रितु जायसवाल : आयु, जीवनी, करियर, राजनीतिक और व्यक्तिगत जीवन

रितु जायसवाल
(Age 48 Yr. )
व्यक्तिगत जीवन
शिक्षा | कला स्नातक (अर्थशास्त्र) |
धर्म/संप्रदाय | सनातन |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
व्यवसाय | राजनीतिज्ञ |
स्थान | हाजीपुर, बिहार, भारत, |
पारिवारिक विवरण
अभिभावक | पिता: भोला प्रसाद चौधरी |
वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
जीवनसाथी | अरुण कुमार |
बच्चे/शिशु | बेटा: 1 |
Index
1. प्रारंभिक जीवन |
2. राजनीतिक करियर |
3. राजनीतिक प्रत्याशिता |
4. सामाजिक कार्य |
5. पुरस्कार |
6. व्यक्तिगत जीवन |
7. दृष्टिकोण |
8. सामान्य प्रश्न |
रितु जायसवाल एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं, जो वर्तमान में राष्ट्रीय जनता दल (महिला प्रकोष्ठ) की प्रदेश अध्यक्ष हैं। वे 2021 से 2023 तक राष्ट्रीय जनता दल की प्रदेश प्रवक्ता के रूप में कार्य कर चुकी हैं। इसके पूर्व, वे बिहार के सीतामढ़ी जिले के सिंघवाहिनी ग्राम पंचायत की राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त मुखिया रही हैं।
प्रारंभिक जीवन
रितु जयसवाल का जन्म 1 मार्च 1977 को हाजीपुर, बिहार में हुआ था। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा बिहार में प्राप्त की और बाद में वैशाली महिला कॉलेज, बिहार से कला में स्नातक की डिग्री हासिल की। उनकी शैक्षणिक पृष्ठभूमि ने समाजिक न्याय और जनसेवा के प्रति उनके गहरे जुड़ाव को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ग्रामीण बिहार की सामाजिक परिस्थितियों ने रितु को गहराई से प्रभावित किया, और उन्होंने अपने जीवन को वंचित समुदायों के उत्थान के लिए समर्पित करने का निर्णय लिया।
राजनीतिक करियर
रितु जयसवाल ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत जमीनी स्तर पर सकारात्मक बदलाव लाने की इच्छाशक्ति से प्रेरित होकर की। उन्हें शुरुआत में बिहार के सीतामढ़ी जिले के सोनवर्षा प्रखंड की सिंघवाहिनी पंचायत की मुखिया के रूप में किए गए कार्यों के लिए पहचान मिली। 2016 में निर्वाचित होने के बाद, रितु जयसवाल ने अपनी प्रगतिशील सोच के माध्यम से गाँव का कायाकल्प कर दिया, जिसमें उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, स्वच्छता और महिला सशक्तिकरण जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया।
मुखिया के रूप में उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए उन्हें कई सम्मानों से नवाजा गया और वे बिहार में ग्रामीण विकास का एक प्रेरणास्रोत बन गईं। विशेष रूप से, उन्होंने शासन में पारदर्शिता को बढ़ावा देने और स्थानीय निर्णय प्रक्रिया में नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए सराहना प्राप्त की।
राजनीतिक प्रत्याशिता
2020 के बिहार विधानसभा चुनावों में रितु जयसवाल ने राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रत्याशी के रूप में परिहार विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा। यद्यपि वे केवल 1,549 वोटों के मामूली अंतर से चुनाव हार गईं, लेकिन उनकी जनसाधारण में लोकप्रियता और सामाजिक सरोकारों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने उन्हें व्यापक सम्मान दिलाना जारी रखा।
वर्ष 2024 में, राष्ट्रीय जनता दल ने उन्हें शिवहर लोकसभा क्षेत्र से अपना उम्मीदवार बनाया, जहाँ उन्हें व्यापक जनसमर्थन प्राप्त हुआ, परंतु वे 29,143 वोटों के कम अंतर से चुनाव हार गईं। विकास, सामाजिक न्याय और सामुदायिक उत्थान पर आधारित उनकी नेतृत्व शैली ने उन्हें बिहार की जनता के बीच एक सशक्त और लोकप्रिय नेता के रूप में स्थापित किया है।
सामाजिक कार्य
अपनी राजनीतिक यात्रा के साथ-साथ, रितु जयसवाल अपने व्यापक सामाजिक कार्यों के लिए भी जानी जाती हैं। उन्होंने लगातार महिला अधिकारों, ग्रामीण विकास, और सतत आजीविका कार्यक्रमों के लिए आवाज़ उठाई है। स्वच्छता, जल आपूर्ति और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने पर उनका विशेष जोर रहा है, जिसकी व्यापक रूप से सराहना की गई है।
