल को 4,564 वोटों से और तत्कालीन विधायक एवं विधानसभा अध्यक्ष योगानंद शास्त्री को हराया।

सांसद के रूप में कार्यकाल

2014 के आम चुनाव में परवेश वर्मा ने पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट से रिकॉर्ड 2,68,586 वोटों के अंतर से जीत हासिल की। 2019 के आम चुनाव में उन्होंने दूसरी बार जीत दर्ज की, और कांग्रेस के महाबल मिश्रा को 5.78 लाख वोटों के ऐतिहासिक अंतर से हराया। यह दिल्ली के इतिहास की सबसे बड़ी लोकसभा चुनावी जीत थी और पूरे भारत में छठी सबसे बड़ी जीत थी। 2019 में परवेश वर्मा को कुल 14,41,601 मतों में से 8,65,648 मत प्राप्त हुए।

वे संसद की "वेतन और भत्तों की संयुक्त समिति", "शहरी विकास स्थायी समिति" और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), नई दिल्ली की शासी निकाय के सदस्य भी रहे। वर्तमान में वे संसद की "अनुमान समिति" और "वित्त समिति" के सदस्य हैं।

दिल्ली विधानसभा

2025 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में उन्होंने नई दिल्ली विधानसभा सीट से चुनाव लड़ते हुए पूर्व मुख्यमंत्री और विधायक अरविंद केजरीवाल को पराजित किया।

व्यक्तिगत जीवन

परवेश वर्मा का विवाह स्वाति वर्मा से हुआ है, जो मध्य प्रदेश से भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री विक्रम वर्मा की बेटी हैं। उनके तीन बच्चे हैं — दो बेटियाँ और एक बेटा।

परवेश वर्मा "राष्ट्रीय स्वाभिमान" नामक एक गैर-सरकारी संगठन (NGO) भी संचालित करते हैं।

विवाद

2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान, परवेश वर्मा ने शाहीन बाग़ प्रदर्शन में जुटे लोगों को लेकर एक विवादास्पद बयान दिया। उन्होंने कहा कि अगर दिल्ली में भाजपा सत्ता में आती है, तो वे एक घंटे के भीतर शाहीन बाग़ को खाली करवा देंगे। उन्होंने यह भी कहा कि शाहीन बाग़ जैसे प्रदर्शनों में शामिल मुस्लिम समुदाय के लोग "हिंदुओं के घरों में घुसकर हमारी बहनों और बेटियों के साथ दुष्कर्म करते हैं"।

2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले चरण से पहले, परवेश वर्मा ने एक और विवादास्पद बयान दिया। उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जाट नेताओं की बैठक आयोजित करने के बाद, मीडिया से बात करते हुए राष्ट्रीय लोक दल (RLD) के जयंत चौधरी को भाजपा के साथ चुनाव बाद गठबंधन का प्रस्ताव दिया। उन्होंने यह भी कहा कि जयंत, जो उस समय समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में थे, ने "गलत घर चुन लिया है"।

वर्मा ने हाल ही में विश्व हिन्दू परिषद द्वारा आयोजित एक रैली में मुसलमानों के 'पूर्ण बहिष्कार' का भी आह्वान किया था।

चुनावी प्रदर्शन

2025 दिल्ली विधानसभा चुनाव (नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र):

2025 के विधानसभा चुनाव में परवेश साहिब सिंह वर्मा ने नई दिल्ली सीट से चुनाव लड़ा और आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक व पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 4,199 वोटों के अंतर से हराया। उन्हें कुल 30,088 वोट (48.82%) प्राप्त हुए, जो पिछले प्रदर्शन की तुलना में 16.07% की वृद्धि थी। अरविंद केजरीवाल को 25,999 वोट (42.20%) मिले, जिसमें 19.92% की गिरावट दर्ज की गई। कांग्रेस के संदीप दीक्षित को 4,568 वोट (7.41%) मिले, जो कि पिछले चुनाव से 3.20% की वृद्धि थी। कुल मतदान 61,636 रहा। इस चुनाव में भाजपा ने आम आदमी पार्टी से सीट हासिल की और कुल मतों में 6.82% की बहुमत से जीत दर्ज की।

