कपिल सिब्बल : आयु, जीवनी, करियर, राजनीतिक और व्यक्तिगत जीवन

कपिल सिब्बल
(Age 40 Yr. )
व्यक्तिगत जीवन
शिक्षा | एम.ए., एलएलएम |
जाति | खत्री |
धर्म/संप्रदाय | सनातन |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
व्यवसाय | राजनीतिज्ञ, वकील |
स्थान | जालंधर, पंजाब, भारत, |
शारीरिक संरचना
ऊंचाई | 5 फीट 8 इंच |
वज़न | 80 किग्रा (लगभग) |
आँखों का रंग | भूरा |
बालों का रंग | सफ़ेद |
पारिवारिक विवरण
अभिभावक | पिता: हीरा लाल सिब्बल |
वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
जीवनसाथी | नीना सिब्बल (1973-2000), प्रोमिला सिब्बल (2005-वर्तमान) |
बच्चे/शिशु | पुत्र: अमित सिब्बल, अखिल सिब्बल |
भाई-बहन | भाई: वीरेंद्र सिब्बल, जीतेंद्र सिब्बल, कंवल सिब्बल |
Index
1. प्रारंभिक जीवन और शिक्षा |
2. करियर |
3. राजनीतिक जीवन |
4. सांसद, लोकसभा |
5. सांसद, राज्यसभा |
6. अन्य कार्य |
7. प्रकाशन |
8. व्यक्तिगत जीवन |
9. सामान्य प्रश्न |
कपिल सिब्बल एक प्रतिष्ठित भारतीय वकील और राजनीतिज्ञ हैं। वे एक नामित वरिष्ठ अधिवक्ता हैं और वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं। उन्होंने भारत के सुप्रीम कोर्ट में कई उच्च-प्रोफ़ाइल मामलों की पैरवी की है और वर्तमान में राज्यसभा के सदस्य हैं।
दिल्ली विश्वविद्यालय और हार्वर्ड विश्वविद्यालय से स्नातक कपिल सिब्बल ने वॉल स्ट्रीट में कानून का अभ्यास किया और कानून और प्रशासन से जुड़े कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया, जिनमें अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष का पद भी शामिल है। उन्होंने 1998 में पहली बार बिहार से राज्यसभा में प्रवेश किया। इससे पहले उन्होंने लोकसभा चुनाव में सुषमा स्वराज के खिलाफ चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए थे। बाद में उन्होंने चांदनी चौक से 2004 और 2009 में लोकसभा चुनाव जीतकर संसद में जगह बनाई।
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के एक वरिष्ठ सदस्य के रूप में उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के मंत्रिमंडल में विभिन्न मंत्रालयों का कार्यभार संभाला। मंत्री रहते हुए उन्होंने भारत का प्रतिनिधित्व कई प्रमुख अंतरराष्ट्रीय मंचों पर किया। हालांकि, उनके कई सरकारी निर्णयों को लेकर विवाद भी हुए, जैसे कि इंटरनेट सामग्री को नियंत्रित करने की पहल। सिब्बल को अक्सर कांग्रेस का बौद्धिक चेहरा माना गया जो टीवी बहसों और अख़बारों के कॉलमों में पार्टी की ओर से पक्ष रखते थे।
सुप्रीम कोर्ट में वे अक्सर कांग्रेस पार्टी की ओर से पक्ष रखते थे। उन्होंने 2022 में कांग्रेस छोड़ दी और समाजवादी पार्टी के समर्थन से राज्यसभा के लिए स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल किया। वे फिर से 2024–25 के लिए सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष चुने गए।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
कपिल सिब्बल का जन्म 8 अगस्त 1948 को जालंधर, पंजाब में हुआ था। उनका परिवार 1947 के विभाजन के दौरान भारत आ गया था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सेंट जॉन्स हाई स्कूल, चंडीगढ़ से प्राप्त की। वर्ष 1964 में वे दिल्ली आए और सेंट स्टीफन कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय में बी.ए. की पढ़ाई शुरू की। इसके बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के लॉ फैकल्टी से एल.एल.बी. की डिग्री प्राप्त की और फिर सेंट स्टीफन कॉलेज से इतिहास में एम.ए. भी किया।