रितु जयसवाल ने विकास परियोजनाओं में सक्रिय भागीदारी निभाई है, जिनमें दूरदराज़ क्षेत्रों में सड़कें और पुलों का निर्माण तथा कमज़ोर वर्गों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं पहुँचाने के प्रयास शामिल हैं। शासन में उनकी सक्रिय भागीदारी और स्थानीय समुदाय से उनका गहरा जुड़ाव उन्हें आम जनता के बीच "मुखिया दीदी" के नाम से लोकप्रिय बनाता है।
पुरस्कार
वर्ष 2019 में, रितु जयसवाल को राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें "थीमैटिक – सामुदायिक आधारित संगठन (CBOs) द्वारा किए गए स्वैच्छिक कार्य" श्रेणी में प्रदान किया गया।
उन्हें "चैम्पियंस ऑफ चेंज अवॉर्ड 2018" से भी सम्मानित किया गया, जो भारत के तत्कालीन उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू द्वारा 26 दिसंबर 2018 को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में प्रदान किया गया।
इसके अतिरिक्त, रितु जयसवाल को फ्लेम लीडरशिप अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया है।
व्यक्तिगत जीवन
रितु जयसवाल विवाहित हैं और दो बच्चों की माता हैं। उनके पति अरुण कुमार एक आईएएस संबद्ध अधिकारी रहे हैं, जिन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर विद्यार्थियों को निःशुल्क शिक्षा देने का कार्य शुरू किया। उनका परिवार बिहार में निवास करता है।
अपने व्यस्त राजनीतिक और सामाजिक कार्यक्रमों के बावजूद, रितु जयसवाल आज भी अपनी जड़ों से गहराई से जुड़ी हुई हैं और ग्रामीण बिहार के विकास के लिए निरंतर कार्य कर रही हैं।
दृष्टिकोण
रितु जयसवाल का दृष्टिकोण एक न्यायसंगत और समतामूलक समाज की स्थापना करना है, जहाँ वंचित समुदायों का उत्थान सुनिश्चित किया जा सके। उनके नेतृत्व का मुख्य फोकस महिलाओं को सशक्त बनाना, शासन में पारदर्शिता को बढ़ावा देना, और सभी नागरिकों के लिए मूलभूत मानवाधिकारों — जैसे स्वच्छ जल, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं — की उपलब्धता सुनिश्चित करना है।
सामान्य प्रश्न
प्रश्न: रितु जयसवाल कौन हैं?
उत्तर: रितु जयसवाल एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं और वर्तमान में राष्ट्रीय जनता दल (महिला प्रकोष्ठ) की प्रदेश अध्यक्ष हैं। वे सिंघवाहिनी ग्राम पंचायत की राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त मुखिया रह चुकी हैं और बिहार के ग्रामीण विकास में सक्रिय भूमिका निभाती हैं।
प्रश्न: रितु जयसवाल का शिक्षा और व्यक्तिगत जीवन क्या है?
उत्तर: रितु जयसवाल का जन्म हाजीपुर, बिहार में हुआ था। उन्होंने अपनी शैक्षणिक शिक्षा वैशाली महिला कॉलेज, बिहार से प्राप्त की। वे विवाहित हैं और दो बच्चों की माँ हैं। उनके पति अरुण कुमार एक पूर्व आईएएस संबद्ध अधिकारी हैं, जिन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर छात्रों को मुफ्त में शिक्षा देना शुरू किया।
प्रश्न: रितु जयसवाल ने राजनीति में कदम कैसे रखा?
उत्तर: रितु जयसवाल ने ग्रामीण बिहार में सामाजिक बदलाव लाने की इच्छा से राजनीति में कदम रखा। वे सिंघवाहिनी पंचायत की मुखिया के रूप में कार्य करने से पहले सामाजिक कार्यों में सक्रिय थीं और वंचित समुदायों के उत्थान के लिए काम करती रही थीं।
प्रश्न: क्या रितु जयसवाल को कोई पुरस्कार मिले हैं?
उत्तर: हाँ, रितु जयसवाल को कई पुरस्कार मिले हैं, जिनमें 2019 में राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार और 2018 में चैम्पियंस ऑफ चेंज अवार्ड शामिल हैं। इसके अलावा उन्हें फ्लेम लीडरशिप अवार्ड भी मिल चुका है।
प्रश्न: रितु जयसवाल का दृष्टिकोण क्या है?
उत्तर: रितु जयसवाल का दृष्टिकोण समाज में समानता और वंचित वर्गों के उत्थान पर केंद्रित है। उनका नेतृत्व महिलाओं को सशक्त बनाने, शासन में पारदर्शिता को बढ़ावा देने, और सभी नागरिकों को स्वच्छ जल, शिक्षा, और स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने का है।