2019 भारतीय आम चुनाव (पश्चिमी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र):

2019 में परवेश वर्मा ने लगातार दूसरी बार पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट से जीत हासिल की। उन्होंने कांग्रेस के महाबल मिश्रा को हराकर 5,78,486 वोटों के रिकॉर्ड अंतर से विजय प्राप्त की। उन्हें कुल 8,65,648 वोट (60.05%) मिले, जिसमें पिछले चुनाव से 11.75% की बढ़ोतरी हुई। कांग्रेस के महाबल मिश्रा को 2,87,162 वोट (19.92%) और आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार बलबीर जाखड़ को 2,51,873 वोट (17.47%) प्राप्त हुए, जिसमें AAP के लिए 10.91% की गिरावट रही। कुल 14,42,492 वोट पड़े, जिसमें 60.82% मतदान दर्ज किया गया। भाजपा ने यह सीट अपने पास बनाए रखी।

2014 भारतीय आम चुनाव (पश्चिमी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र):

2014 के आम चुनाव में परवेश साहिब सिंह वर्मा ने पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा और बड़ी जीत हासिल की। उन्होंने कुल 6,51,395 वोट (48.30%) प्राप्त किए, जिसमें 8.58% की बढ़ोतरी दर्ज की गई। आम आदमी पार्टी के जरनैल सिंह को 3,82,809 वोट (28.38%) और कांग्रेस के महाबल मिश्रा को 1,93,266 वोट (14.33%) मिले, जिसमें कांग्रेस को 39.99% की गिरावट का सामना करना पड़ा। निर्दलीय उम्मीदवार जरनैल सिंह को भी 84,722 वोट (6.28%) प्राप्त हुए। बसपा के राजपाल सिंह को 8,707 वोट (0.65%) मिले। भाजपा ने कांग्रेस से यह सीट छीनी और 2,68,586 वोटों (19.92%) के अंतर से जीत दर्ज की। कुल मतदान 13,47,971 (66.10%) रहा।

सामान्य प्रश्न

प्रश्न: परवेश साहिब सिंह वर्मा कौन हैं?
उत्तर: परवेश साहिब सिंह वर्मा एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं जो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से जुड़े हैं। वे 2025 से दिल्ली के उपमुख्यमंत्री हैं और नई दिल्ली विधानसभा सीट से विधायक हैं। वे दो बार पश्चिमी दिल्ली से लोकसभा सांसद भी रह चुके हैं।

प्रश्न: परवेश वर्मा का पारिवारिक पृष्ठभूमि क्या है?
उत्तर: परवेश वर्मा, दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा और साहिब कौर के बेटे हैं। उनका संबंध एक हिंदू जाट परिवार से है और वे राजनीतिक परिवार से आते हैं।

प्रश्न: परवेश वर्मा की शिक्षा क्या है?
उत्तर: उन्होंने दिल्ली पब्लिक स्कूल, आर. के. पुरम से स्कूली शिक्षा प्राप्त की, किरोरी मल कॉलेज से स्नातक किया और फिर फोर स्कूल ऑफ मैनेजमेंट से एमबीए की डिग्री प्राप्त की।

प्रश्न: परवेश वर्मा का राजनीतिक सफर कब शुरू हुआ?
उत्तर: उन्होंने 2013 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में महरौली सीट से अपना चुनावी पदार्पण किया और जीत हासिल की। इसके बाद वे 2014 और 2019 में पश्चिमी दिल्ली से लोकसभा चुनाव जीते। 2025 में वे नई दिल्ली सीट से विधायक बने और उपमुख्यमंत्री नियुक्त किए गए।

प्रश्न: परवेश वर्मा किस प्रकार के विवादों में शामिल रहे हैं?
उत्तर: वे 2020 के चुनाव प्रचार के दौरान शाहीन बाग़ प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दिए गए विवादित बयानों और 2022 में जयंत चौधरी को लेकर दिए गए राजनीतिक टिप्पणी के कारण विवादों में रहे हैं।

Readers : 13 Publish Date : 2025-04-21 02:30:57