केशव प्रसाद मौर्य : आयु, जीवनी, करियर, राजनीतिक और व्यक्तिगत जीवन

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केशव प्रसाद मौर्य

नाम :केशव प्रसाद मौर्य
जन्म तिथि :07 May 1969
(Age 55 Yr. )

व्यक्तिगत जीवन

शिक्षा कला स्नातक
जाति अन्य पिछड़ा वर्ग
धर्म/संप्रदाय सनातन
राष्ट्रीयता भारतीय
व्यवसाय व्यवसायी, राजनीतिज्ञ
स्थान सिराथू, कौशाम्बी, उत्तर प्रदेश, भारत,

शारीरिक संरचना

ऊंचाई 6 फीट
आँखों का रंग काला
बालों का रंग काला

पारिवारिक विवरण

अभिभावक

पिता- श्याम लाल

वैवाहिक स्थिति विवाहित
जीवनसाथी

राज कुमारी देवी मौर्य

बच्चे/शिशु

बेटा- योगेश कुमार, आशीष कुमार

केशव प्रसाद मौर्य एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं, जो वर्तमान में उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री के पद पर कार्यरत हैं। वे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य हैं। सक्रिय राजनीति में आने से पहले मौर्य का जुड़ाव राष्ट्रवादी हिंदू संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से रहा है। उन्होंने अपने प्रारंभिक जीवन में गौ रक्षा से जुड़े कई कार्यों में भी भाग लिया।

वर्ष 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों से पहले उन्हें भाजपा का राज्य अध्यक्ष नियुक्त किया गया। भाजपा की जीत के पश्चात, उन्हें योगी आदित्यनाथ सरकार में उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त किया गया।

मौर्य ने 2022 में एक बार फिर से सिराथू विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा, लेकिन वे समाजवादी पार्टी की पल्लवी पटेल से हार गए। इसके बावजूद, उन्हें योगी आदित्यनाथ सरकार के दूसरे कार्यकाल में भी उपमुख्यमंत्री पद पर पुनः नियुक्त किया गया।

जीवन

8 अप्रैल 2016 को, चैत्र माह के पहले दिन, केशव प्रसाद मौर्य को भारतीय जनता पार्टी, उत्तर प्रदेश का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सदस्य रहे हैं और राम जन्मभूमि आंदोलन में भी सक्रिय रूप से भाग लिया था।

मौर्य कुशवाहा समुदाय से संबंध रखते हैं, जो उत्तर प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न नामों से जाना जाता है और राज्य भर में फैला हुआ है। उनका जन्म 1969 में सिराथू, ज़िला कौशांबी (जो प्रयागराज से सटा हुआ है) में हुआ था। उन्होंने हिंदू साहित्य सम्मेलन, प्रयागराज से हिंदी साहित्य की पढ़ाई की।

राजनीति के अलावा मौर्य कई संस्थानों के स्वामी भी हैं, जिनमें एक अस्पताल, एक पेट्रोल पंप, एक कृषि व्यापार कंपनी और कामधेनु लॉजिस्टिक्स शामिल हैं। उनकी संपत्तियाँ प्रयागराज के विभिन्न हिस्सों में फैली हुई हैं।

राजनीतिक करियर

केशव प्रसाद मौर्य का जुड़ाव बचपन से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और विश्व हिंदू परिषद-बजरंग दल से रहा है। उन्होंने नगर कार्यवाह और विहिप प्रांतीय संगठन मंत्री जैसे विभिन्न पदों पर कार्य किया। वे गौ रक्षा आंदोलनों में भी सक्रिय रूप से शामिल रहे। इसके साथ ही उन्होंने राम जन्मभूमि आंदोलन में भी भाग लिया।

भारतीय जनता पार्टी में उन्होंने पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ (काशी क्षेत्र) और भाजपा किसान मोर्चा में क्षेत्रीय संयोजक के रूप में कार्य किया। उन्होंने 2002, 2007 और 2012 में विधानसभा चुनाव लड़े। 2002 और 2007 में हार का सामना करना पड़ा, लेकिन 2012 में जीतकर सिराथू विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने। इसके बाद 2014 में उन्होंने फूलपुर लोकसभा सीट से भाजपा के उम्मीदवार के रूप में चुनाव जीता, जिसमें उन्हें पांच लाख से अधिक वोट और 52% से ज्यादा मत प्रतिशत मिला।

