जयंत सिन्हा : आयु, जीवनी, करियर, राजनीतिक और व्यक्तिगत जीवन

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जयंत सिन्हा

नाम :जयंत सिन्हा
जन्म तिथि :21 April 1963
(Age 62 Yr. )

व्यक्तिगत जीवन

शिक्षा ऊर्जा प्रबंधन और नीति में विज्ञान स्नातकोत्तर, एम.ए., व्यवसाय प्रशासन में स्नातकोत्तर
जाति कायस्थ
धर्म/संप्रदाय सनातन
राष्ट्रीयता भारतीय
व्यवसाय राजनीतिज्ञ
स्थान गिरिडीह, झारखंड, भारत,

शारीरिक संरचना

ऊंचाई 5 फीट 10 इंच
वज़न 70 किग्रा (लगभग)
आँखों का रंग काला
बालों का रंग स्लेटी

पारिवारिक विवरण

अभिभावक

पिता-यशवंत सिन्हा
माता- नीलिमा सिन्हा

वैवाहिक स्थिति विवाहित
जीवनसाथी

पुनीता

बच्चे/शिशु

बेटा- ऋषभ और आशिर

भाई-बहन

भाई- सुमंत सिन्हा
बहन- शर्मिला

जयंत सिन्हा एक भारतीय व्यवसायी और पूर्व राजनेता हैं, जिन्होंने 2014 से 2024 तक हजारीबाग से लोकसभा सांसद के रूप में सेवा दी। वे भारत सरकार में वित्त राज्य मंत्री और नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री भी रह चुके हैं। वर्तमान में वे ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ORF) में डिस्टिंग्विश्ड फेलो और इंडियन वेंचर कैपिटल एसोसिएशन में सीनियर एडवाइज़र हैं। वे वित्त पर स्थायी समिति के अध्यक्ष और 2019–24 के दौरान लोक लेखा समिति के सदस्य भी रह चुके हैं।

राजनीति में आने से पहले जयंत सिन्हा एक निवेश कोष प्रबंधक और प्रबंधन सलाहकार थे। उन्होंने मैकिन्से एंड कंपनी के साथ 12 वर्षों तक बोस्टन और दिल्ली कार्यालयों में भागीदार के रूप में काम किया और वैश्विक सॉफ्टवेयर व आईटी सेवा प्रैक्टिस का सह-नेतृत्व किया। इसके बाद उन्होंने ओमिद्यार नेटवर्क में पार्टनर के रूप में भारत में निवेश रणनीति का नेतृत्व किया और कूरज कैपिटल में मैनेजिंग डायरेक्टर के रूप में कार्य किया।

हजारीबाग, झारखंड से दो बार सांसद रहते हुए उन्होंने लगभग 30 लाख लोगों का प्रतिनिधित्व किया, जो कोयला आधारित अर्थव्यवस्था और विकासात्मक चुनौतियों से जूझ रहे क्षेत्र में रहते हैं। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने परिवहन, स्वास्थ्य, शिक्षा और अक्षय पात्र भोजन कार्यक्रम जैसे सामाजिक कार्यक्रमों के माध्यम से बुनियादी ढांचे और जनकल्याण पर विशेष ध्यान दिया।

वे इंडियाज़ इंटरनेशनल मूवमेंट टू यूनाइट नेशन्स (IIMUN) के सलाहकार बोर्ड के सदस्य भी हैं।

व्यक्तिगत जीवन

जयंत सिन्हा का जन्म झारखंड के गिरिडीह में एक चित्रगुप्तवंशी कायस्थ परिवार में हुआ था, जहाँ उनके पिता यशवंत सिन्हा एक आईएएस अधिकारी के रूप में पदस्थ थे। अपने युवावस्था के दौरान उन्होंने बिहार, दिल्ली और जर्मनी में समय बिताया। उनकी प्रारंभिक शिक्षा पटना के सेंट माइकल्स हाई स्कूल और दिल्ली के सेंट कोलंबा स्कूल में हुई।