सिब्बल ने 1972 में बार एसोसिएशन से जुड़कर वकालत शुरू की। 1973 में, वे भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के लिए चयनित हुए, लेकिन उन्होंने उस प्रस्ताव को ठुकरा दिया और अपनी स्वतंत्र कानूनी प्रैक्टिस शुरू करने का निर्णय लिया। इसके बाद वे हार्वर्ड लॉ स्कूल गए, जहाँ उन्होंने एल.एल.एम. में दाखिला लिया और 1977 में यह डिग्री पूरी की। 1983 में उन्हें वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया।
1989 में, उन्हें भारत का अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल नियुक्त किया गया। 1994 में, वे एक वकील के रूप में संसद में पेश हुए और विजय रामास्वामी के खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही के दौरान उनका सफलतापूर्वक बचाव किया। यह महाभियोग प्रस्ताव 10 मई 1993 को संसद में बहस और मतदान के लिए प्रस्तुत किया गया था। उस दिन सदन में उपस्थित 401 सदस्यों में से 196 ने महाभियोग के पक्ष में, किसी ने भी विरोध में नहीं, और 205 सदस्यों ने मतदान से अनुपस्थित रहते हुए तटस्थता अपनाई — जिनमें कांग्रेस और उसके सहयोगी दल शामिल थे।
कपिल सिब्बल सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के चार बार अध्यक्ष रह चुके हैं — 1995–1996, 1997–1998, 2001–2002, और 2024–2025 में।
करियर
कपिल सिब्बल ने 1972 में बार एसोसिएशन से जुड़कर वकालत की दुनिया में कदम रखा। उन्होंने स्वतंत्र रूप से अपनी कानूनी प्रैक्टिस शुरू करने का निर्णय लिया। बाद में, उन्हें 8 नवंबर 1983 को दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया। इसके बाद, उन्होंने 1989 से 1990 के बीच भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के रूप में भी सेवाएं दीं।
राजनीतिक जीवन
कपिल सिब्बल ने वर्षों में भारत सरकार और समाज के विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। इनमें शामिल हैं:
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल, भारत सरकार (दिसंबर 1989 – 1990)
सदस्य, प्रबंधन बोर्ड, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (1993)
अध्यक्ष, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (1995–96, 1997–98, 2001–2002)
सदस्य, राज्यसभा (जुलाई 1998)
सदस्य, कार्यकारी परिषद, भारतीय संविधान और संसदीय अध्ययन संस्थान (2001)
सदस्य, व्यापार सलाहकार समिति (अगस्त 2001)
सदस्य, गृह मामलों की समिति (जनवरी 2002)
सह-अध्यक्ष, भारत-अमेरिका संसदीय मंच (2002)
सदस्य, अंतरराष्ट्रीय एड्स वैक्सीन पहल बोर्ड (2002)
सदस्य, बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन की भारतीय एड्स पहल की कार्यक्रम बोर्ड (2003)
सदस्य, मानवाधिकार आयोग, जिनेवा द्वारा गठित मनमाने बंदी पर कार्य समूह
सांसद, लोकसभा
2004 के आम चुनावों में, कपिल सिब्बल ने दिल्ली की चांदनी चौक सीट से भाजपा की स्मृति ईरानी को हराकर कांग्रेस पार्टी की ओर से संसद में प्रवेश किया और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार में विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं पृथ्वी विज्ञान मंत्री बने।
उन्होंने 2009 में पुनः इसी सीट से जीत दर्ज की।