अप्रैल 2016 में उन्हें भारतीय जनता पार्टी, उत्तर प्रदेश का राज्य अध्यक्ष नियुक्त किया गया। उनके नेतृत्व में पार्टी ने 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में ऐतिहासिक जीत दर्ज की। चुनाव परिणाम आने के बाद उन्हें मुख्यमंत्री पद के प्रमुख दावेदारों में माना गया, लेकिन 18 मार्च 2017 को उन्हें उत्तर प्रदेश का उपमुख्यमंत्री नियुक्त किया गया।

वे 2012 में सिराथू तहसील से भाजपा के पहले विधायक बने थे। यह पहला अवसर था जब सिराथू तहसील से भाजपा का कोई विधायक चुना गया। इसके ढाई साल बाद वे फूलपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद बने। उन्हें लोक निर्माण विभाग (PWD), खाद्य प्रसंस्करण, मनोरंजन कर, और राज्य उपक्रम विभाग जैसे मंत्रालयों की जिम्मेदारी दी गई।

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022

2022 के विधानसभा चुनाव में मौर्य ने अपने गृह जनपद कौशांबी की सिराथू सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार पल्लवी पटेल से हार का सामना करना पड़ा।

भाजपा में भूमिका

मौर्य को भाजपा द्वारा उत्तर प्रदेश का राज्य अध्यक्ष नियुक्त किया गया था, जिससे पार्टी की अति-पिछड़ा वर्गों (MBC) तक पहुंच मजबूत की जा सके। उत्तर प्रदेश में पारंपरिक रूप से समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी को यादव और जाटव वर्ग का समर्थन मिलता रहा है। ऐसे में मौर्य की नियुक्ति भाजपा द्वारा गैर-यादव पिछड़े वर्गों को जोड़ने की रणनीति का हिस्सा थी।

मौर्य ने इन सामाजिक वर्गों को भाजपा से जोड़ने का काम किया, और उनके प्रयासों से 2017 में भाजपा ने 403 में से 312 सीटें जीतकर रिकॉर्ड बनाया। उनके कार्यकाल में स्वामी प्रसाद मौर्य जैसे अन्य ओबीसी नेताओं का भाजपा में प्रवेश भी संभव हुआ।

विचारधारा

केशव प्रसाद मौर्य अपने प्रारंभिक दिनों में विभिन्न दक्षिणपंथी हिंदू संगठनों के सदस्य के रूप में गौ-रक्षा आंदोलनों में सक्रिय रहे। उन्होंने गौ-हत्या के खिलाफ सख्ती से कानून लागू किए जाने की वकालत की है।

द हिन्दू को दिए एक साक्षात्कार में मौर्य ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा गाय की हत्या करने वालों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) लगाने के निर्णय का समर्थन किया। उनके अनुसार, भाजपा के शासन में राज्य में पहले से मौजूद गौ-रक्षा कानूनों को सख्ती से लागू किया जा रहा है।

मौर्य का मानना है कि जो लोग गौ-वध में संलिप्त पाए जाते हैं, उन पर NSA के प्रावधानों का कठोर क्रियान्वयन अन्य लोगों को ऐसा करने से रोकेगा और यह एक निवारक कदम साबित होगा।

शासन व्यवस्था

फरवरी 2023 में केशव प्रसाद मौर्य ने अपने नाम से एक वेबसाइट लॉन्च की। इस वेबसाइट को विशेष रूप से उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को उपमुख्यमंत्री से जोड़ने के उद्देश्य से बनाया गया था। यह वेबसाइट आम जनता को शिकायत दर्ज करने और सुझाव भेजने की सुविधा भी प्रदान करती है। इसके साथ ही, मौर्य ने एक मोबाइल ऐप भी लॉन्च किया, जिसकी मदद से लोग यह ट्रैक कर सकते हैं कि उनकी शिकायत पर सरकार ने क्या कार्रवाई की है।

जुलाई 2024 में, मौर्य ने उत्तर प्रदेश सरकार के नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग (जो उस समय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अंतर्गत कार्यरत था) को एक पत्र लिखा। यह पत्र अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए आरक्षण की उचित क्रियान्वयन को लेकर था। यह मुद्दा 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा के खराब प्रदर्शन के बाद उठा। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने पार्टी की केंद्रीय नेतृत्व को रिपोर्ट सौंपी, जिसमें बताया गया कि SC, ST और OBC समुदाय के वोटों का INDIA गठबंधन की ओर स्थानांतरण भाजपा की हार का प्रमुख कारण रहा।