1980 में, 11वीं कक्षा में पढ़ते हुए, जयंत सिन्हा ने पहली कोशिश में ही JEE (संयुक्त प्रवेश परीक्षा) उत्तीर्ण की और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) दिल्ली में प्रवेश प्राप्त किया। उन्हें अक्टूबर 2015 में IIT दिल्ली द्वारा डिस्टिंग्विश्ड एलुमनी अवार्ड से सम्मानित किया गया। IIT में पढ़ाई के दौरान ही उनकी मुलाकात उनकी भावी पत्नी पुनीता से हुई, और वर्ष 1986 में दोनों का विवाह हुआ। उनके दो बेटे हैं।

IIT दिल्ली से 1985 में स्नातक होने के बाद, उन्होंने पेनसिल्वेनिया विश्वविद्यालय से एनर्जी मैनेजमेंट एंड पॉलिसी में मास्टर ऑफ साइंस (M.Sc.) की डिग्री 1986 में प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने हार्वर्ड बिज़नेस स्कूल से एमबीए किया, जहाँ उन्हें 1992 में डिस्टिंक्शन के साथ स्नातक की उपाधि मिली।

राजनीतिक करियर

जयंत सिन्हा 1990 के दशक से भारतीय राजनीति और नीति-निर्माण में सक्रिय रहे हैं। जब उनके पिता यशवंत सिन्हा अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार (1998–2002) में वित्त मंत्री बने, तब जयंत ने नीतिगत सुझाव दिए, जिनमें होम लोन पर ब्याज में टैक्स कटौती और आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए सरल फॉर्म जैसे कई महत्वपूर्ण सुधार शामिल थे।

1998 से ही वे हजारीबाग में अपने पिता के चुनाव अभियानों में सक्रिय भूमिका निभाते रहे हैं। उन्होंने हजारीबाग और रामगढ़ ज़िलों में स्वयं सहायता समूहों को बढ़ावा देने, सोलर लालटेन वितरित करने, पीने के पानी की गुणवत्ता सुधारने और ग्रामीण सड़कों के निर्माण जैसे अनेक स्थानीय विकास कार्यों में भाग लिया।

2014 के आम चुनाव के दौरान, जयंत सिन्हा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मिलकर राष्ट्रीय आर्थिक नीति के निर्माण में सहयोग किया और फरवरी 2014 में एक अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक नेताओं के फोरम की मेज़बानी भी की। उन्होंने बीजेपी की चुनावी रणनीति और प्रबंधन प्रणालियों के डिजिटलीकरण में भी योगदान दिया।

2014 में वे झारखंड के हजारीबाग से लोकसभा चुनाव लड़े और 1,59,128 वोटों के भारी अंतर से जीत दर्ज की। उन्हें कुल 4,06,931 वोट प्राप्त हुए। संसद में प्रवेश के बाद वे चार प्रमुख संसदीय समितियों — लोक लेखा समिति, वित्त पर स्थायी समिति, कानून निर्माण से संबंधित अधीनस्थ समिति, और दूरसंचार एवं आईटी मंत्रालय की सलाहकार समिति — के सदस्य रहे।

2019 में उन्होंने फिर से हजारीबाग से चुनाव लड़ा और 1,070,929 में से 728,798 वोट प्राप्त कर भारी बहुमत से विजयी हुए।

2024 के लोकसभा चुनावों से पहले, जयंत सिन्हा ने घोषणा की कि वे सीधे चुनावी राजनीति से एक कदम पीछे हटेंगे और वैश्विक जलवायु परिवर्तन से लड़ने के कार्यों पर ध्यान केंद्रित करेंगे। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी नेतृत्व का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वे भविष्य में भी पार्टी के साथ आर्थिक और शासन संबंधित मुद्दों पर काम करते रहेंगे।

2019 से 2024 तक, सिन्हा संसद की वित्त पर स्थायी समिति के अध्यक्ष रहे। इस 31-सदस्यीय पैनल के अंतर्गत वित्त मंत्रालय, कॉरपोरेट मामलों का मंत्रालय, सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय, और नीति आयोग आते थे। यह समिति भारतीय रिजर्व बैंक, सेबी, दिवाला एवं शोधन अक्षमता बोर्ड, बीमा और पेंशन विनियामकों पर भी संसदीय निगरानी रखती थी।

