बेंजामिन नेतन्याहू : आयु, जीवनी, करियर, राजनीतिक और व्यक्तिगत जीवन

बेंजामिन नेतन्याहू
(Age 75 Yr. )
व्यक्तिगत जीवन
शिक्षा | राजनीति विज्ञान में डॉक्टरेट |
धर्म/संप्रदाय | यहूदी धर्म |
राष्ट्रीयता | इजरायल |
व्यवसाय | राजनीतिज्ञ, आर्थिक सलाहकार, लेखक, मार्केटिंग कार्यकारी |
स्थान | तेल अवीव, इजरायल, |
शारीरिक संरचना
ऊंचाई | 5 फीट 10 इंच |
वज़न | 78 किग्रा (लगभग) |
आँखों का रंग | हेज़ल ग्रीन |
बालों का रंग | सफ़ेद |
पारिवारिक विवरण
अभिभावक | पिता- बेंज़ियन नेतन्याहू |
वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
जीवनसाथी | मिरियम वीज़मैन (विवाह 1972; तलाक. 1978) |
बच्चे/शिशु | बेटी- नोआ नेतन्याहू |
भाई-बहन | भाई- योनातन नेतन्याहू (इज़राइल रक्षा बल अधिकारी), इद्दो नेतन्याहू (चिकित्सक) |
पसंद
भोजन | पिस्ता स्वाद वाली आइसक्रीम |
Index
1. प्रारंभिक जीवन और सैन्य कैरियर |
2. शिक्षा |
3. प्रारंभिक करियर |
4. करियर: 1993 से 2025 तक |
5. व्यक्तिगत जीवन |
6. पुरस्कार |
7. सामान्य प्रश्न |
बेन्जामिन नेतन्याहू, इज़राइल के एक प्रमुख राजनेता हैं जो 2022 से फिर से इज़राइल के प्रधानमंत्री बने हैं। उन्होंने यह पद पहले 1996-1999 और 2009-2021 तक भी संभाला था, और इज़राइल के इतिहास में सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहने वाले व्यक्ति हैं, कुल मिलाकर 17 साल से ज्यादा।
नेतन्याहू का जन्म एक सेक्युलर यहूदी परिवार में हुआ था, और उन्होंने अपना बचपन वेस्ट जेरूसलम और संयुक्त राज्य अमेरिका में बिताया। 1967 में उन्होंने इज़राइल डिफेंस फोर्सेज (IDF) में शामिल होकर सायरेट माटकाल स्पेशल फोर्सेज में कैप्टन के रूप में सेवा की थी। 1972 में, उन्होंने अमेरिका वापस जाकर मैसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से ग्रेजुएशन की, और फिर बॉस्टन कंसल्टिंग ग्रुप में काम किया।
1984 में नेतन्याहू ने इज़राइल के राजदूत के रूप में अपना सफर शुरू किया, और 1996 में उन्हें इज़राइल का पहला प्रधानमंत्री बनाया गया, जो सीधे जनता के वोट से चुने गए थे। 1999 में वह चुनाव हार गए और निजी क्षेत्र में चले गए, लेकिन 2009 में वापस लौटे और 2013 और 2015 के चुनावों में जीत हासिल की।
नेतन्याहू का डोनाल्ड ट्रम्प के साथ गहरा रिश्ता था, और ट्रम्प की पहली राष्ट्रपति पद की अवधि के दौरान इज़राइल ने यरूशलेम को अपनी राजधानी के रूप में स्वीकार किया। उन्होंने 2023 में गाजा युद्ध के दौरान हमास-नेतृत्व वाले हमलों का सामना किया और 2024 में लेबनान और सीरिया में सैन्य कार्रवाई की। उन पर गाजा में नरसंहार करने के आरोप भी लगाए गए हैं।
प्रारंभिक जीवन और सैन्य कैरियर
बेन्जामिन नेतन्याहू का जन्म 21 अक्टूबर 1949 में तेल अवीव में हुआ था। उनकी मां त्ज़िला सेगल और पिता बेंजिओन नेतन्याहू, एक इतिहासकार थे। नेतन्याहू के परिवार का इतिहास ज़ायोनिस्ट आंदोलन से जुड़ा था और उनके पिता ने अपना उपनाम "Mileikowsky" से बदलकर "Netanyahu" रखा, जिसका मतलब है "ईश्वर ने दिया"।
नेतन्याहू का पालन-पोषण जेरूसलम में हुआ और उन्होंने हेन्रिएटा शोल्ड स्कूल में पढ़ाई की। 1956 से 1958 और 1963 से 1967 तक उनका परिवार अमेरिका में रहा, जहां उन्होंने चेल्टनहैम हाई स्कूल से शिक्षा प्राप्त की। वहां, उन्होंने डिबेट क्लब, शतरंज क्लब और फुटबॉल में भाग लिया।