2G स्पेक्ट्रम घोटाले के दौरान, उन्होंने "शून्य नुकसान" वाला बयान दिया, जिसे लेकर काफ़ी आलोचना हुई और उन्हें बाद में सफाई देनी पड़ी। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) ने सिब्बल पर एक अमेरिकी कंपनी Phoenix Rose LLC को नियमों की अनदेखी कर फ़ायदा पहुंचाने का आरोप लगाया। रिपोर्ट में कहा गया कि $120,000 लागत वाली परियोजना का केवल 16% कार्य हुआ और कंपनी साइट को छोड़ चुकी थी।
इसके अलावा, इंटरनेट सामग्री को नियंत्रित करने की उनकी कोशिश की भी सोशल मीडिया प्लेटफार्मों जैसे Facebook, Twitter और Google+ पर आलोचना हुई।
उन्होंने विश्व आर्थिक मंच (वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम) के 2005 और 2009 के दावोस सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व किया। अमेरिका के अन्नापोलिस सम्मेलन (2007) में उन्होंने भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया, जो फ़िलिस्तीनी राज्य की स्थापना को लेकर था। दिसंबर 2007 में वे संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (UNFCCC), बाली में भारत के प्रतिनिधि के रूप में शामिल हुए।
कपिल सिब्बल ने भारत में निरंतर और समग्र मूल्यांकन (CCE) प्रणाली की शुरुआत की, जो कक्षा 9 और 10 के लिए लागू की गई। उन्होंने IIT-JEE परीक्षा प्रणाली में भी बदलाव की पहल की और IIT पटना की आधारशिला रखी।
2004 की सुनामी के बाद उन्होंने चेतावनी दी कि भारत के दक्षिणी तट और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में फिर से एक जानलेवा सुनामी आ सकती है, हालांकि उस समय क्षेत्र में कोई हलचल नहीं थी। यह झूठी चेतावनी साबित हुई, और गृह मंत्रालय को यह बयान वापस लेना पड़ा। इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 30 दिसंबर को दिए गए उनके बयान को लेकर नाराज़गी जताई और उसे "बेवजह की चेतावनी" बताया।
सांसद, राज्यसभा
13 सितंबर 2021 से वे संसदीय विदेश मामलों की समिति के सदस्य हैं।
स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में प्रवेश
25 मई 2022 को कपिल सिब्बल ने राज्यसभा चुनाव के लिए स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल किया, जिसमें उन्हें समाजवादी पार्टी का समर्थन प्राप्त था। पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव नामांकन के समय उनके साथ मौजूद थे। इसके बाद सिब्बल ने मीडिया को बताया कि उन्होंने 16 मई को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था।
अन्य कार्य
2011 में, कपिल सिब्बल ने एक टचस्क्रीन टैबलेट कंप्यूटर की घोषणा की, जिसे निजी साझेदारी के माध्यम से विकसित किया जाना था। यह टैबलेट छात्रों के लिए मात्र ₹1,500 (लगभग US$18) में उपलब्ध कराने की योजना थी। हालांकि, इस पहल पर OLPC इंडिया के चेयरमैन सतीश झा ने सवाल उठाए और कहा कि एक वर्ष में $35 की लैपटॉप बनाना व्यावहारिक नहीं है।
इस दौरान, पाँच राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने OLPC पहल का समर्थन किया और राजस्थान के मुख्यमंत्री ने उसी दिन उस परियोजना का उद्घाटन किया, जिस दिन सिब्बल ने अपने भविष्य के टैबलेट की झलक दिखाई थी। इस कार्यक्रम में केंद्र सरकार के दो मंत्री भी उपस्थित थे। इसके बाद, निकोलस नेग्रोपोंटे (OLPC के संस्थापक) ने सिब्बल को एक खुला पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने MIT और OLPC की तकनीकों तक पूर्ण पहुंच देने की पेशकश की, ताकि भारत का अपना टैबलेट बनाने का सपना पूरा हो सके।