2021 में, सिन्हा ने संसद में भारत का पहला नेट ज़ीरो विधेयक एक निजी बिल के रूप में प्रस्तुत किया। उन्होंने भारत में नेट ज़ीरो विकास के आर्थिक, सार्वजनिक स्वास्थ्य, और राष्ट्रीय सुरक्षा पर प्रभाव को लेकर कई महत्वपूर्ण शोध भी किए हैं, जिन्हें टीवी शो, लेखों और पॉडकास्ट के माध्यम से साझा किया गया है। वे मानते हैं कि नेट ज़ीरो नीतियाँ भारत की दीर्घकालिक समृद्धि और सतत विकास के लिए रणनीतिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।

मंत्रालयी करियर

वित्त मंत्रालय

9 नवंबर 2014 को जयंत सिन्हा ने केंद्रीय राज्य मंत्री के रूप में वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभाला और वित्त मंत्री अरुण जेटली के साथ मिलकर कई महत्त्वपूर्ण आर्थिक सुधारों में भूमिका निभाई।
उन्होंने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, सोशल सिक्योरिटी प्लेटफॉर्म, इंद्रधनुष पैकेज, और इंडिया एस्पिरेशन फंड जैसे नवाचारों को आगे बढ़ाया।
उन्होंने बीमा विधेयक, दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता, और परक्राम्य लिखत अधिनियम जैसे प्रमुख विधेयकों का नेतृत्व किया।
सिन्हा ने भारत का सॉवरेन वेल्थ फंड (NIIF) और हायर एजुकेशन फाइनेंसिंग एजेंसी की स्थापना, साथ ही एयर इंडिया व हवाई अड्डों के निजीकरण की नई नीति भी बनाई।

नागरिक उड्डयन मंत्रालय

6 जुलाई 2016 को उन्होंने नागरिक उड्डयन मंत्रालय का कार्यभार संभाला। इस दौरान भारत तीसरा सबसे बड़ा घरेलू विमानन बाजार बना।
उनके नेतृत्व में UDAN योजना लॉन्च हुई, जिससे छोटे शहर हवाई नेटवर्क से जुड़ सके।
उन्होंने AirSewa ऐप, Passenger Charter, और No-Fly List जैसे नवाचार शुरू किए।
NABH निर्माण कार्यक्रम के तहत हवाई अड्डों की क्षमता बढ़ाने और $15 बिलियन से अधिक निवेश सुनिश्चित करने की दिशा में काम हुआ।

सिन्हा ने DigiYatra और Drone Task Force जैसी तकनीकी पहलों का नेतृत्व किया।
उन्होंने डिजिटल स्काई नीति लागू की, जिसमें NPNT (No Permission, No Take-Off) जैसी प्रगतिशील प्रणाली शामिल थी।
2017 में उन्होंने दिल्ली के रोहिणी में देश का पहला इंटीग्रेटेड हेलिपोर्ट भी लॉन्च किया।

हजारीबाग का विकास

23 फरवरी 2017 को हजारीबाग से सांसद जयंत सिन्हा ने झारखंड के मुख्यमंत्री श्री रघुवर दास के साथ मिलकर दुमका, पलामू और हजारीबाग में तीन मेडिकल कॉलेजों की आधारशिला रखी। यह पहल झारखंड में स्वास्थ्य सेवा ढांचे को सुदृढ़ करने और युवाओं को चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में अवसर प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम थी।

व्यावसायिक करियर

हार्वर्ड बिज़नेस स्कूल से स्नातक होने के बाद जयंत सिन्हा ने बोस्टन में McKinsey & Company में कार्यभार संभाला और 1999 में उन्हें पार्टनर चुना गया। मैकिन्सी में उन्होंने Global Software & IT Services Practice का सह-नेतृत्व किया। 2002 में वे भारत लौटे और मैकिन्सी के साथ कुछ समय काम करने के बाद Courage Capital में शामिल हुए — एक वैश्विक विशेष परिस्थितियों वाला हेज फंड। वहाँ उन्होंने भारत में तकनीक और निवेश प्रयासों का नेतृत्व किया और वैश्विक तकनीकी निवेश में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

