मनीष तिवारी : आयु, जीवनी, करियर, राजनीतिक और व्यक्तिगत जीवन

मनीष तिवारी
(Age 59 Yr. )
व्यक्तिगत जीवन
शिक्षा | कानून में स्नातक |
धर्म/संप्रदाय | सनातन |
राष्ट्रीयता | भारतीय |
व्यवसाय | राजनीतिज्ञ, वकील |
स्थान | चंडीगढ़, पंजाब, भारत, |
पारिवारिक विवरण
अभिभावक | पिता: वी.एन.तिवारी |
वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
जीवनसाथी | नाजनीन शिफा तिवारी |
बच्चे/शिशु | बेटी: इनेका तिवारी |
मनीष तिवारी एक भारतीय वकील और राजनीतिज्ञ हैं। वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य हैं और वर्तमान में 18वीं लोकसभा में चंडीगढ़ का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। इससे पहले वे 17वीं लोकसभा में आनंदपुर साहिब से सांसद थे।
मनीष तिवारी ने 2009 से 2014 तक लुधियाना से लोकसभा सदस्य के रूप में कार्य किया और 2012 से 2014 तक भारत सरकार में सूचना एवं प्रसारण मंत्री रहे।
वर्ष 2024 के आम चुनाव में उन्होंने चंडीगढ़ से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की।
व्यक्तिगत जीवन
मनीष तिवारी का जन्म 8 दिसंबर 1965 को चंडीगढ़, भारत में हुआ था। उनके पिता वी. एन. तिवारी एक हिंदू ब्राह्मण थे, जो पंजाबी भाषा के लेखक और पंजाब विश्वविद्यालय में प्रोफेसर थे। उनकी माता अमृत तिवारी, एक जाट सिख थीं, जो डेंटिस्ट थीं और पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (PGIMER) में ओरल हेल्थ साइंसेज सेंटर की प्रमुख, प्रोफेसर और डीन के पदों पर कार्यरत थीं।
वर्ष 1984 में उनके पिता की हत्या खालिस्तानी आतंकवादियों द्वारा कर दी गई थी। उनकी माँ का 2018 में कार्डियक अरेस्ट के कारण निधन हो गया। मनीष तिवारी के नाना सरदार तीरथ सिंह एक प्रतिष्ठित वकील और पंजाब में कांग्रेस सरकार में मंत्री रह चुके थे।
उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सेंट जॉन हाई स्कूल, चंडीगढ़ से प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ से बैचलर ऑफ आर्ट्स और दिल्ली विश्वविद्यालय से बैचलर ऑफ लॉ (LLB) की डिग्री हासिल की। विश्वविद्यालय के दिनों में वे स्विमिंग और वॉटर पोलो टीम के कप्तान भी रहे।
मनीष तिवारी ने मार्च 1996 में नाज़निन शिफा, जो एक पारसी हैं, से विवाह किया। वर्तमान में वे अपनी पत्नी और बेटी इनेका तिवारी के साथ लोधी गार्डन, नई दिल्ली में निवास करते हैं।
राजनीतिक और व्यावसायिक करियर
मनीष तिवारी ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत छात्र राजनीति से की थी। वह 1988 से 1993 तक नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI) के अध्यक्ष रहे और बाद में 1998 से 2000 तक इंडियन यूथ कांग्रेस (IYC) के अध्यक्ष भी बने।
उन्होंने 2004 के लोकसभा चुनावों में हार का सामना किया, लेकिन 2009 में लुधियाना से चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे। उन्होंने शिरोमणि अकाली दल के उम्मीदवार गुरचरण सिंह गालिब को 1 लाख से अधिक मतों से हराया। इसके बाद, वे भारत सरकार में सूचना एवं प्रसारण मंत्री बनाए गए।
तिवारी पेशे से वकील हैं और वर्तमान में भारत के सर्वोच्च न्यायालय, दिल्ली हाईकोर्ट और पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में वकालत करते हैं।
सांसद के रूप में रहते हुए उन्होंने एक निजी विधेयक (Private Member’s Bill) का मसौदा तैयार किया, जिसका उद्देश्य भारत की खुफिया एजेंसियों को संसदीय निगरानी के अधीन लाना था।
मार्च 2014 में जब वे पुनः लुधियाना से चुनाव लड़ने वाले थे, तब उन्हें हृदय संबंधी बीमारी के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया। कुछ दिन बाद उन्होंने अपनी स्वास्थ्य समस्याओं के चलते चुनाव नहीं लड़ने का फैसला लिया। उनकी जगह पूर्व पंजाब मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के पोते रवीनीत सिंह बिट्टू को उम्मीदवार बनाया गया।
मनीष तिवारी ने "Bridge India" के एक वेबिनार में "भारत की विदेश नीति: पहले वर्ष का मूल्यांकन" विषय पर वक्तव्य भी दिया।
2022 में यह रिपोर्ट आई कि मनीष तिवारी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार भी हो सकते हैं।
सामान्य प्रश्न
प्रश्न: मनीष तिवारी किस राजनीतिक दल से जुड़े हुए हैं?
उत्तर: मनीष तिवारी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) के वरिष्ठ नेता हैं।
प्रश्न: मनीष तिवारी वर्तमान में किस लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं?
उत्तर: वे वर्तमान में 18वीं लोकसभा में चंडीगढ़ लोकसभा सीट से सांसद हैं।
प्रश्न: मनीष तिवारी ने कौन-कौन से प्रमुख पद संभाले हैं?
उत्तर: उन्होंने सूचना एवं प्रसारण मंत्री (2012–2014) और लुधियाना से सांसद (2009–2014) के रूप में कार्य किया है।
प्रश्न: मनीष तिवारी की शिक्षा क्या है?
उत्तर: उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ से कला स्नातक (B.A.) और दिल्ली विश्वविद्यालय से विधि स्नातक (LL.B.) की डिग्री प्राप्त की है।
प्रश्न: क्या मनीष तिवारी वकालत भी करते हैं?
उत्तर: हां, वे एक पेशेवर वकील हैं और भारत के सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली हाई कोर्ट, तथा पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में प्रैक्टिस करते हैं।