बाद में यह टैबलेट UbiSlate7C1 नाम से ₹4,199 (US$49) और UbiSlate7C+ नाम से ₹5,199 (US$61) की कीमत में ऑनलाइन लॉन्च किया गया। फरवरी 2012 तक, निर्माता कंपनी Datawind को 14 लाख से अधिक प्री-ऑर्डर मिल चुके थे, लेकिन तब तक केवल 10,000 यूनिट्स (0.7%) ही भेजी जा सकी थीं। नवंबर 2012 तक, कई ग्राहकों को उनके ऑर्डर नहीं मिले थे और उन्हें रिफंड का विकल्प दिया गया।
प्रकाशन
कपिल सिब्बल की कविताओं का एक संकलन "I Witness: Partial Observation" शीर्षक से अगस्त 2008 में रोली बुक्स, नई दिल्ली द्वारा प्रकाशित किया गया।
उनके लिखे गीतों को प्रसिद्ध संगीतकार ए. आर. रहमान ने एक स्टूडियो एलबम के रूप में संगीतबद्ध किया, जिसका शीर्षक था "Raunaq: Conversation of Music and Poetry", जो वर्ष 2014 में जारी हुआ।
इसके अलावा, कपिल सिब्बल ने 2016 में रिलीज़ हुई हिंदी फ़िल्म 'शोरगुल' के लिए "तेरे बिना" और "मस्त हवा" जैसे गीतों के गीत-लेखन का कार्य भी किया।
व्यक्तिगत जीवन
कपिल सिब्बल के पिता हीरा लाल सिब्बल एक प्रतिष्ठित अधिवक्ता थे। उनका परिवार 1947 के भारत विभाजन के समय भारत आया था। 1994 में, इंटरनेशनल बार एसोसिएशन ने हीरा लाल सिब्बल को "लिविंग लीजेंड ऑफ द लॉ" की उपाधि दी थी, और 2006 में भारत सरकार ने उन्हें "पद्म भूषण" से सम्मानित किया, जो सार्वजनिक सेवा क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया गया था।
1973 में, कपिल सिब्बल ने नीना सिब्बल से विवाह किया, जिनका 2000 में ब्रेस्ट कैंसर से निधन हो गया। उनके इस विवाह से दो पुत्र — अमित और अखिल — हैं, जो दोनों पेशे से वकील हैं। 2005 में, सिब्बल ने प्रमिला सिब्बल से दूसरा विवाह किया।
कपिल सिब्बल के भाई कंवल सिब्बल भारतीय विदेश सेवा के सेवानिवृत्त वरिष्ठ राजनयिक और पूर्व विदेश सचिव रह चुके हैं।
सामान्य प्रश्न
प्रश्न: कपिल सिब्बल कौन हैं?
उत्तर: कपिल सिब्बल एक प्रसिद्ध भारतीय वकील, राजनीतिज्ञ और लेखक हैं। वे सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता हैं और वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष (2024–25) हैं। वे राज्यसभा के सदस्य भी हैं।
प्रश्न: कपिल सिब्बल ने किन-किन मंत्रालयों में कार्य किया है?
उत्तर: उन्होंने मनमोहन सिंह सरकार में विज्ञान और प्रौद्योगिकी, संचार, मानव संसाधन विकास सहित कई मंत्रालयों में मंत्री के रूप में कार्य किया है।
प्रश्न: कपिल सिब्बल का शिक्षा और कानूनी पृष्ठभूमि क्या है?
उत्तर: उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफन कॉलेज से बी.ए. और इतिहास में एम.ए. किया है, तथा लॉ फैकल्टी से एल.एल.बी.। इसके बाद उन्होंने हार्वर्ड लॉ स्कूल से एल.एल.एम. की डिग्री प्राप्त की। वे 1983 में वरिष्ठ अधिवक्ता नामित हुए।
प्रश्न: कपिल सिब्बल ने कांग्रेस पार्टी क्यों छोड़ी?
उत्तर: कपिल सिब्बल ने मई 2022 में कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया और समाजवादी पार्टी के समर्थन से राज्यसभा चुनाव के लिए स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल किया।
प्रश्न: क्या कपिल सिब्बल लेखक भी हैं?
उत्तर: हाँ, उन्होंने "I Witness: Partial Observation" नामक कविता संग्रह लिखा है। इसके अलावा उनके लिखे गीतों को ए. आर. रहमान ने "Raunaq" एलबम में संगीतबद्ध किया है। उन्होंने 2016 की फिल्म "शोरगुल" के लिए भी गीत लिखे हैं।