इसके बाद सिन्हा Omidyar Network से जुड़े, जिसे पियरे और पाम ओमिद्यार ने स्थापित किया था। दिसंबर 2013 तक वे ओएन में पार्टनर और Omidyar Network India Advisors के मैनेजिंग डायरेक्टर रहे। वे ओमिद्यार नेटवर्क की पाँच-सदस्यीय वैश्विक कार्यकारी समिति का हिस्सा भी थे। उनके नेतृत्व में भारत का निवेश पोर्टफोलियो 35 से अधिक कंपनियों और संगठनों तक बढ़ा, जिसमें कुल $100 मिलियन से अधिक का निवेश हुआ।

जयंत सिन्हा ने DailyHunt, Quikr और Tata1mg जैसी कंपनियों में वेंचर कैपिटल निवेश किया, जो बाद में यूनिकॉर्न बनीं। अन्य प्रमुख निवेशों में d.light, Aspiring Minds, Neogrowth, Vistaar Finance और HealthKart शामिल हैं। उन्होंने Indian Impact Investing Council के लिए फंडिंग में भी मदद की।

वे कई कंपनियों और संगठनों के बोर्ड में भी शामिल रहे हैं, जिनमें DailyHunt, d.light, iMerit और Janaagraha प्रमुख हैं। इसके अलावा, उन्हें वॉशिंगटन डीसी स्थित International Finance Corporation के International Advisory Board में सेवा देने के लिए आमंत्रित किया गया था।

मीडिया में उपस्थिति

जयंत सिन्हा को वर्ष 2021 का सर्वश्रेष्ठ लोकसभा सांसद (Best Lok Sabha MP of the Year) के रूप में सम्मानित किया गया। साथ ही, वित्त पर स्थायी समिति को 2022, 2023 और 2024 में लगातार सर्वश्रेष्ठ संसदीय समिति का पुरस्कार मिला। उनके पाँच वर्षों के संसदीय कार्यों के रिकॉर्ड के आधार पर, भारत के राष्ट्रपति द्वारा उन्हें शीर्ष संसद सदस्य के रूप में सम्मानित किया गया।

व्यापार और आर्थिक नीतियों पर उनके विचारों को वैश्विक मीडिया में व्यापक रूप से उद्धृत किया गया है। उनके इंटरव्यू और विचार The Economist, The Wall Street Journal, Business Week, The New York Times, CNN, Bloomberg और CNBC जैसे प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय मंचों पर प्रकाशित हुए हैं। इसके अलावा, उनके लेख और राय-लेख Harvard Business Review और Financial Times जैसी प्रमुख पत्रिकाओं में भी प्रकाशित हुए हैं।

जयंत सिन्हा द्वारा लिखे गए उल्लेखनीय लेखों में McKinsey Quarterly में "Paradox of Fast Growth Tigers", Harvard Business Review में "Strategies That Fit Emerging Markets" और Financial Times में "It is time for India to rein in its robber barons" शामिल हैं। ये लेख अकादमिक जगत में अत्यधिक उद्धृत किए गए हैं और दुनिया के कई बिजनेस स्कूलों में संदर्भ सामग्री के रूप में प्रयोग किए जाते हैं।

सोशल मीडिया विवाद

2018 में जयंत सिन्हा एक विवाद के केंद्र में आ गए जब उन्हें एक तेज़-तर्रार अदालत द्वारा दोषी ठहराए गए कुछ व्यक्तियों का माला पहनाकर स्वागत करते हुए कथित तौर पर देखा गया। यह मामला एक मुस्लिम व्यक्ति की पीट-पीटकर हत्या (लिंचिंग) से जुड़ा था, जिसने देश भर में भारी जन-ध्यान आकर्षित किया था। उनके इस कृत्य को कई लोगों ने दोषियों के प्रति समर्थन के रूप में देखा, जिससे व्यापक आलोचना हुई, यहाँ तक कि उनके पिता यशवंत सिन्हा ने भी इसकी सार्वजनिक रूप से निंदा की।