1967 में, हाई स्कूल खत्म करने के बाद नेतन्याहू इज़राइल लौटे और इज़राइल डिफेंस फोर्सेज (IDF) में भर्ती हो गए। उन्होंने सायरत माटकल स्पेशल फोर्स यूनिट में पांच साल तक सेवा दी। उन्होंने 1967-1970 के वॉर ऑफ अट्रिशन, 1968 की करामेह की लड़ाई, और 1972 में सैबिना फ्लाइट 571 के रेस्क्यू ऑपरेशन में हिस्सा लिया। 1973 में यॉम किप्पुर युद्ध में भी भाग लिया और विशेष कमांडो मिशन चलाए।
शिक्षा
1972 में नेतन्याहू ने MIT (मैसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) में आर्किटेक्चर की पढ़ाई शुरू की। यॉम किप्पुर युद्ध के दौरान एक छोटा सा ब्रेक लेकर उन्होंने 1975 में आर्किटेक्चर में बैचलर डिग्री पूरी की और 1976 में MIT स्लोन स्कूल से मास्टर डिग्री प्राप्त की। नेतन्याहू ने राजनीति में भी रुचि ली और पॉलिटिकल साइंस में डॉक्टरेट की पढ़ाई शुरू की, लेकिन अपने भाई योनाथन की मौत के बाद उनकी पढ़ाई रुक गई।
1976 में, उनके भाई योनाथन, जो सायरत माटकल के कमांडर थे, एंतेबे रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान शहीद हो गए।
प्रारंभिक करियर
नेतन्याहू ने 1976 से 1978 तक बॉस्टन कंसल्टिंग ग्रुप में आर्थिक सलाहकार के रूप में काम किया। यहां पर उनका मित्त रोमनी से दोस्ती का रिश्ता बना, और रोमनी ने उन्हें "मजबूत व्यक्तित्व" वाला बताया। 1978 में, नेतन्याहू ने "Ben Nitai" नाम से बॉस्टन की स्थानीय टीवी पर एक शो में इज़राइल के संघर्ष पर अपने विचार रखे।
इसके बाद, नेतन्याहू 1978 से 1980 तक योनाथन नेतन्याहू एंटी-टेरर इंस्टीट्यूट का संचालन करने लगे, जो आतंकवाद पर शोध करने वाली एक संस्था थी। फिर 1980 से 1982 तक, वह जेरूसलम में रिम इंडस्ट्रीज के लिए मार्केटिंग डायरेक्टर रहे। इसी दौरान, उन्होंने इज़राइली राजनीति में अपनी कनेक्शन बनाई और मंत्री मोशे अरेंस से जुड़े।
1982 में, नेतन्याहू ने वाशिंगटन डी.सी. में इज़राइली दूतावास में डिप्टी चीफ ऑफ मिशन के रूप में कार्य किया। जब लेबनान युद्ध हुआ, तो उन्होंने मीडिया में इज़राइल का पक्ष रखा। 1984 से 1988 तक, नेतन्याहू संयुक्त राष्ट्र में इज़राइल के राजदूत के रूप में कार्यरत रहे, और इस दौरान वह रब्बी मेनाचेम श्नेरसन से प्रेरित हुए।
करियर: 1993 से 2025 तक
नेता विपक्ष (1993-1996)
1993 में जब नेतन्याहू ने लिकुड पार्टी का नेतृत्व संभाला, तब इज़राइल में बदलाव की हवा चलने लगी थी। ओस्लो समझौते के दौरान, जब इज़राइल और फिलिस्तीन के बीच शांति की उम्मीदें जगीं, नेतन्याहू ने इसे एक जोखिम बताया और खुलकर इसका विरोध किया। उनका मानना था कि यह समझौता इज़राइल की सुरक्षा के लिए खतरे का कारण बन सकता है। उनकी कट्टर विरोधी नीतियां लोगों के बीच बहस का कारण बनीं, लेकिन ये उन्हें विपक्षी नेता के रूप में एक मजबूत पहचान दिलाने में सफल रही। उनका यह समय इज़राइल की राजनीति में एक अहम मोड़ साबित हुआ।
प्रधानमंत्री (1996-1999)
नेतन्याहू ने 1996 में प्रधानमंत्री का पद संभाला और वे इज़राइल के पहले प्रधानमंत्री बने जिन्हें जनता के सीधे चुनाव में चुना गया था। उनका प्रधानमंत्री बनना इज़राइल की राजनीति में एक नया अध्याय था। उनके कार्यकाल के दौरान, सुरक्षा मुद्दों पर उन्होंने सख्त रवैया अपनाया और आतंकवाद के खिलाफ कई कठोर कदम उठाए। 1997 में, नेतन्याहू ने इज़राइल की सेना को ज़्यादा ताकत दी, जिससे उन्होंने कई आतंकवादी समूहों को शिकस्त दी। हालांकि, उनका यह समय विवादों से भी घिरा रहा, क्योंकि उन्होंने पश्चिमी तट पर बस्तियों के विस्तार की नीति जारी रखी, जिससे अंतरराष्ट्रीय आलोचना का सामना करना पड़ा। अंततः 1999 के चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा, लेकिन वे एक बार फिर राजनीति में वापसी करने के लिए तैयार हो गए थे।