इसके बाद, मौर्य ने नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग से संविदा और आउटसोर्स स्टाफ की नियुक्तियों में आरक्षित वर्गों की भागीदारी की जानकारी मांगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इन वर्गों को प्रतिनिधित्व मिल रहा है या नहीं। मौर्य की यह प्रतिक्रिया भाजपा की सहयोगी अनुप्रिया पटेल द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद आई, जिनमें उन्होंने कहा कि योगी सरकार में साक्षात्कार आधारित नियुक्तियों में SC, ST और OBC उम्मीदवारों को अनुपयुक्त घोषित कर दिया जाता है, जिससे आरक्षण नीति के क्रियान्वयन में बाधा आती है।

मौर्य ने 2019 में आयोजित सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा के माध्यम से 69,000 शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर हो रहे प्रदर्शन का समर्थन भी किया। प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों की तुलना में अधिक अंक लाने के बावजूद उन्हें आरक्षित वर्ग की सीटों पर नियुक्त नहीं किया जा रहा, और आरक्षण नियमों की अनदेखी करके 50% से अधिक सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों का चयन हो रहा है, जिससे OBC और दलित वर्गों का प्रतिनिधित्व कम हो रहा है।

2022 में योगी आदित्यनाथ सरकार ने इन आरोपों को स्वीकार किया और माना कि आरक्षण नियमों के पालन में गड़बड़ियाँ हुई हैं। इसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नए सिरे से सूची जारी करने के निर्देश दिए ताकि आरक्षण नियमों का पुनर्विचार किया जा सके।

विवाद

जब उनसे पूछा गया कि हरिद्वार में धर्म संसद के मंच से दिए गए हिंसा भड़काने वाले बयानों के बाद सूबे के मुख्यमंत्री चुप रहते हैं तो ऐसे बयान देने वालों को और भी बढ़ावा मिलता है और उनके हौसले और बढ़ते हैं। क्या आप लोगों को बयान देकर लोगों को आश्वस्त नहीं करना चाहिए कि आप किसी धर्म विशेष के ख़िलाफ़ नहीं हैं? केशव प्रसाद मौर्य ने इसके जवाब में कहा, "भाजपा को प्रमाणपत्र देने की आवश्यकता नहीं है। हम सबका साथ सबका विकास करने में विश्वास रखते हैं। धर्माचार्यों को अपनी बात अपने मंच से कहने का अधिकार होता है। आप हिन्दू धर्माचार्यों की ही बात क्यों करते हो? बाकी धर्माचार्यों के बारे में क्या क्या बयान दिए गए हैं। उनकी बात क्यों नहीं करते हो। बातचीत के दौरान ही केशव प्रसाद मौर्य नाराज हो गए और माइक निकाल कर फेक दिया।

सामान्य प्रश्न

प्रश्न: केशव प्रसाद मौर्य वर्तमान में किस पद पर कार्यरत हैं?
उत्तर: केशव प्रसाद मौर्य वर्तमान में उत्तर प्रदेश सरकार में उपमुख्यमंत्री के पद पर कार्यरत हैं।

प्रश्न: केशव प्रसाद मौर्य किस राजनीतिक पार्टी से जुड़े हुए हैं?
उत्तर: वे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता हैं।

प्रश्न: क्या केशव प्रसाद मौर्य ने कभी लोकसभा चुनाव भी लड़ा है?
उत्तर: हां, उन्होंने 2014 में फूलपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की।

प्रश्न: केशव प्रसाद मौर्य का संबंध किस सामाजिक वर्ग से है?
उत्तर: केशव प्रसाद मौर्य कुशवाहा समुदाय से आते हैं, जो अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) में आता है।

प्रश्न: क्या केशव प्रसाद मौर्य ने शिक्षा के क्षेत्र में भी योगदान दिया है?
उत्तर: हां, उन्होंने प्रयागराज के हिंदू साहित्य सम्मेलन से हिंदी साहित्य की शिक्षा प्राप्त की और कई संस्थानों के स्वामी भी हैं, जिनमें अस्पताल, लॉजिस्टिक्स और व्यापारिक कंपनियां शामिल हैं।

Readers : 10 Publish Date : 2025-04-11 01:13:52