हालांकि, जयंत सिन्हा ने इस विषय पर कई बयानों और ट्वीट्स के ज़रिए अपनी स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने किसी भी प्रकार की हिंसा और भीड़ तंत्र की कड़ी निंदा की और कानून के शासन में अपनी गहरी आस्था दोहराई। सिन्हा ने कहा कि उनकी मंशा किसी अवैध गतिविधि को समर्थन देना नहीं थी, बल्कि यह सुनिश्चित करना था कि न्याय निष्पक्ष रूप से हो। यदि उनके कार्यों को भीड़ तंत्र के समर्थन के रूप में देखा गया, तो उन्होंने गहरा खेद व्यक्त किया।

यह मामला अप्रैल 2018 में शुरू हुआ जब फास्ट-ट्रैक कोर्ट ने आरोपियों को आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई। न्याय प्रक्रिया को लेकर चिंतित होकर, सिन्हा और स्थानीय बीजेपी नेताओं ने आरोपियों के लिए कानूनी सहायता सुनिश्चित की। बाद में झारखंड हाईकोर्ट ने यह कहते हुए उन्हें ज़मानत दे दी कि आरोपियों के खिलाफ प्रत्यक्ष साक्ष्य की कमी है।

मीडिया साक्षात्कारों और सार्वजनिक बयानों के माध्यम से सिन्हा ने बार-बार कहा कि उनकी पहल न्याय सुनिश्चित करने, निर्दोषों को गलत सज़ा से बचाने और दोषियों को ज़िम्मेदार ठहराने की दिशा में थी। उन्होंने कहा कि उनके सभी प्रयास न्यायपालिका और कानून के शासन की मर्यादा को बनाए रखने के उद्देश्य से थे।

सामान्य प्रश्न

प्रश्न: जयंत सिन्हा का जन्म कहाँ हुआ था?
उत्तर: जयंत सिन्हा का जन्म 1970 में गिरिडीह, झारखंड में हुआ था। वे चित्रगुप्तवंशी कायस्थ परिवार से हैं, और उनके पिता यशवंत सिन्हा भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के अधिकारी थे।

प्रश्न: जयंत सिन्हा ने अपनी शिक्षा कहाँ से प्राप्त की थी?
उत्तर: जयंत सिन्हा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सेंट माइकल्स हाई स्कूल, पटना और सेंट कोलंबा स्कूल, दिल्ली से की थी। इसके बाद, उन्होंने आईआईटी दिल्ली से इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की और फिर हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से MBA की डिग्री प्राप्त की।

प्रश्न: जयंत सिन्हा के प्रमुख मंत्रालयी कार्य क्या रहे हैं?
उत्तर: जयंत सिन्हा ने वित्त मंत्रालय और नागरिक उड्डयन मंत्रालय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, इंद्रधनुष पैकेज, और UDAN योजना जैसी प्रमुख योजनाओं की शुरुआत की। उनके कार्यकाल में भारतीय विमानन क्षेत्र का उल्लेखनीय विकास हुआ और उन्होंने DigiYatra और Drone Task Force जैसी तकनीकी पहलों को भी लीड किया।

प्रश्न: जयंत सिन्हा की राजनीतिक यात्रा कैसी रही है?
उत्तर: जयंत सिन्हा ने 2014 में झारखंड के हज़ारीबाग निर्वाचन क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के उम्मीदवार के रूप में लोकसभा चुनाव जीता। वे 2019 में भी उसी सीट से भारी बहुमत से पुनः निर्वाचित हुए। वे वित्त और नागरिक उड्डयन मंत्रालय में मंत्री रहे और उन्होंने कई विकासात्मक योजनाओं को लागू किया।

प्रश्न: जयंत सिन्हा के द्वारा की गई प्रमुख सामाजिक पहलें कौन सी हैं?
उत्तर: जयंत सिन्हा ने हज़ारीबाग और रामगढ़ जिलों में कई सामाजिक पहलें की हैं, जैसे स्व सहायता समूह बनवाना, सौर लाइट बांटना, और पानी की गुणवत्ता सुधारना। 2017 में, उन्होंने हज़ारीबाग में तीन मेडिकल कॉलेजों की नींव रखी।

Readers : 10 Publish Date : 2025-04-14 02:35:16