विपक्ष में लौटना (1999-2003)
1999 में हार के बाद नेतन्याहू ने कुछ समय के लिए राजनीति से दूरी बनाई और निजी क्षेत्र में कदम रखा। लेकिन 2003 में इज़राइल में राजनीतिक माहौल में बदलाव आया, और नेतन्याहू ने फिर से लिकुड पार्टी का नेतृत्व संभाला। विपक्ष में रहते हुए, उन्होंने इज़राइल की आंतरिक सुरक्षा, आर्थिक विकास और विदेश नीति पर सख्त रुख अपनाया। उनकी यह नीति उन्हें इज़राइल के समाज में और भी अधिक लोकप्रिय बनाती गई।
प्रधानमंत्री (2009-2021)
2009 में नेतन्याहू ने फिर से प्रधानमंत्री पद संभाला और इस बार उनका कार्यकाल लंबे समय तक चला। उनका प्रधानमंत्री बनने का मतलब था इज़राइल में सुरक्षा, आर्थिक और कूटनीतिक मामलों में एक नई दिशा। उन्होंने देश की आर्थिक स्थिति को मजबूत किया, लेकिन उनकी सबसे बड़ी पहचान उनकी सुरक्षा नीतियों और पश्चिमी तट पर बस्तियों के विस्तार को लेकर बनी। 2017 में जब डोनाल्ड ट्रंप ने येरुशलम को इज़राइल की राजधानी के रूप में मान्यता दी, तो यह कदम नेतन्याहू के लिए एक बड़ी कूटनीतिक जीत था।
उनके प्रधानमंत्री पद के दौरान, इज़राइल ने कई महत्वपूर्ण कूटनीतिक समझौते किए, जिनमें अब्राहम समझौते शामिल है, जिसमें इज़राइल ने संयुक्त अरब अमीरात और बहरीन के साथ शांति समझौता किया। नेतन्याहू ने इस समय को एक ऐतिहासिक मोड़ की तरह देखा, क्योंकि यह इज़राइल के लिए न सिर्फ कूटनीतिक दृष्टि से, बल्कि आर्थिक दृष्टि से भी फायदे का सौदा था।
लेकिन उनके शासनकाल में भ्रष्टाचार के आरोप भी लगे। 2019 में, उन पर विश्वासघात, रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के आरोप लगाए गए, जिसके कारण उनकी राजनीतिक स्थिति कमजोर हुई। हालांकि, वह प्रधानमंत्री बने रहे, लेकिन राजनीतिक संकट और विरोध के कारण 2021 में उन्हें पद छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा।
2021 में प्रधानमंत्री पद से हटना और गठबंधन सरकार का गठन
2021 में इज़राइल के राजनीतिक संकट ने एक नई दिशा ली। नेतन्याहू को विपक्ष में भेजा गया और एक नया गठबंधन सरकार बनी, जिसमें कई राजनीतिक दलों ने एकजुट होकर नेतन्याहू के शासन का अंत किया। हालांकि, नेतन्याहू ने हार मानने के बजाय अपनी स्थिति को मजबूत करने की कोशिश की और गठबंधन सरकार को चुनौती दी।
2022 में फिर से प्रधानमंत्री बनने की कोशिश
2022 में, नेतन्याहू ने चुनाव जीते और फिर से प्रधानमंत्री बनने की कोशिश की। इस बार उनके पास एक मजबूत गठबंधन था। उन्होंने पुराने वादों के साथ अपनी कड़ी नीतियों को लागू किया, जो इज़राइल के सुरक्षा मुद्दों पर केंद्रित थीं। उनका उद्देश्य था देश की सुरक्षा को सुनिश्चित करना, लेकिन उनके कड़े कदमों के कारण कई विरोध भी हुए।
2023 में न्यायिक सुधार और विरोध प्रदर्शन
2023 में, नेतन्याहू की सरकार ने न्यायपालिका में सुधार के लिए एक प्रस्ताव दिया, जिससे पूरे इज़राइल में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए। जनता का कहना था कि इन सुधारों से लोकतंत्र को खतरा हो सकता है। नेतन्याहू पर आरोप लगा कि वह अपने और अपनी सरकार के पक्ष में न्यायिक प्रणाली को मोड़ने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे देश में राजनीतिक और सामाजिक तनाव बढ़ गया।
2023: हमास का हमला और गाजा युद्ध
2023 के अक्टूबर में, जब हमास ने इज़राइल पर हमला किया, तो नेतन्याहू के नेतृत्व में इज़राइल ने गाजा में युद्ध छेड़ दिया। यह संघर्ष इज़राइल और फिलिस्तीन के बीच एक गंभीर संकट बन गया, और नेतन्याहू की सरकार को सुरक्षा में चूक के आरोपों का सामना करना पड़ा। गाजा में हुए युद्ध ने इज़राइल को अंतरराष्ट्रीय आलोचना का शिकार बना दिया, और नेतन्याहू पर यह आरोप भी लगे कि उन्होंने इज़राइली बंधकों की सुरक्षित वापसी के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए।
2024: लेबनान और सीरिया में सैन्य हमले
2024 में, नेतन्याहू ने लेबनान और सीरिया में सैन्य कार्रवाई का आदेश दिया, जहां उनका लक्ष्य हिज़बुल्लाह और अन्य आतंकवादी समूहों को नष्ट करना था। इन हमलों ने इज़राइल के क्षेत्रीय प्रभाव को और बढ़ाया, लेकिन इनसे क्षेत्रीय तनाव भी बढ़ गए।
अंतर्राष्ट्रीय अदालत में केस और 2025 तक के आरोप
नेतन्याहू के ऊपर गाजा में नरसंहार के आरोप लगाए गए, और दिसंबर 2023 में इज़राइल के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में केस दायर किया गया। इसके साथ ही, इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट ने नवंबर 2024 में नेतन्याहू के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया, जो उनके खिलाफ युद्ध अपराधों और मानवता के खिलाफ अपराधों से संबंधित था। 2025 तक, उनका राजनीतिक भविष्य अंधेरे में है, और इज़राइल के भीतर और बाहर दोनों जगह उनकी आलोचना जारी है।
व्यक्तिगत जीवन
परिवार और बचपन
बेंजामिन नेतन्याहू का जन्म 21 अक्टूबर 1949 को इज़राइल के तेल अवीव में हुआ था। उनके पिता, बेंजियोन नेतन्याहू, एक प्रसिद्ध इतिहासकार थे जो विशेष रूप से यहूदी स्पेन के स्वर्णिम युग पर काम करते थे, और उनकी मां, त्ज़िला सिगल, एक गृहिणी थीं। नेतन्याहू का परिवार मूल रूप से पोलैंड से था, लेकिन उनके पिता ने जब इज़राइल में आकर बसने का निर्णय लिया तो उन्होंने अपना उपनाम "मिलेकोव्सकी" से बदलकर "नेतन्याहू" रखा, जिसका अर्थ है "ईश्वर ने दिया"। नेतन्याहू तीन बच्चों में से दूसरे थे, और उनका पालन-पोषण येरुशलम में हुआ था।
शादी और रिश्ते
बेंजामिन नेतन्याहू की तीन शादियाँ हुई हैं और उन्होंने कई extramarital अफेयर्स भी किए हैं। उनकी पहली शादी मिरियम वेइज़मैन से हुई थी, जिनसे उन्होंने अमेरिका में पढ़ाई के दौरान मुलाकात की। इस शादी से उनका एक बेटी, नोआ (जन्म: 29 अप्रैल 1978) हुआ। 1978 में, वेइज़मैन के गर्भवती होने पर नेतन्याहू ने ब्रिटिश छात्रा फ्ल्यूर केट्स के साथ अफेयर शुरू किया, जिसके कारण उनका तलाक हो गया।
1981 में नेतन्याहू ने फ्ल्यूर केट्स से शादी की, जो बाद में यहूदी धर्म अपनाया। 1988 में केट्स ने उनसे तलाक ले लिया। उनकी तीसरी पत्नी सारा बें-आर्त्ज़ी हैं, जिनसे उन्होंने 1991 में शादी की। उनके दो बेटे हैं: यायिर (जन्म: 26 जुलाई 1991) और अव्नेर (जन्म: 10 अक्टूबर 1994)।
1993 में, नेतन्याहू ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया कि उनका अफेयर रुथ बार से था, जो उनके सार्वजनिक संबंध सलाहकार थीं।
पुरस्कार
बेंजामिन नेतन्याहू को उनके जीवन में कई पुरस्कार और सम्मान मिले हैं, जो उनकी राजनीति, नेतृत्व और इज़राइल की सेवा में उनके योगदान को मान्यता देते हैं। नीचे कुछ प्रमुख पुरस्कारों और सम्मानों की सूची दी गई है:
इज़राइल का सर्वोच्च सम्मान ( 1998)
- नेतन्याहू को इस पुरस्कार से इज़राइल के राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय राजनीति में उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया। खासतौर पर उनके द्वारा इज़राइल की सुरक्षा नीतियों को मजबूत करने के प्रयासों के लिए यह पुरस्कार दिया गया।
फ्रीडम अवार्ड (2014)
- नेतन्याहू को इस पुरस्कार से उनके द्वारा लोकतंत्र और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के प्रोत्साहन के लिए सम्मानित किया गया। उन्होंने इज़राइल के सामाजिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से स्वतंत्रता की मजबूती में भूमिका निभाई।
इंटरनेशनल काउंसिल अवार्ड (2017)
- यह पुरस्कार नेतन्याहू को उनके वैश्विक नेतृत्व और इज़राइल को अंतरराष्ट्रीय मंच पर मजबूत बनाने के लिए दिया गया। नेतन्याहू ने अपनी विदेश नीति के माध्यम से इज़राइल की स्थिति को दृढ़ किया।
नेशनल सिक्योरिटी अवार्ड (2002)
- नेतन्याहू को इज़राइल की राष्ट्रीय सुरक्षा को सुनिश्चित करने के उनके प्रयासों के लिए इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया। विशेष रूप से उन्होंने आतंकवादियों और बाहरी खतरों से देश को सुरक्षित रखने के लिए कई योजनाओं को लागू किया।
हेरिटेज अवार्ड (2011)
- यह पुरस्कार नेतन्याहू को उनके ऐतिहासिक धरोहर को संरक्षित करने और यहूदी संस्कृति के प्रसार के लिए दिया गया। उनका उद्देश्य इज़राइल की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत को संजोना था, जिसे उन्होंने अपने शासनकाल में महत्वपूर्ण माना।
विशेष पुरस्कार – UN (2007)
- नेतन्याहू को यह पुरस्कार संयुक्त राष्ट्र द्वारा दिए गए योगदानों के लिए दिया गया, खासतौर पर उनके द्वारा इज़राइल के अधिकारों की रक्षा करने और विश्व समुदाय में इज़राइल की आवाज़ को मजबूती देने के लिए।
सामान्य प्रश्न
प्रश्न: बेंजामिन नेतन्याहू कौन हैं?
उत्तर: बेंजामिन नेतन्याहू इज़राइल के प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने कई बार यह पद संभाला है। वे इज़राइल की सुरक्षा और विदेश नीति में प्रमुख भूमिका निभाते हैं।
प्रश्न: बेंजामिन नेतन्याहू के प्रमुख योगदान क्या हैं?
उत्तर: उन्होंने इज़राइल की सुरक्षा को मजबूत किया, और वैश्विक राजनीति में इज़राइल की स्थिति को सशक्त किया।
प्रश्न: क्या बेंजामिन नेतन्याहू को कोई पुरस्कार मिला है?
उत्तर: हां, उन्हें कई पुरस्कार मिले हैं, जिनमें "इज़राइल प्राइज" और "नेशनल सिक्योरिटी अवार्ड" शामिल हैं।
प्रश्न: बेंजामिन नेतन्याहू की राजनीतिक विचारधारा क्या है?
उत्तर: बेंजामिन नेतन्याहू की राजनीतिक विचारधारा दाहिनेपंथी और राष्ट्रवादी है। वे इज़राइल की सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हैं और फिलिस्तीनियों के साथ समझौतों के लिए सतर्क रहते हैं।
प्रश्न: बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ क्या विवाद रहे हैं?
उत्तर: उन्हें भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने इन आरोपों का विरोध किया।